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वाराणसी: असुरक्षित विज्ञापन ढांचे हटाने का नगर निगम का अभियान, एजेंसियों को चेतावनी

वाराणसी: असुरक्षित विज्ञापन ढांचे हटाने का नगर निगम का अभियान, एजेंसियों को चेतावनी

वाराणसी में नगर निगम ने शहर में लगे असुरक्षित विज्ञापन स्ट्रक्चर और फ्लैक्स को हटाने के लिए अभियान शुरू किया है, विज्ञापन एजेंसियों को नोटिस भेजकर एक सप्ताह में कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है।

वाराणसी: गर्मियों की शुरुआत के साथ ही तेज हवाओं के चलते शहर में लगे भारी-भरकम विज्ञापन ढांचे गिरने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में आम जन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नगर निगम ने शहरभर में लगाए गए खतरनाक विज्ञापन स्ट्रक्चर और फ्लैक्स हटवाने के लिए एक बड़ा अभियान शुरू कर दिया है। इस दिशा में सर्वे की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो चुकी है, जिसमें निगम की टीम पूरी मुस्तैदी से जुटी हुई है। साथ ही नगर निगम ने सभी विज्ञापन एजेंसियों को नोटिस भेजकर सख्त चेतावनी दी है कि वे अपने स्तर पर निरीक्षण कर एक सप्ताह के भीतर सभी असुरक्षित विज्ञापन स्ट्रक्चर को हटा लें। यदि तय समयसीमा के भीतर कार्रवाई नहीं की गई, तो संबंधित एजेंसियों पर सीधे दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी और वैध लेकिन असुरक्षित विज्ञापनों को भी निरस्त किया जा सकता है।

नगर निगम के अनुसार, यह कार्यवाही ‘नगर निगम (आकाश चिह्न, विज्ञापनों का नियंत्रण एवं अनुज्ञप्ति शुल्क वसूली) उपविधि’ के अंतर्गत की जा रही है, जिसे हाल ही में संशोधित किया गया है ताकि विज्ञापन एजेंसियों की मनमानी पर लगाम लगाई जा सके। इन नियमों के तहत अब विद्युत डिजिटल विज्ञापन, भू-आधारित विज्ञापन, बारामदा-दुकान विज्ञापन, दीवारों पर लगे विज्ञापन, प्रक्षिप्त यानी बाहर निकले हुए विज्ञापन, शामियाना, आकाशीय विज्ञापन, अस्थायी एवं विविध प्रकार के विज्ञापन, ट्रैफिक पुलिस बूथ और जनसुविधा स्थलों पर लगे विज्ञापन, छतरी, पताका, झंडी, गुब्बारा और ट्री गार्ड पर लगे फ्लावर पार्ट जैसे प्रचार माध्यमों के लिए निगम से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। साथ ही इनके निर्माण में सुरक्षा मानकों का भी विशेष ध्यान रखा जाना अनिवार्य है।

नवीन तकनीकी उपायों को अपनाते हुए, नगर निगम अब अवैध और असुरक्षित विज्ञापनों की पहचान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का भी उपयोग करने जा रहा है। इस दिशा में परीक्षण प्रारंभ हो चुका है और यह योजना कार्यान्वयन की अंतिम चरण में है। उल्लेखनीय है कि एआई तकनीक का उपयोग करने वाला देश का पहला नगर निगम महाराष्ट्र के पिंपरी-चिंचवाड़ म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन है, जबकि वाराणसी देश का दूसरा नगर निगम बनने जा रहा है जो इस उन्नत तकनीक की सहायता से विज्ञापन नियंत्रण व्यवस्था को और पारदर्शी एवं प्रभावी बनाएगा।

एआई तकनीक के तहत एक विशेष तकनीकी वाहन शहर में भ्रमण कर सेंसर के माध्यम से हर गली, चौराहे और सड़कों पर लगे विज्ञापनों का डेटा एकत्र करेगा। यह डाटा कंप्यूटर प्रणाली में फीड कर निगम के अधिकृत विज्ञापन रिकॉर्ड से मिलान किया जाएगा। इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन सा विज्ञापन निगम से अधिकृत है और कौन अवैध रूप से लगा है। इस तकनीक से न केवल अवैध विज्ञापनों की पहचान होगी, बल्कि यह भी पता चलेगा कि कौन से ढांचे सुरक्षा के लिहाज़ से खतरनाक हैं।

इस पूरे अभियान को लेकर विज्ञापन प्रभारी अधिकारी जितेंद्र आनंद ने कहा, "विज्ञापन एजेंसियों को नोटिस देकर एक सप्ताह का समय दिया गया है। इस अवधि के बाद नगर निगम की टीम निरीक्षण कर उचित कार्रवाई करेगी। शासन स्तर से भी इस विषय में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य जन सुरक्षा सुनिश्चित करना है, न कि केवल राजस्व वसूली।"

नगर निगम की इस पहल को जनता के बीच काफी सराहना मिल रही है, क्योंकि बीते वर्षों में तेज हवाओं के कारण विज्ञापन ढांचों के गिरने की घटनाएं हुई हैं, जिनमें जान-माल की हानि भी हुई थी। ऐसे में यह सख्ती न केवल आवश्यक है, बल्कि समय की मांग भी है। आने वाले दिनों में यह देखा जाना बाकी है कि विज्ञापन एजेंसियां इस चेतावनी को कितनी गंभीरता से लेती हैं और नगर निगम की तकनीकी पहल किस हद तक शहर को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बना पाती है।

Published By : SANDEEP KR SRIVASTAVA Updated : Thu, 01 May 2025 07:21 PM (IST)
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Tags: varanasi news nagar nigam advertisement structures

Category: breaking news uttar pradesh news

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