झांसी: रक्सा थाना क्षेत्र के राजापुर गांव में 5 फरवरी की शाम एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया। 40 वर्षीय राजमिस्त्री नंदकिशोर अहिरवार को उनके घर के बाहर से लाल रंग की कार में सवार अज्ञात बदमाशों ने अगवा कर लिया और तीन दिन बाद उनकी लाश बबीना टोल के पास हाईवे के किनारे पड़ी मिली। इस घटना ने न केवल नंदकिशोर के परिवार को गहरा आघात पहुंचाया है, बल्कि क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
नंदकिशोर अहिरवार, जो राजमिस्त्री के रूप में काम करते थे, 5 फरवरी की शाम को इमलिया गांव से अपना काम खत्म करके बाइक से घर लौट रहे थे। लगभग शाम 6:30 बजे जब वे अपने घर के पास पहुंचे, तभी एक लाल रंग की कार से तीन-चार बदमाश आए और गेट के बाहर ही उन्हें जबरन कार में डालकर फरार हो गए। यह पूरी घटना नंदकिशोर की पत्नी लक्ष्मी ने अपनी आंखों से देखी। उन्होंने तुरंत मदद के लिए चिल्लाया, लेकिन तब तक बदमाश नंदकिशोर को लेकर भाग चुके थे।
अपहरण की सूचना के बाद नंदकिशोर की पत्नी लक्ष्मी ने अपने जेठ बालकिशन, उनके बेटे अजय और गांव के ही रहने वाले छोटू यादव पर इस घटना का शक जताया। लक्ष्मी का आरोप है कि पिछले छह सालों से उनके पति नंदकिशोर और जेठ बालकिशन के बीच जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। बालकिशन पहले ही अपनी हिस्से की जमीन बेच चुका था, लेकिन वह अब नंदकिशोर की जमीन में से भी हिस्सा मांग रहा था। इस विवाद ने धीरे-धीरे हिंसक रूप ले लिया था, जिसका परिणाम इस दर्दनाक हत्या के रूप में सामने आया। लक्ष्मी ने इन तीनों व्यक्तियों पर अपहरण और हत्या की आशंका जताई और उनके खिलाफ रक्सा थाने में मामला दर्ज कराया।
नंदकिशोर के अपहरण के तीन दिन बाद, 8 फरवरी को पुलिस को सूचना मिली कि बबीना टोल के पास हाईवे किनारे एक लाश पड़ी हुई है। मौके पर पहुंची पुलिस ने लाश को बबीना सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) भेजा, जहां नंदकिशोर के परिवार को बुलाकर शव की पहचान कराई गई। नंदकिशोर के गले में गमछा बंधा हुआ था और शरीर पर जगह-जगह चोट के गहरे निशान थे। पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला कि उनकी हत्या गमछे से गला घोंटकर की गई थी। उनके हाथ-पैर भी बुरी तरह से टूटे हुए थे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उन्हें बेरहमी से पीटा गया था।
नंदकिशोर की पत्नी लक्ष्मी का कहना है कि उनके पति शाम को काम से लौटकर घर भी नहीं आ पाए थे कि बदमाश उन्हें गेट के बाहर से पकड़कर ले गए। लक्ष्मी ने आरोप लगाया, वो लोग पहले से धमकी देते थे कि मारकर फेंक देंगे। अब उन्होंने सच में मेरे पति को मार डाला। मेरे छोटे-छोटे बच्चे अब अनाथ हो गए हैं, उनका ध्यान कौन रखेगा? मुझे न्याय चाहिए, और जिस तरीके से उन्होंने मेरे पति को मारा, उसी तरह से हत्यारों को भी सजा मिलनी चाहिए। भरी जवानी में उन्होंने मुझे विधवा बना दिया, मैं इन्हें नहीं छोड़ूंगी।
लक्ष्मी ने आगे कहा कि उनका परिवार पहले से ही जमीन विवाद की वजह से तनाव में था। बालकिशन और उनके बेटे अजय लगातार नंदकिशोर पर दबाव बना रहे थे कि वह अपनी जमीन का हिस्सा उन्हें दे दें, लेकिन नंदकिशोर ने हमेशा इसका विरोध किया। छोटू यादव भी इस विवाद में शामिल था और वह अक्सर धमकियां देता था। लक्ष्मी ने यह भी कहा कि छोटू ने पहले कई बार कहा था कि वह नंदकिशोर को मारकर फेंक देगा और उसने अपनी धमकी को सच साबित कर दिया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए, झांसी के एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने मामले की जांच के लिए पांच पुलिस टीमों का गठन किया है। एसपी सिटी ने बताया कि नामजद आरोपियों से लगातार पूछताछ की जा रही है और जल्द ही अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा, हमारी टीमें आरोपियों की तलाश में जुटी हैं। मामले में जमीन विवाद के एंगल की गहनता से जांच की जा रही है, और जल्द ही सच्चाई का पता लगाया जाएगा।
नंदकिशोर अहिरवार और उनके बड़े भाई बालकिशन के बीच पिछले छह साल से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। बालकिशन ने पहले ही अपने हिस्से की जमीन बेच दी थी, लेकिन वह नंदकिशोर की जमीन में से भी हिस्सा मांग रहा था। नंदकिशोर ने इसका विरोध किया, जिसके चलते दोनों भाइयों के बीच तनाव बढ़ता गया। इस मामले में छोटू यादव भी शामिल हो गया था, जो बालकिशन का समर्थन कर रहा था। इस विवाद ने धीरे-धीरे हिंसक रूप ले लिया और अंततः नंदकिशोर की हत्या के रूप में इसका दर्दनाक अंत हुआ।
नंदकिशोर की मौत ने उनके परिवार को गहरा सदमा दिया है। उनकी पत्नी लक्ष्मी और छोटे-छोटे बच्चे अब बेसहारा हो गए हैं। लक्ष्मी का कहना है कि उनके पति परिवार के लिए एकमात्र कमाने वाले थे और अब उनके जाने के बाद परिवार पर आर्थिक संकट भी खड़ा हो गया है। लक्ष्मी ने कहा, मेरे छोटे-छोटे बच्चे अनाथ हो गए हैं, अब उन्हें कौन पालेगा? हम न्याय की उम्मीद कर रहे हैं, और मैं चाहती हूं कि मेरे पति के हत्यारों को सख्त से सख्त सजा मिले।
इस घटना ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि नंदकिशोर एक मेहनती और ईमानदार व्यक्ति थे और उनकी हत्या से पूरे गांव में गम और गुस्से का माहौल है। ग्रामीणों ने पुलिस से मांग की है कि हत्यारों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और उन्हें कड़ी सजा दी जाए ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
नंदकिशोर अहिरवार की हत्या ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि किस हद तक जमीन विवाद परिवारों के बीच दुश्मनी का कारण बन सकता है। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है, और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक प्रक्रिया के तहत सजा दी जाएगी। इस दर्दनाक घटना से परिवार और समाज दोनों को गहरा आघात पहुंचा है।
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