Wed, 21 May 2025 15:39:34 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: लंका थाना क्षेत्र स्थित मारुति नगर में रविवार की दोपहर एक दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। एक निर्माणाधीन इमारत में जीने की सेंटरिंग खोलते समय अचानक छत भरभरा कर गिर पड़ी। इस अप्रत्याशित हादसे में दो मजदूर मलबे के नीचे दब गए। जैसे ही हादसे की सूचना पुलिस को मिली, लंका थानाध्यक्ष शिवाकांत मिश्रा फोर्स के साथ तत्काल मौके पर पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्य शुरू कराया।
पुलिस टीम ने तत्परता दिखाते हुए निर्माणाधीन मकान की दीवार तोड़कर मलबे में फंसे मजदूरों को बाहर निकाला। मलबे के नीचे एक मजदूर बल्ली, पटरे और ईंटों के बीच बुरी तरह से दबा हुआ था। केवल 10 मिनट के भीतर प्रशासन की मुस्तैदी ने दोनों को बाहर निकाल लिया और उन्हें तुरंत बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के ट्रामा सेंटर पहुंचाया गया। जहां डॉक्टरों ने एक मजदूर, 25 वर्षीय राम प्रवेश को मृत घोषित कर दिया, जबकि दूसरा मजदूर महेश (29) घायल अवस्था में भर्ती है और उसका इलाज जारी है।
मृतक की पहचान राम प्रवेश पुत्र राजाराम के रूप में हुई, जो देवरिया जनपद के जमालपुर थाना क्षेत्र के सरसा गांव का निवासी था। घायल मजदूर महेश भी उसी गांव से है और इस हादसे के समय उसके साथ काम कर रहा था। हादसे की सूचना जैसे ही परिवार वालों को मिली, वे बदहवास हालत में मौके पर पहुंच गए।
राम प्रवेश की मौत ने उसके पूरे परिवार की दुनिया ही उजाड़ दी है। उसके पीछे उसकी पत्नी आरती, बूढ़े माता-पिता और तीन छोटे बच्चे, तीन साल का बेटा, दो साल का एक और बेटा और महज छह महीने की बेटी अनाथ हो गए हैं। पत्नी आरती का रो-रो कर बुरा हाल है, मां प्रभावती बेटे के शव से लिपटी हुई बार-बार बेहोश हो रही थीं। इस दिल दहला देने वाले दृश्य ने वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम कर दीं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे का संज्ञान लेते हुए गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने मृतक के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि राहत कार्यों में तेजी लाई जाए और घायल मजदूर का समुचित उपचार सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की है।
हादसे के बाद निर्माणाधीन भवन की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर ऐसी लापरवाही कैसे हुई, जिसने एक परिवार को उजाड़ दिया। पुलिस ने घटनास्थल की घेराबंदी कर दी है और मामले की जांच की जा रही है।
यह हादसा केवल एक निर्माणाधीन भवन का गिरना भर नहीं था, यह एक मेहनतकश युवा की जिंदगी का अंत था, जो अपने परिवार के बेहतर भविष्य के लिए ईंट-पत्थरों के बीच पसीना बहा रहा था। उसकी असमय मृत्यु ने उसकी पत्नी और तीन मासूम बच्चों को ऐसे मोड़ पर ला खड़ा किया है, जहां से आगे का रास्ता सिर्फ अंधेरे से भरा दिखता है। यह हादसा एक बार फिर इस सच्चाई की याद दिलाता है कि सुरक्षा के बगैर विकास अधूरा है और सबसे बड़ी कीमत सबसे निचले तबके को ही चुकानी पड़ती है।