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काशी: दालमंडी में ₹220 करोड़ की परियोजना,सड़क होगी चौड़ी, बिजली के तार होंगे भूमिगत

काशी: दालमंडी में ₹220 करोड़ की परियोजना,सड़क होगी चौड़ी, बिजली के तार होंगे भूमिगत

वाराणसी के दालमंडी क्षेत्र में सड़क चौड़ीकरण और बुनियादी ढांचे के सुधार के लिए ₹220 करोड़ की परियोजना शुरू की गई है,जिसमें बिजली के तारों को भूमिगत किया जाएगा।

वाराणसी: काशी के ऐतिहासिक दालमंडी क्षेत्र में सड़क चौड़ीकरण को लेकर प्रशासन ने एक बड़ी योजना पर काम शुरू कर दिया है, जिसके तहत बिजली के खंभों को हटाकर तारों के जाल को समाप्त किया जाएगा। यह क्षेत्र वाराणसी के सबसे घनी आबादी वाले और व्यावसायिक गतिविधियों से भरपूर इलाकों में से एक है। यहां बीते कुछ वर्षों में जनसंख्या और व्यापार दोनों में भारी वृद्धि देखने को मिली है, जिससे संकरी गलियों में बुनियादी ढांचे पर दबाव बढ़ता गया है। ऐसे में अब लोक निर्माण विभाग (PWD) ने यहां 220 करोड़ रुपये की लागत से सड़क चौड़ीकरण और अधो-संरचना सुधार की योजना तैयार की है।

इस परियोजना का उद्देश्य केवल सड़क को चौड़ा करना नहीं है, बल्कि बिजली, सीवर और पेयजल की लाइनों को भूमिगत करना भी है ताकि भविष्य में किसी भी मरम्मत या विकास कार्य के लिए सड़क को दोबारा न खोदना पड़े। बिजली के जटिल तारों के जाल को हटाकर खंभों को शिफ्ट किया जाएगा और उन्हें भूमिगत केबलिंग में बदला जाएगा। इसी तरह सीवर और पानी की लाइनों के लिए भी विशेष डक्ट बनाए जाएंगे, जो दोनों तरफ की फुटपाथ के नीचे डाले जाएंगे। यह सड़क, जिसकी चौड़ाई 17 मीटर तय की गई है, एक "मॉडल सड़क" के रूप में विकसित की जाएगी। इस पर दिशासूचक बोर्ड भी लगाए जाएंगे जिससे स्थानीय नागरिकों और पर्यटकों को रास्ता समझने में सहूलियत होगी।

इस पूरी परियोजना के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और अधिकारियों के अनुसार मई के अंत तक निर्माण कार्य की शुरुआत संभव है। 220 करोड़ की कुल राशि में से लगभग 195 करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर प्रभावित लोगों को दिए जाएंगे, जबकि शेष राशि चौड़ीकरण और अधो-संरचना कार्यों में खर्च की जाएगी। प्रभावित क्षेत्रों में अधिकतर मकान अब वाणिज्यिक गतिविधियों के केंद्र बन चुके हैं, जिनमें दुकानों और गोदामों की भरमार है। यही वजह है कि कुछ स्थानीय निवासी इस परियोजना से उत्साहित हैं, क्योंकि उन्हें इससे बेहतर सड़क और बुनियादी सुविधाएं मिलने की उम्मीद है, जबकि कुछ लोग अपने व्यापारिक स्थान के प्रभावित होने को लेकर चिंतित भी हैं।

दालमंडी क्षेत्र काशी के ‘पक्के महाल’ यानी पुराने शहर की उन गलियों में आता है जो अपने संकरे रास्तों और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाने जाते हैं। यहां वर्षों से जर्जर हो चुकी बुनियादी संरचनाएं, विशेष रूप से ड्रेनेज और सीवर लाइनें, लगातार समस्या पैदा कर रही हैं। बारिश के मौसम में जलभराव आम बात है। अभी तक नगर निगम लगभग 200 साल पुराने ड्रेनेज सिस्टम पर निर्भर रहा है, जिसे अब बदलने की तैयारी हो रही है। इसके लिए नया सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है और 'शाही नाला' को एक वैकल्पिक सीवरेज लाइन के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है। इस नई ब्रांच लाइन से जलनिकासी की समस्या में काफी हद तक सुधार आने की संभावना है।

इस परियोजना को लेकर सरकारी महकमे और स्थानीय प्रशासन पूरी तरह सक्रिय हैं और इसे पुराने शहर के कायाकल्प की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि ऐतिहासिक धरोहरों को नुकसान न पहुंचे और विकास कार्य परंपरा और आधुनिकता के संतुलन के साथ आगे बढ़े। यदि यह कार्य समय पर और योजनाबद्ध तरीके से पूरा हुआ, तो यह न केवल स्थानीय निवासियों के लिए राहतदायक सिद्ध होगा, बल्कि पर्यटकों के लिए भी काशी का यह हिस्सा अधिक आकर्षक और सुगम बन जाएगा।

Published By : SANDEEP KR SRIVASTAVA Updated : Tue, 13 May 2025 06:40 PM (IST)
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Tags: varanasi news dalmandi project infrastructure development

Category: uttar pradesh infrastructure

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