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नई दिल्ली: जेपीसी की बैठक में वक्फ संशोधन विधेयक पर हंगामा, 10 विपक्षी सांसद निलंबित

नई दिल्ली: जेपीसी की बैठक में वक्फ संशोधन विधेयक पर हंगामा, 10 विपक्षी सांसद निलंबित

वक्फ संशोधन विधेयक पर संसदीय समिति की बैठक में विपक्ष के हंगामे के बाद 10 सांसदों को दिनभर के लिए निलंबित कर दिया गया, विपक्ष ने विधेयक के अध्ययन के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलने का आरोप लगाया, वहीं भाजपा ने विपक्ष पर कार्यवाही में बाधा डालने का आरोप लगाया।

नई दिल्ली: संसद परिसर में शुक्रवार को वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक में तीखी नोकझोंक और हंगामे के कारण 10 विपक्षी सांसदों को पूरे दिन के लिए समिति की सदस्यता से निलंबित कर दिया गया। बैठक के दौरान विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि उन्हें प्रस्तावित विधेयक में संशोधनों का अध्ययन करने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया, जबकि भाजपा ने विपक्षी सदस्यों पर संसदीय कार्यवाही में बाधा डालने का आरोप लगाया।

बैठक में कश्मीर के अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल को अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए बुलाया गया था। इससे पहले, चर्चा के दौरान विपक्षी सांसदों ने भाजपा पर दिल्ली चुनाव को ध्यान में रखते हुए विधेयक को जल्दबाजी में पारित कराने का आरोप लगाया। इस हंगामे के चलते बैठक की कार्यवाही अस्थायी रूप से स्थगित करनी पड़ी।

भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति ने हंगामे के बाद तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, एआईएमआईएम और अन्य दलों के 10 सांसदों को दिनभर के लिए निलंबित कर दिया। निलंबित सांसदों में कल्याण बनर्जी, असदुद्दीन ओवैसी, नासिर हुसैन, मोहम्मद जावेद, ए राजा, अरविंद सावंत, नदीमुल हक, इमरान मसूद, एम अब्दुल्ला और मोहिबुल्लाह शामिल हैं।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि समिति की बैठक में अघोषित आपातकाल जैसा माहौल था। उन्होंने सभापति पर किसी की बात न सुनने का आरोप लगाते हुए कहा कि विधेयक पर खंडवार चर्चा के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए। बनर्जी ने 27 जनवरी को प्रस्तावित बैठक को 30 या 31 जनवरी तक टालने की मांग की।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने विपक्षी सांसदों पर संसदीय परंपराओं के खिलाफ आचरण करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विपक्ष बहुमत की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहा है। दुबे ने ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने मीरवाइज को सुनने के दौरान जानबूझकर हंगामा किया, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ है।
बैठक के बाद मीरवाइज उमर फारूक ने वक्फ संशोधन विधेयक का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि सरकार को धर्म के मामलों में हस्तक्षेप से बचना चाहिए। उन्होंने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि हमारे सुझावों को सुना जाएगा और उन पर विचार किया जाएगा। ऐसा कोई कदम न उठाएं जिससे मुसलमानों में असहजता हो।

वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर विचार के लिए आयोजित जेपीसी की बैठक विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच टकराव का मंच बन गई। जहां भाजपा इसे विधेयक को आगे बढ़ाने की जरूरत बता रही है, वहीं विपक्ष इसे जल्दबाजी में पारित करने की कोशिश करार दे रहा है। अगली बैठक 27 जनवरी को प्रस्तावित है, जहां विधेयक पर खंडवार चर्चा की संभावना है।

Published By : SANDEEP KR SRIVASTAVA Updated : Fri, 24 Jan 2025 02:27 PM (IST)
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Tags: vakf sanshodhan vidheyak sansad hungama virodhi sansad nilambit

Category: parliament news political news

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