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मथुरा: संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा के समय में बदलाव, अब सुबह 4 बजे से होगी पदयात्रा

मथुरा: संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा के समय में बदलाव, अब सुबह 4 बजे से होगी पदयात्रा

स्वास्थ्य कारणों से मथुरा में संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा का समय बदला गया है, जो अब रात 2 बजे की जगह सुबह 4 बजे शुरू होगी, क्योंकि उन्हें किडनी की समस्या है।

मथुरा: श्रद्धालुओं के बीच अत्यंत श्रद्धेय संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा के समय में परिवर्तन किया गया है। अब तक जो पदयात्रा रात 2 बजे प्रारंभ होती थी, वह अब तड़के 4 बजे शुरू होगी। यह बदलाव महाराज के स्वास्थ्य कारणों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। प्रेमानंद महाराज की तबीयत में हाल ही में कुछ गिरावट देखी गई थी, जिसके चलते पिछले पांच दिनों तक पदयात्रा स्थगित रखी गई थी। स्वास्थ्य में आंशिक सुधार के बाद अब पदयात्रा पुनः प्रारंभ कर दी गई है, लेकिन नए समय के अनुसार।

सूत्रों के अनुसार, प्रेमानंद महाराज को पिछले लगभग बीस वर्षों से किडनी की समस्या है। पहले सप्ताह में तीन बार डायलिसिस की आवश्यकता होती थी, परंतु अब स्थिति गंभीर हो गई है और सप्ताह में चार से पांच बार डायलिसिस किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, देर रात तक डायलिसिस की प्रक्रिया चलती है, जिससे महाराज के शरीर पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है। इसी स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए पदयात्रा का समय बदलने का निर्णय लिया गया है, ताकि वे अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए अपने भक्तों के बीच रह सकें।

गत 16 अप्रैल से संत प्रेमानंद महाराज ने पदयात्रा पर जाना अस्थायी रूप से बंद कर दिया था। बुधवार की आधी रात के बाद आश्रम से सेवादारों द्वारा माइक पर घोषणा की गई कि महाराज जी आज पदयात्रा पर नहीं जाएंगे। यह सुनकर दूर-दूर से आए हजारों भक्तों में मायूसी फैल गई और कई भक्तों की आंखें नम हो गईं। उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि महाराज जल्द स्वस्थ हों और पुनः पूर्ण ऊर्जा के साथ भक्तों को दर्शन दें।

प्रेमानंद महाराज आम दिनों में वृंदावन स्थित श्रीकृष्ण शरणम् सोसाइटी से तड़के पदयात्रा प्रारंभ करते हैं और लगभग 2 किलोमीटर पैदल चलकर रमणरेती स्थित अपने आश्रम, हित राधा केली कुंज, पहुँचते हैं। उनकी पदयात्रा में सम्मिलित होने और दर्शन पाने के लिए सामान्य दिनों में करीब 20 हजार भक्त एकत्रित होते हैं, जबकि सप्ताहांत और बड़े पर्वों पर यह संख्या लाखों तक पहुँच जाती है। विशेष अवसरों पर, जैसे जन्माष्टमी या राधाष्टमी, यह संख्या तीन लाख से भी अधिक हो जाती है।

स्वास्थ्य चुनौतियों के बावजूद प्रेमानंद महाराज ने अपने तप और साधना के क्रम को यथासंभव बनाए रखा है। जानकारी के अनुसार, श्रीकृष्ण शरणम् सोसाइटी में उनके दो फ्लैट हैं — HR 1 ब्लॉक के फ्लैट नंबर 209 और 212। इनमें से एक में वे निवास करते हैं और दूसरे फ्लैट को विशेष रूप से डायलिसिस के लिए तैयार किया गया है, जहाँ सप्ताह में चार से पांच बार डायलिसिस की जाती है। इस व्यवस्था से उन्हें अस्पताल तक बार-बार जाने की कठिनाई से मुक्ति मिली है।

प्रेमानंद महाराज का जीवन अत्यंत प्रेरणादायी रहा है। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के अखरी गांव में हुआ था। बचपन में उनका नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे रखा गया था। अध्यात्म के प्रति गहरा झुकाव बचपन से ही दिखाई दिया। पारिवारिक वातावरण धार्मिक था और परिवार में प्रत्येक पीढ़ी में कोई न कोई व्यक्ति साधु या संत बना। 13 वर्ष की अल्पायु में, एक बार शिव मंदिर के चबूतरे के निर्माण में अवरोध उत्पन्न होने से व्यथित होकर उन्होंने घर छोड़ दिया और संन्यास का मार्ग चुन लिया।

इसके बाद अनिरुद्ध ने कानपुर के सरसौल स्थित नंदेश्वर मंदिर, फिर महराजपुर, बिठूर और अंततः काशी में अपना प्रवास किया। काशी में उन्होंने गुरु गौरी शरण जी महाराज से दीक्षा ली और कठिन साधना के दिन बिताए। इस दौरान वे दिन में केवल एक बार भोजन करते थे और कई बार भोजन नहीं मिलने पर केवल गंगाजल पीकर रहते थे। उनका यह तपस्वी जीवन कालांतर में उन्हें संत प्रेमानंद महाराज के रूप में प्रतिष्ठित करने में सहायक बना।

आज प्रेमानंद महाराज केवल भारत ही नहीं, अपितु विश्वभर में फैले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए आस्था और भक्ति का पर्याय बन चुके हैं। उनकी वाणी और सत्संग से भक्तों को आध्यात्मिक शांति और मार्गदर्शन मिलता है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बावजूद महाराज का भक्तों के प्रति प्रेम और सेवा का भाव अडिग है।

आश्रम प्रशासन ने भक्तों से आग्रह किया है कि वे प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए धैर्य रखें और नए समयानुसार तड़के 4 बजे होने वाली पदयात्रा में सम्मिलित हों। साथ ही, महाराज जी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रार्थना करते रहें, ताकि वे पुनः अपने संपूर्ण सामर्थ्य के साथ साधना और सेवा के पथ पर अग्रसर हो सकें।

Published By : SANDEEP KR SRIVASTAVA Updated : Tue, 22 Apr 2025 11:57 AM (IST)
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Tags: premanand maharaj mathura news padayatra

Category: spiritual uttar pradesh news

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