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वाराणसी: रामनगर/ LUCC पर धोखाधड़ी के दो और मुकदमे दर्ज, करोड़ों के घोटाले का आरोप

वाराणसी: रामनगर/ LUCC पर धोखाधड़ी के दो और मुकदमे दर्ज, करोड़ों के घोटाले का आरोप

कोर्ट के आदेश पर लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट थ्रिफ्ट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के खिलाफ धोखाधड़ी के दो और मुकदमे दर्ज, निवेशकों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का आरोप।

वाराणसी: रामनगर/ गाजियाबाद के साहिबाबाद क्षेत्र स्थित लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट थ्रिफ्ट को-ऑपरेटिव सोसाइटी (एलयूसीसी) एक बार फिर चर्चा में है, और इस बार वजह है गंभीर वित्तीय अनियमितताएं और निवेशकों के साथ कथित धोखाधड़ी। कोर्ट के आदेश पर रामनगर थाने में सोसाइटी और उसके पदाधिकारियों के खिलाफ दो नए आपराधिक मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिनमें धोखाधड़ी, विश्वासघात और आपराधिक षड्यंत्र जैसे संगीन आरोप शामिल हैं।

पहला मामला गोलाघाट निवासी अमित कुमार गुप्ता की शिकायत पर दर्ज किया गया है। अमित का आरोप है कि उन्हें इस को-ऑपरेटिव संस्था के एजेंट के रूप में जोड़ने के लिए झूठे लाभ का प्रलोभन दिया गया। बताया गया कि यदि वह निवेशकों को जोड़ते हैं, तो उनका खुद का और उनके जानने वालों का पैसा पांच वर्षों में दोगुना हो जाएगा। इस विश्वास के आधार पर अमित ने खुद 20 लाख रुपये का निवेश किया और अपने परिचितों से लगभग चार करोड़ रुपये की धनराशि सोसाइटी में लगवाई। उन्होंने अपनी शिकायत में जिन लोगों के नाम लिए हैं, उनमें शबाब हुसैन, समीर अग्रवाल, उनकी पत्नी सानिया अग्रवाल, मंजय मुदगिल, आरके शेट्टी, अभय राय और अन्य अज्ञात व्यक्ति शामिल हैं। शिकायत के अनुसार, निवेश के कुछ समय बाद इन सभी लोगों ने संपर्क तोड़ दिया और निवेशकों को कोई लाभ नहीं मिला।

दूसरा मामला वाराणसी के सिंधौरा बाजार निवासी दयाशंकर सिंह द्वारा दर्ज कराया गया है। दयाशंकर का आरोप है कि उपरोक्त आरोपियों ने उन्हें भी एजेंट नियुक्त किया और 45 लाख रुपये का निवेश कराया। उन्होंने दावा किया कि यह निवेश उनके स्वयं के साथ-साथ अन्य लोगों की ओर से किया गया था। उनका आरोप है कि जैसे ही निवेश की राशि बढ़ी, सोसाइटी के सभी प्रमुख पदाधिकारी लापता हो गए और अब उनसे संपर्क करना नामुमकिन हो गया है। इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि यह कोई साधारण निवेश विवाद नहीं, बल्कि सुनियोजित वित्तीय धोखाधड़ी है, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों को गुमराह किया गया है।

गौरतलब है कि एलयूसीसी पहले भी कई बार जांच एजेंसियों और शिकायतों के घेरे में रही है, परंतु इतने व्यापक स्तर पर धोखाधड़ी की घटनाएं अब सामने आई हैं। पीड़ित निवेशकों का कहना है कि उन्होंने पूरी ईमानदारी से संस्था पर भरोसा किया और बड़ी पूंजी लगाई, परंतु अब उन्हें आर्थिक, मानसिक और सामाजिक रूप से भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। पुलिस ने दोनों मामलों की एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की तलाश जारी है।

इस मामले ने सहकारी समितियों की पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। निवेशकों का भरोसा वापस पाना और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाना अब प्रशासन और न्याय व्यवस्था की प्रमुख जिम्मेदारी बन चुकी है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि यह जांच किस दिशा में जाती है और क्या पीड़ितों को उनका हक मिल पाता है या नहीं।

Published By : SANDEEP KR SRIVASTAVA Updated : Thu, 15 May 2025 02:29 PM (IST)
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Tags: loninews fraudcase cooperativesociety

Category: crime uttarpradeshnews

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