364 नन्हे सपनों को मिली उड़ान: बीएचयू की ई-लॉटरी ने खोले सुनहरे भविष्य के द्वार

बीएचयू में ई-लॉटरी के माध्यम से 364 छात्रों को विद्यालय में प्रवेश मिला, सेंट्रल हिंदू गर्ल्स स्कूल कोल्हुआ में कक्षा 2 के लिए 120 छात्रों का चयन हुआ, परिजनों में खुशी की लहर।

Mon, 14 Apr 2025 15:15:08 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी: सुनहरे भविष्य की तलाश में लगीं सैकड़ों निगाहों को आखिरकार एक नई रोशनी मिली। रविवार का दिन बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से जुड़े विद्यालयों के लिए इतिहास बन गया, जब महामना की धरती पर ई-लॉटरी की एक अनूठी प्रक्रिया से 364 बच्चों के सपनों को पंख मिले। यह महज एक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि उम्मीद, संघर्ष और विश्वास की वो मिसाल थी, जिसे शब्दों में बाँधना भी आसान नहीं।

बीएचयू परिसर स्थित विज्ञान संस्थान के महामना सभागार में आयोजित इस ई-लॉटरी का दृश्य किसी फिल्मी सीन से कम न था। मंच पर सजीव प्रसारण, पारदर्शिता की मिसाल और एक-एक सीट के लिए धड़कते दिल—हर पल में भावनाओं की गूंज थी।

सेंट्रल हिंदू गर्ल्स स्कूल कोल्हुआ बनी केंद्रबिंदु

इस ऐतिहासिक लॉटरी में सबसे बड़ी संख्या में नाम सेंट्रल हिंदू गर्ल्स स्कूल कोल्हुआ के लिए निकले। कक्षा 2 में कुल 120 नन्हीं परीों को प्रवेश मिला। यह दृश्य उस वक्त और भी खास बन गया, जब छोटे-छोटे नाम स्क्रीन पर चमकने लगे और परिजनों की आंखें खुशी से नम हो उठीं।

कक्षा 6 में भी दिखा जबरदस्त जोश

सेंट्रल हिंदू बॉयज स्कूल, कमच्छा में कक्षा 6 के लिए 90 और सेंट्रल हिंदू गर्ल्स स्कूल कमच्छा में 74 छात्राओं ने प्रवेश पाया। शिक्षा का यह अद्भुत पर्व केवल नामांकन की प्रक्रिया भर नहीं था, बल्कि उसमें छुपे थे न जाने कितने सपनों के पहले कदम।
अन्य विद्यालयों में भी भरी गई रौनक। सेंट्रल हिंदू बॉयज स्कूल (कक्षा 3) में 40 सीटें भरी गईं। श्री रणवीर संस्कृत विद्यालय (कक्षा 1) में भी 40 बच्चों को मौका मिला। इन तमाम विद्यालयों में बच्चों के दाखिले से शिक्षा के इस पवित्र यज्ञ में नई आहुति पड़ी। ई-लॉटरी प्रक्रिया बनी पारदर्शिता की मिसाल

इस पूरे आयोजन की अगुवाई कर रही थीं प्रो. मधु कुशवाहा, जो सेंट्रल हिंदू गर्ल्स स्कूल कमच्छा की प्राचार्या और ई-लॉटरी की समन्वयक भी हैं। उनकी देखरेख में प्रक्रिया बेहद शालीनता और पारदर्शिता के साथ संपन्न हुई।

मंच पर मौजूद रहीं स्कूल बोर्ड की उपाध्यक्षा प्रो. सुषमा घिल्डियाल, प्रो. एस.श्री कृष्णा, प्रो. जी.पी. सिंह, प्रो. राकेश रमण और प्रो. रजनीश कुमार सिंह जैसे वरिष्ठ शिक्षा विदों की उपस्थिति ने पूरे आयोजन को गरिमा प्रदान की।

एक नई शुरुआत

बीएचयू की ये ई-लॉटरी केवल सीटों को भरने की प्रक्रिया नहीं थी, यह एक नई पीढ़ी को दिशा देने, नन्हें कदमों को मंच देने और शिक्षा के महासागर में गोता लगाने का पहला अवसर था। इस प्रक्रिया ने दिखा दिया कि तकनीक जब नीयत के साथ मिलती है, तो बदलाव की इबारत लिखी जाती है।

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की ये ई-लॉटरी अब केवल एक तारीख भर नहीं, बल्कि उन 364 बच्चों की ज़िंदगी का वो मोड़ बन चुकी है, जहां से उनका शिक्षित, समर्थ और संवेदनशील नागरिक बनने का सफर शुरू हुआ है। यूपी खबर इस पहल को नमन करता है, जो शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर बन गई।

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