UP KHABAR
Search Icon
UP KI BAAT DESH KE SATH

भारत-पाक तनाव के बीच सऊदी अरब के विदेश राज्यमंत्री पहुंचे दिल्ली, एस जयशंकर से की मुलाकात

भारत-पाक तनाव के बीच सऊदी अरब के विदेश राज्यमंत्री पहुंचे दिल्ली, एस जयशंकर से की मुलाकात

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के बाद सऊदी अरब के विदेश राज्यमंत्री अदेल अल-जुबैर ने भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से मुलाकात की, जिसमें आतंकवाद पर चर्चा हुई और तनाव कम करने के प्रयासों पर जोर दिया गया.

नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। इस घटनाक्रम ने न केवल दक्षिण एशियाई क्षेत्र में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता की लहरें दौड़ा दी हैं। कई वैश्विक शक्तियों और संगठनों ने दोनों देशों से संयम बरतने और कूटनीतिक माध्यमों से विवाद सुलझाने की अपील की है। इसी पृष्ठभूमि में सऊदी अरब और ईरान जैसे प्रभावशाली पश्चिमी एशियाई देशों के शीर्ष राजनयिकों की भारत यात्रा को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

सऊदी अरब के विदेश राज्यमंत्री अदेल अल-जुबैर मंगलवार को अचानक नई दिल्ली पहुंचे, जहां उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से मुलाकात की। इस मुलाकात को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को और मजबूत करने के साथ-साथ भारत और पाकिस्तान के बीच उपजे ताजा तनाव को कम करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। बैठक के बाद डॉ. एस जयशंकर ने सोशल मीडिया के जरिए जानकारी साझा करते हुए लिखा, “आज सुबह सऊदी अरब के विदेश राज्यमंत्री अदेल अलजुबैर के साथ एक सकारात्मक बैठक हुई। आतंकवाद के खिलाफ भारत के स्पष्ट और सख्त रुख को साझा किया।”

भारत के पड़ोसी पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच सऊदी अरब की इस सक्रियता को मध्यस्थता की संभावित पहल के रूप में देखा जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि सऊदी अरब, जो भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ घनिष्ठ आर्थिक और सामरिक संबंध रखता है, इस तनाव को कूटनीतिक तरीके से सुलझाने की दिशा में प्रयास कर सकता है। गौरतलब है कि हाल के वर्षों में भारत और सऊदी अरब के बीच रणनीतिक साझेदारी ने नई ऊंचाइयों को छुआ है, जिसमें आतंकवाद के खिलाफ सहयोग एक महत्वपूर्ण पहलू रहा है।

इस बीच, ईरान के उप विदेश मंत्री अब्बास अराघची भी भारत दौरे पर हैं। वे बुधवार की मध्यरात्रि को दिल्ली पहुंचे और आज उनके भी भारतीय विदेश मंत्री से मिलने का कार्यक्रम है। ईरान की यह यात्रा भी क्षेत्रीय स्थिरता और कूटनीतिक वार्ताओं की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। ईरान, जो अपने रणनीतिक दृष्टिकोण और क्षेत्रीय प्रभाव के लिए जाना जाता है, भारत के साथ अपने संबंधों को सदैव विशेष महत्व देता आया है।

भारत में एक के बाद एक सऊदी और ईरानी मंत्रियों की मौजूदगी इस ओर संकेत करती है कि वैश्विक समुदाय दक्षिण एशिया में किसी भी प्रकार के सशस्त्र संघर्ष की आशंका को गंभीरता से ले रहा है और सभी संभावित माध्यमों से तनाव को कम करने की कोशिश कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में भारत सरकार की विदेश नीति और कूटनीतिक संतुलन इस संकट से निपटने में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। भारत की यह कूटनीतिक सक्रियता इस बात का प्रमाण है कि वह न केवल अपने सीमाई सुरक्षा हितों को लेकर सजग है, बल्कि वैश्विक शांति प्रयासों में भी जिम्मेदारीपूर्वक योगदान देना चाहता है।

Published By : SANDEEP KR SRIVASTAVA Updated : Thu, 08 May 2025 01:16 PM (IST)
FOLLOW WHATSAPP CHANNEL

Tags: india pakistantension saudiarabia subrahmanyamjaishankar

Category: international affairs diplomacy

LATEST NEWS