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वाराणसी: ऐतिहासिक रामलीला भूमि पर अवैध भूसा मंडी का मामला गहराया, विहिप ने पुलिस को सौंपा पत्रक

वाराणसी: ऐतिहासिक रामलीला भूमि पर अवैध भूसा मंडी का मामला गहराया, विहिप ने पुलिस को सौंपा पत्रक

रामनगर के रामलीला मैदान में अवैध रूप से चल रही भूसा मंडी को लेकर विवाद गहरा गया है, विश्व हिंदू परिषद ने मंडी हटवाने की मांग करते हुए थाने में शिकायत दर्ज कराई है, कार्रवाई की मांग की है।

वाराणसी: रामनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत पंचवटी में स्थित विश्वप्रसिद्ध रामलीला मैदान, जो कि एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में स्थापित है, इन दिनों विवादों के घेरे में है। इस स्थल पर अवैध रूप से संचालित हो रही भूसा मंडी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को विश्व हिंदू परिषद प्रखंड रामनगर के कार्यकर्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल रामनगर थाने पहुंचा और ऐतिहासिक धरोहर पर कब्जा कर संचालित मंडी को हटवाने की मांग करते हुए एक औपचारिक पत्र उप निरीक्षक कौशलेंद्र सिंह को सौंपा।

प्रतिनिधिमंडल का कहना था कि रामनगर दुर्ग के सुरक्षा अधिकारी कैप्टन राजेश शर्मा द्वारा भी पहले ही रामनगर थाने को सूचित किया जा चुका है कि रामलीला मैदान पर भूसा मंडी का संचालन अवैध है और इसकी अनुमति दुर्ग प्रशासन की ओर से कभी नहीं दी गई। बीते सप्ताह दुर्ग प्रशासन की तरफ से थाने को पत्र भेजकर यह स्पष्ट कर दिया गया था कि काशीराज परिवार, जो इस धरोहर की देखरेख करता है, इस मंडी से व्यथित है और वह इस गतिविधि के खिलाफ है। इसके बावजूद रामनगर थाने द्वारा अब तक कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई है, जिससे नाराज होकर विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों में रोष बढ़ता जा रहा है।

पत्रक में यह भी उल्लेख किया गया कि प्रशासनिक अनदेखी और पुलिस की निष्क्रियता के चलते लोगों में यह संदेश जा रहा है कि कहीं-न-कहीं प्रभावशाली लोगों की शह पर यह मंडी संचालित हो रही है। यह मामला केवल कानून-व्यवस्था का ही नहीं बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक आस्थाओं का भी है, क्योंकि रामलीला मैदान केवल एक भूखंड नहीं, बल्कि हिंदू संस्कृति और परंपरा का प्रतीक स्थल है।

इस प्रतिनिधिमंडल में प्रखंड अध्यक्ष सजेंद्र यादव, बजरंग दल संयोजक अभिषेक सिंह, आनंद शर्मा, विवेक दुबे, राजन जायसवाल, चंदन जायसवाल और पंकज सहित कई प्रमुख कार्यकर्ता शामिल थे। सभी ने एकमत से मांग की कि शासन-प्रशासन तत्काल संज्ञान ले और रामलीला ट्रस्ट की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराए।

गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब इस मुद्दे को लेकर आवाज उठी हो। इससे पहले भी दुर्ग प्रशासन द्वारा रामनगर थाने में अवैध मंडी के विरुद्ध लिखित शिकायत दी गई थी, लेकिन प्रशासन की ओर से ठोस कार्यवाही न होना जनता की समझ से परे है। इस पूरे मामले पर राज्य सरकार की नीति भी सवालों के घेरे में आ गई है, क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं अतिक्रमण और धार्मिक स्थलों के संरक्षण को लेकर सख्त रुख अपनाने के लिए जाने जाते हैं। इसके बावजूद स्थानीय पुलिस की निष्क्रियता इस नीति के विपरीत प्रतीत हो रही है।

स्थानीय नागरिकों में अब यह चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि क्या प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर कोई प्रभावी कदम उठाएगा या फिर यह मामला भी राजनीतिक और प्रशासनिक चुप्पी की भेंट चढ़ जाएगा। अब निगाहें शासन के उच्च अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों पर टिकी हैं कि वे कब और कैसे इस ऐतिहासिक स्थल की गरिमा की रक्षा के लिए सामने आते हैं। जनता को उम्मीद है कि उनकी आस्था का प्रतीक यह भूमि फिर से अपनी गरिमा लौटाएगी और अवैध कब्जा जल्द ही समाप्त होगा।

Published By : SANDEEP KR SRIVASTAVA Updated : Sun, 04 May 2025 07:06 PM (IST)
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Tags: ramlila maidan bhusa mandi varanasi news

Category: crime uttar pradesh news

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