UP KHABAR
Search Icon
UP KI BAAT DESH KE SATH

यूपी: भाजपा ने 70 जिलों के किये जिलाध्यक्ष घोषित, गुटबाजी के चलते 28 जिलों में चुनाव स्थगित

यूपी: भाजपा ने 70 जिलों के किये जिलाध्यक्ष घोषित, गुटबाजी के चलते 28 जिलों में चुनाव स्थगित

उत्तर प्रदेश भाजपा ने 70 जिलों के लिए जिलाध्यक्षों की घोषणा की, जिसमें 44 नए चेहरे और सामाजिक समीकरणों का ध्यान रखा गया, जबकि 28 जिलों में गुटबाजी के कारण चुनाव स्थगित कर दिए गए।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश भाजपा ने लगभग ढाई महीने की लंबी मशक्कत के बाद रविवार को 70 जिलों में जिलाध्यक्षों की सूची जारी कर दी है। लेकिन यह राह इतनी आसान नहीं रही। पार्टी को 28 जिलों में गुटबाजी, आंतरिक विरोध और वरिष्ठ नेताओं के दबाव के चलते ऐन वक्त पर चुनाव को स्थगित करना पड़ा।

पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी, प्रदेश चुनाव प्रभारी महेंद्रनाथ पांडेय के क्षेत्र चंदौली और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद कौशांबी में अब तक जिलाध्यक्षों की घोषणा नहीं हो सकी। ऐसे में इन जिलों में नेतृत्व के संकट की स्थिति बनी हुई है।

नए जिलाध्यक्षों में सामाजिक समीकरणों का खास ध्यान

घोषित 70 जिलाध्यक्षों में से 44 नए चेहरे हैं, जबकि 26 पुराने जिलाध्यक्षों को दोबारा मौका दिया गया है। खास बात यह है कि पार्टी ने जातीय समीकरण साधने की भरपूर कोशिश की है। 39 जिलाध्यक्ष सामान्य वर्ग से चुने गए हैं, जिनमें 20 ब्राह्मण, 10 ठाकुर, 4 वैश्य, 3 कायस्थ और 2 भूमिहार शामिल हैं। वहीं, 25 जिलाध्यक्ष ओबीसी समुदाय से और 6 अनुसूचित जाति वर्ग से हैं। महिलाओं को लेकर स्थिति अभी भी बेहतर नहीं है—सिर्फ 5 महिला जिलाध्यक्ष बनाए गए हैं।

क्यों टाले गए 28 जिलों के चुनाव?

भाजपा सूत्रों की मानें तो कई जिलों में स्थानीय नेताओं के बीच गुटबाजी चरम पर थी। कई दावेदारों ने उच्च नेतृत्व तक अपनी पकड़ बनाई हुई थी, जिसके चलते सर्वसम्मति नहीं बन सकी। प्रदेश चुनाव प्रभारी महेंद्रनाथ पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह लगातार प्रयास करते रहे, लेकिन सभी जिलों में एक साथ फैसला लेना संभव नहीं हो सका।

यह पहली बार है जब प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व के बीच जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर इतनी असहमति देखने को मिली है।

क्षेत्रवार देखें कहां-कहां हुए बदलाव

अवध क्षेत्र (15 जिलों में से 10 में नियुक्ति)

नए चेहरे: विजय मौर्य (लखनऊ), रवि मिश्रा (बलरामपुर), अनुराग अवस्थी (उन्नाव), मिश्रीलाल वर्मा (श्रावस्ती)।

पुराने चेहरों को मौका: आनंद द्विवेदी (लखनऊ महानगर), बुद्धिलाल पासी (रायबरेली), अजीत सिंह चौहान (हरदोई) समेत अन्य।

स्थगित जिलों में: अयोध्या, अंबेडकर नगर, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी आदि।

गोरखपुर क्षेत्र (12 में से 10 में नियुक्ति)

नए चेहरे: जनार्दन तिवारी (गोरखपुर जिला), ध्रुव कुमार सिंह (आजमगढ़), नीतू सिंह (संतकबीर नगर) समेत 7 जिलों में नए अध्यक्ष।

स्थगित: सिद्धार्थनगर और देवरिया।

कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र (17 में से 13 में नियुक्ति)

नए चेहरे: रेणुका सचान (कानपुर देहात), मोहनलाल कुशवाहा (महोबा), प्रदीप पटेल (झांसी) समेत अन्य।

स्थगित: झांसी महानगर, जालौन, फतेहपुर, हमीरपुर।

पश्चिमी यूपी (19 में से 13 में नियुक्ति)

नए चेहरे: मयंक गोयल (गाजियाबाद), महेश चौहान (नोएडा महानगर), हरीश गंगवार (रामपुर) समेत 8 जिलों में नए अध्यक्ष।

पुराने चेहरों को फिर मौका: आकाश पाल (मुरादाबाद), सुधीर सैनी (मुजफ्फरनगर) आदि।

स्थगित: अलीगढ़, हाथरस, एटा आदि।

ब्रज क्षेत्र (19 में से 13 में नियुक्ति)

नए चेहरे: प्रशांत पौनिया (आगरा), हरीशंकर यादव (मथुरा), ममता सिंह (मैनपुरी) आदि।

पुराने चेहरे: निर्भय पांडेय (मथुरा), राजीव कुमार गुप्ता (बदायूं) आदि।

काशी क्षेत्र (16 में से 11 में नियुक्ति)

नए चेहरे: प्रदीप अग्रहरि (वाराणसी महानगर), सुशील त्रिपाठी (सुल्तानपुर), निर्मला पासवान (प्रयागराज गंगापार) आदि।

स्थगित: वाराणसी जिला, चंदौली, मिर्जापुर, कौशांबी।

60 वर्ष से ऊपर उम्र वाले 2 जिलाध्यक्ष

भाजपा के दिशा-निर्देशों के अनुसार जिलाध्यक्ष पद के लिए अधिकतम आयु सीमा 60 वर्ष तय थी, लेकिन विशेष परिस्थिति में दो वरिष्ठ नेताओं को उम्र सीमा में छूट दी गई। रायबरेली के बुद्धिलाल पासी और फिरोजाबाद महानगर के सतीश दिवाकर को 60 वर्ष से अधिक आयु होने के बावजूद नियुक्त किया गया है।

प्रदेश चुनाव प्रभारी महेंद्रनाथ पांडेय ने कहा, लोकसभा चुनाव में हार का जिम्मेदार सिर्फ जिलाध्यक्ष नहीं होता। कई कारक होते हैं। मैं स्वयं चंदौली से हारा, लेकिन वहां के जिलाध्यक्ष ने मेहनत नहीं की, यह कहना उचित नहीं।

साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में क्षेत्रीय अध्यक्षों से राय नहीं ली गई। इससे यह स्पष्ट है कि निर्णय का पूरा नियंत्रण लखनऊ और दिल्ली के नेतृत्व के पास ही रहा।

आगे की रणनीति: पंचायत और विधानसभा चुनाव पर फोकस

भाजपा की इस नई टीम की नियुक्ति पंचायत चुनाव 2026 और विधानसभा चुनाव 2027 को ध्यान में रखते हुए की गई है। पार्टी ने हर वर्ग और जाति के संतुलन के साथ, संगठन में नई ऊर्जा भरने का प्रयास किया है।

Published By : SANDEEP KR SRIVASTAVA Updated : Sun, 16 Mar 2025 09:18 PM (IST)
FOLLOW WHATSAPP CHANNEL

Tags: up bjp district president political news

Category: india news politics

LATEST NEWS