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वाराणसी: नेहा शाह ने जेल अधीक्षक पर लगाए गंभीर आरोप, राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की गुहार

वाराणसी: नेहा शाह ने जेल अधीक्षक पर लगाए गंभीर आरोप, राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की गुहार

वाराणसी में नेहा शाह ने जेल अधीक्षक उमेश सिंह पर भ्रष्टाचार और उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं, राष्ट्रपति को पत्र लिखकर अपनी मां के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के चलते इच्छामृत्यु की मांग की है।

वाराणसी, 6 अप्रैल – वाराणसी की रहने वाली नेहा शाह ने आज कचहरी स्थित सर्किट हाउस के सामने आयोजित प्रेस वार्ता में एक बेहद संवेदनशील और चौंकाने वाला मामला उठाया। उन्होंने भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को संबोधित 20 पन्नों का विस्तृत पत्र मीडिया के समक्ष प्रस्तुत किया, जिसमें जेल अधीक्षक श्री उमेश सिंह पर भ्रष्टाचार, प्रताड़ना और गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगाए गए हैं। पत्र में नेहा ने अपनी मां, उपकारापाल मीना कनौजिया, के साथ हो रहे उत्पीड़न को लेकर न्याय की गुहार लगाई है और अपनी निराशा व्यक्त करते हुए इच्छामृत्यु की मांग की है।

नेहा शाह का आरोप है कि जब से उन्होंने अपनी मां के पक्ष में आवाज उठाई है, तब से जेल अधीक्षक उमेश सिंह के इशारे पर उनकी मां को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। नेहा का कहना है कि श्री सिंह अपने प्रभाव और आर्थिक ताकत के दम पर पूरे तंत्र को नियंत्रित करते हैं, जिससे उन्हें और उनके परिवार को निरंतर खतरा बना हुआ है। उन्होंने बताया कि उनकी मां अधीक्षक की अवैध मांगों के सामने नहीं झुकीं, जिससे उन्हें यह दुर्व्यवहार झेलना पड़ रहा है।

जेल अधीक्षक पर विस्तृत आरोप
पत्र में उमेश सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार, पद का दुरुपयोग और जेल मैनुअल के उल्लंघन से जुड़े कई आरोप दर्ज किए गए हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

⦿ बैरक आवंटन में अवैध वसूली – बंदियों से पैसे लेकर बैरक का मनमाना आवंटन, जिससे करोड़ों की अवैध कमाई।

⦿ मुलाकात पर्चियों से वसूली – कंप्यूटरीकृत नि:शुल्क पर्चियों पर ₹15 तक की अवैध वसूली।

⦿ अवैध कैंटीन संचालन – नशे के सामान की बिक्री के लिए जेल कैंटीन का दुरुपयोग।

⦿ फर्जी अस्पताल भर्ती – पैसे लेकर अपराधियों को जेल अस्पताल में भर्ती कराना।

⦿ बैरक संख्या 9 में स्थान के बदले वसूली – प्रति बंदी ₹10,000 की मांग।

⦿ पूर्व मंत्री को रिश्वत देने का प्रयास – बाराबंकी कार्यकाल में ₹50,000 की रिश्वत की पेशकश का आरोप।

⦿ सरकारी धन का गबन और COVID मास्क की कालाबाजारी – बजट में हेराफेरी और मास्क की बाहरी बिक्री।

⦿ जेल मैनुअल के उल्लंघन – रिपोर्ट बुक की अनदेखी, साप्ताहिक परेड न कराना, समय पर रिहाई न देना आदि।

नेहा शाह ने इन सभी आरोपों के साक्ष्य होने का दावा किया है और यह भी कहा कि शिकायतों के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

न्याय की उम्मीद खत्म होने पर इच्छामृत्यु की मांग
अपनी मां की स्थिति से आहत नेहा ने राष्ट्रपति को पत्र लिखते हुए कहा है कि उन्हें अब न्याय की कोई उम्मीद नहीं दिखती। अपनी मां को रोज़ रोते और टूटते देखने की पीड़ा में उन्होंने खुद के लिए इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है।

यह मामला न सिर्फ जेल प्रशासन की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि न्याय प्रणाली में भरोसे की गंभीर चुनौती भी प्रस्तुत करता है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन और सरकार इस प्रकरण पर क्या रुख अपनाते हैं।

Published By : Dilip kumar Updated : Sun, 06 Apr 2025 08:32 PM (IST)
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Tags: varanasi news corruption allegations jail superintendent umesh singh superintendent

Category: crime news uttar pradesh varanasi jila jail varanasi

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