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वाराणसी: भीड़ नियंत्रण के लिए एशिया की पहली योजना, त्योहारों पर मिलेगी राहत

वाराणसी: भीड़ नियंत्रण के लिए एशिया की पहली योजना, त्योहारों पर मिलेगी राहत

वाराणसी में त्योहारों के दौरान होने वाली भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए एशिया की पहली योजना तैयार की जा रही है, जिससे शहर में सुव्यवस्था बनी रहेगी और पर्यटकों को सुविधा होगी।

वाराणसी: ऐतिहासिक और सांस्कृतिक नगरी काशी अब एक नया कीर्तिमान रचने की ओर अग्रसर है। एशिया में पहली बार भीड़ नियंत्रण के लिए एक सशक्त और तकनीकी रूप से उन्नत योजना तैयार की जा रही है, जिससे वाराणसी न केवल अपने धार्मिक महत्व के लिए बल्कि भीड़ प्रबंधन के आदर्श मॉडल के रूप में भी जाना जाएगा।

मंगलवार को होटल ताज में वाराणसी नगर निगम और टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित विशेष कार्यशाला में जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष भीड़ प्रबंधन की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की गई। कार्यशाला का शुभारंभ नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने किया। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों, संस्थाओं के प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों का आभार व्यक्त करते हुए इस योजना को शहर के भविष्य के लिए मील का पत्थर बताया।

टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन, डब्ल्यूआरआई इंडिया और अर्बन लैब्स ने विगत कई महीनों से वाराणसी के विभिन्न हिस्सों में गहन सर्वेक्षण कर भीड़ के स्वरूप, समय और स्थान की जानकारी जुटाई। अपने प्रस्तुतिकरण में उन्होंने बताया कि खासकर देव दीपावली, महाशिवरात्रि जैसे पर्वों पर वाराणसी में भीड़ असामान्य रूप से बढ़ जाती है। गिरजाघर से दशाश्वमेध, गोदौलिया से मैदागिन और अस्सी घाट के इलाके सर्वाधिक भीड़भाड़ वाले क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि कैसे रियल-टाइम डेटा के जरिए भीड़ की गति और घनत्व को मॉनिटर कर बेहतर गतिशीलता योजना बनाई जा सकती है। इसके तहत बेनियाबाग में होल्डिंग एरिया विकसित करने का सुझाव दिया गया है, जिससे संकट के समय भीड़ को सुचारू रूप से नियंत्रित किया जा सके।

टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन द्वारा शुरू की गई सस्टेनेबल सिटीज चैलेंज के तहत वाराणसी को चुना गया है। इस योजना के तहत 9 मिलियन डॉलर की वैश्विक इनोवेटर अकादमी में 10 देशों के इनोवेटर्स को एक मंच पर लाकर समाधान प्रस्तुत किए जा रहे हैं। वाराणसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड, नगर निगम और वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट के सहयोग से डेटा-संचालित समाधान तैयार किए जा रहे हैं।

कार्यक्रम निदेशक प्रस गणेश ने कहा, वाराणसी ऐतिहासिक शहर है, मगर इसकी वर्तमान गतिशीलता चुनौतियों को आधुनिक तकनीक और डेटा की मदद से सुलझाया जा सकता है।

जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने योजना की सराहना करते हुए कहा कि वाराणसी के विशेष स्वरूप को देखते हुए इसमें स्थानीय लोगों से भी सुझाव लिए जाएं। उन्होंने दालमंडी क्षेत्र के चौड़ीकरण के बाद भीड़ प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए पुनः योजना बनाने पर बल दिया। साथ ही होल्डिंग एरिया के लिए नए विकल्पों की भी चर्चा की।

इस महत्वपूर्ण कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल, अपर पुलिस आयुक्त प्रमोद कुमार, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ शंभू शरण, डीसीपी राजेश कुमार पांडेय, वाराणसी छावनी बोर्ड के सीईओ सत्यम मोहन, स्टेशन निदेशक अर्पित गुप्ता, अपर जिलाधिकारी प्रकाश चंद्र, अपर नगर आयुक्त सविता यादव, स्मार्ट सिटी के मुख्य अभियंता अमरेंद्र तिवारी, पीआरओ संदीप श्रीवास्तव सहित तमाम विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। अंत में नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।

वाराणसी जल्द ही भीड़ नियंत्रण के क्षेत्र में एशिया का पहला मॉडल शहर बन सकता है। तकनीक, डेटा और स्थानीय सहभागिता के मेल से तैयार की जा रही यह योजना भविष्य के लिए नजीर पेश करेगी।

Published By : SANDEEP KR SRIVASTAVA Updated : Wed, 19 Mar 2025 09:59 PM (IST)
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Tags: varanasi news bheed niyantran crowd management

Category: breaking news uttar pradesh news

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