वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के केंद्रीय कार्यालय में सात दिनों से लगातार शांतिपूर्ण धरने पर बैठी अभ्यर्थी अर्चिता सिंह को आखिरकार अपनी मेहनत और दृढ़ निश्चय का फल मिल गया है। हिंदी विभाग में पीएचडी में दाख़िले के लिए अर्चिता ने विश्वविद्यालय प्रशासन से न्याय की मांग करते हुए निरंतर विरोध प्रदर्शन किया, और अब गुरुवार को उन्हें अपने मोबाइल पर एडमिशन फीस जमा करने का लिंक प्राप्त हुआ। अर्चिता ने तत्काल फीस जमा कर अपनी पीएचडी की सीट सुरक्षित कर ली है, जो न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्ष की जीत है, बल्कि उन सभी विद्यार्थियों के लिए उम्मीद की किरण भी है जो किसी भी प्रकार के संस्थागत अन्याय का सामना कर रहे हैं।
जैसे ही खबर फैली कि अर्चिता को प्रवेश मिल गया है, सेंट्रल ऑफिस पर मौजूद छात्रों में खुशी की लहर दौड़ गई। साथी विद्यार्थियों ने अर्चिता को बधाई दी, मिठाइयां बांटी और जश्न मनाया। यह नज़ारा विश्वविद्यालय परिसर में लंबे समय से जारी तनावपूर्ण माहौल के बीच एक सकारात्मक मोड़ की तरह आया, जिसने संघर्ष की ताकत और छात्र एकजुटता का संदेश दिया।
अर्चिता ने अपने प्रवेश की पुष्टि के साथ ही अपना धरना समाप्त करने की घोषणा की। हालांकि, यह भी उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय में बाकी के दो विरोध-प्रदर्शन अभी भी जारी हैं। एक धरना कुलपति आवास के सामने और दूसरा परीक्षा नियंत्रक कार्यालय के बाहर चल रहा है। इन विरोधों की पृष्ठभूमि में बीएचयू में बीते डेढ़ महीने से चल रहा संघर्ष है, जहाँ छात्रों ने विभिन्न विभागों में हो रही अनियमितताओं और प्रशासनिक निष्क्रियता को लेकर लगातार आवाज उठाई है।
छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय में इतने लंबे समय से प्रदर्शन जारी हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई सार्थक संवाद या पहल सामने नहीं आई है। सबसे अहम चिंता का विषय यह है कि बीते चार महीनों से विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति लंबित है, जिसके चलते कई शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं। हिंदी विभाग में दाखिले की पारदर्शिता और प्रक्रिया को लेकर पहले से ही असंतोष व्याप्त था, और अर्चिता का मामला इसी संदर्भ में एक प्रतीकात्मक उदाहरण बनकर उभरा है।
अब जबकि अर्चिता को न्याय मिल गया है, सवाल उठता है कि बाकी छात्र जिनकी मांगें अभी भी अधूरी हैं, उन्हें कब सुना जाएगा? क्या विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएगा, या यह चुप्पी और अधिक छात्रों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर करेगी? बीएचयू का यह वर्तमान संकट केवल एक संस्थान की आंतरिक समस्या नहीं है, बल्कि यह पूरे उच्च शिक्षा तंत्र की जवाबदेही और पारदर्शिता पर भी सवाल खड़ा करता है।
Category: education student protest
वाराणसी के मिर्जामुराद में कछवां रोड ओवरब्रिज के पास ट्रक की टक्कर से कार सवार तीन युवकों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि एक युवक गंभीर रूप से घायल है, मृतकों में बीएसएफ का जवान भी शामिल है।
BY : SANDEEP KR SRIVASTAVA | 14 Jun 2025, 06:26 PM
कैंट विधानसभा क्षेत्र के विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने जनसुनवाई में जनता की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों को तत्काल समाधान के निर्देश दिए, साथ ही आर्थिक सहायता भी प्रदान की।
BY : SANDEEP KR SRIVASTAVA | 13 Jun 2025, 10:03 PM
वाराणसी के रामनगर में वरिष्ठ पत्रकार मनोज श्रीवास्तव के बड़े भाई बब्बू श्रीवास्तव का गुरुवार देर शाम निधन हो गया, जिससे पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई, वे कुछ दिनों से अस्वस्थ थे।
BY : SANDEEP KR SRIVASTAVA | 12 Jun 2025, 09:37 PM
भेलूपुर पुलिस ने एसीपी भेलूपुर के निर्देशन में विशेष अभियान चलाकर सात चोरी की मोटरसाइकिलें बरामद कीं और तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया, जिनमें दो बालिग और एक नाबालिग शामिल है।
BY : SANDEEP KR SRIVASTAVA | 12 Jun 2025, 07:01 PM
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने वाराणसी में मोदी सरकार के 11 वर्षों की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि यह सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण का युग रहा है, जिसने भारत को आत्मनिर्भर बनाया है।
BY : SANDEEP KR SRIVASTAVA | 11 Jun 2025, 07:52 PM
काशी नरेश डॉ. विभूति नारायण सिंह की स्मृति में रामनगर के पंचवटी मैदान में रात्रिकालीन क्रिकेट टूर्नामेंट का भव्य शुभारंभ हुआ, जिसमें युवाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और खेल के प्रति अपनी निष्ठा दिखाई।
BY : SANDEEP KR SRIVASTAVA | 11 Jun 2025, 02:00 PM
आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्रा 'दयालु' ने कैंट विधानसभा क्षेत्र में सांसद निधि से इंटरलॉकिंग सड़क निर्माण कार्य का शिलान्यास किया, जिसकी लागत ₹3.11 लाख है, और विकास को प्राथमिकता दी गयी।
BY : SANDEEP KR SRIVASTAVA | 11 Jun 2025, 10:21 AM