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जम्मू-कश्मीर: राजौरी में रहस्यमयी बीमारी से 17 की मौत, जिनमें 13 बच्चे -अमित शाह ने भेजी टीम

जम्मू-कश्मीर: राजौरी में रहस्यमयी बीमारी से 17 की मौत, जिनमें 13 बच्चे -अमित शाह ने भेजी टीम

जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के बधाल गांव में एक रहस्यमयी बीमारी के कारण 17 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 13 बच्चे शामिल हैं, जिसके बाद गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है।

जम्मू-कश्मीर: राजौरी जिले से 55 किलोमीटर दूर स्थित बधाल गांव में एक रहस्यमयी बीमारी के कारण 17 लोगों की मौत के बाद इसे कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। मृतकों में 13 बच्चे शामिल हैं। जिला प्रशासन ने गांव में बीएनएसएस की धारा 163 (पहले ये धारा 144 थी) लागू कर दी है और प्रभावित परिवारों के घरों को सील कर दिया है।

जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि, बधाल को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। गांव को तीन जोन में विभाजित किया गया है और सभी सार्वजनिक और निजी सभाओं पर रोक लगा दी गई है। प्रभावित परिवारों को भोजन और पानी की आपूर्ति की निगरानी के लिए विशेष अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने मंगलवार देर रात स्वास्थ्य और पुलिस विभाग के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की। बैठक में स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा सचिव, जम्मू के एडीजीपी, राजौरी-पुंछ रेंज के डीआईजी, जिला आयुक्त राजौरी, जीएमसी जम्मू और राजौरी के प्रधानाचार्य सहित कई राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल थे। डुल्लू ने स्वास्थ्य और पुलिस विभाग को सख्त रोकथाम के उपाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने दोनों विभागों को गांव की आबादी की निगरानी के लिए उचित एसओपी तैयार करने की सलाह दी। उन्होंने स्वास्थ्य और पुलिस विभाग को गांव में पर्याप्त संख्या में कर्मी तैनात करने के लिए कहा ताकि एसओपी का पालन सुनिश्चित किया जा सके।

डुल्लू ने आगे कहा कि संभागीय और जिला प्रशासन को अपनी सतर्कता में कोई ढील नहीं देनी चाहिए और केवल टेस्ट किए गए खाद्य और गैर-खाद्य पदार्थों को ही क्वारंटीन किए गए लोगों को इस्तेमाल करने की अनुमति देनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक इन मौतों के वास्तविक कारणों का पता नहीं चल जाता, तब तक पुलिस और स्वास्थ्य पेशेवरों को निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार अपनी जांच जारी रखनी चाहिए। सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा डॉ. सैयद आबिद रशीद शाह ने बैठक में बताया कि परिवारों को आइसोलेट करने तथा उनकी जांच के बाद उन्हें भोजन और पानी उपलब्ध कराने के लिए हरसंभव उपाय किए गए हैं। किसी भी व्यक्ति में लक्षण दिखने पर निगरानी रखने के लिए स्वास्थ्य टीमें वहां तैनात हैं। साथ ही यह भी बताया गया कि स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों को तैयार रखा गया है और यह सुनिश्चित किया गया है कि कोई भी भोजन या खाद्य सामग्री आपस में न मिले।

रहस्यमयी बीमारी के कारणों का पता लगाने के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, नई दिल्ली के नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, लखनऊ के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी एंड रिसर्च, ग्वालियर के डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट, चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर माइक्रोबायोलॉजी विभाग, और आईसीएमआर-वीआरडीएल जैसे संस्थानों को शामिल किया गया है।
25 वर्षीय अजीज अहमद इसी बीमारी के लक्षणों से ग्रस्त थे। उन्हें मंगलवार रात को भारतीय वायुसेना के एयर एंबुलेंस के माध्यम से पीजीआई चंडीगढ़ भेजा गया। जम्मू के संभागीय आयुक्त रमेश कुमार ने कहा, युवक को मंगलवार रात भारतीय वायुसेना की एयर एंबुलेंस से पीजीआई चंडीगढ़ ले जाया गया। इस बीच, बुधवार को बदहाल गांव में 16, 18 और 23 साल की तीन सगी बहनें रहस्यमयी बीमारी की चपेट में आ गईं। बुधवार को गांव की तीन सगी बहनों - नाजिया कौसर (16), तजीम अख्तर (23) और खालिदा बेगम (18) को राजौरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के अनुसार, उनकी हालत स्थिर है लेकिन यह बीमारी अचानक तबीयत बिगड़ने का कारण बनती है।

तीन बहनों में सबसे बड़ी ताजीम अख्तर की शादी मुश्ताक अहमद से हुई है। मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. शमीम चौधरी ने बताया, 16, 18 और 23 साल की तीन सगी बहनों को बुधवार को जीएमसी राजौरी में भर्ती कराया गया। फिलहाल उनकी हालत स्थिर लग रही है और डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं, लेकिन बीमारी के कारण उनकी हालत अचानक बिगड़ गई है।एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया, ये तीनों महिलाएं फजल हुसैन की बहन की संतान हैं। फजल हुसैन वह व्यक्ति है, जो अपने परिवार के साथ 7 दिसंबर को पहली बार रहस्यमय बीमारी की चपेट में आया था।

स्थानीय निवासियों के अनुसार, यह बीमारी पहली बार 7 दिसंबर को 40 वर्षीय फजल हुसैन और उनके परिवार में सामने आई। 8 दिसंबर को फजल हुसैन की मौत हो गई, इसके बाद उनकी बेटियां फरमाना (7) और राबिया कौसर (14) और बेटे रुकसान अहमद (10) की मौत हो गई। 12 दिसंबर को उनका सबसे छोटा बेटा रफ्तार अहमद (4) भी चल बसा। स्वास्थ्य अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर गांव के 30 लोगों को जीएमसी राजौरी के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया है। किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए अस्पताल में एक और आइसोलेशन वार्ड तैयार किया जा रहा है।
बधाल गांव में 585 घर हैं और कुल 3624 की आबादी है, जिसमें 1986 पुरुष और 1638 महिलाएं शामिल हैं। गांव की साक्षरता दर 55.5% है। फिलहाल 30 लोगों को राजौरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। किसी भी आकस्मिकता से निपटने के लिए एक और आइसोलेशन वार्ड तैयार किया जा रहा है।

गृह मंत्री अमित शाह द्वारा भेजी गई अंतर-मंत्रालयीय टीम गांव में डेरा डाले हुए है और विभिन्न अध्ययनों में लगी हुई है। मुख्य सचिव ने टीम को हरसंभव एहतियाती उपाय करने और स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. सैयद आबिद रशीद शाह ने बताया कि प्रभावित परिवारों को भोजन और जल की आपूर्ति जांच के बाद ही की जा रही है। स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों को उच्च स्तर पर तैयार रखा गया है और प्रभावित परिवारों को सतत निगरानी में रखा गया है। जब तक इस बीमारी के वास्तविक कारण का पता नहीं चलता, प्रशासन ने गांव में कड़ी निगरानी और सख्त रोकथाम उपाय जारी रखने के निर्देश दिए हैं।

Published By : SANDEEP KR SRIVASTAVA Updated : Thu, 23 Jan 2025 01:53 AM (IST)
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Tags: rajouri news jammu kashmir news mystery disease

Category: health indian states

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