वाराणसी: लापता बेटी को ढूंढने के लिए, महिला से शिवपुर पुलिस ने मांगी रिश्वत, मचा हड़कंप

वाराणसी के शिवपुर थाने पर एक महिला ने अपनी लापता बेटी को ढूंढने के लिए पुलिस द्वारा 50,000 रुपये की रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप लगाया है, जिससे क्षेत्र में आक्रोश है।

Thu, 27 Mar 2025 03:16:35 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के कमिश्नरेट अंतर्गत शिवपुर थाने का नाम एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार वजह पुलिस की सराहनीय कार्यशैली नहीं, बल्कि उस पर लगे गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। क्षेत्र की एक पीड़ित महिला ने पुलिस पर रिश्वत लेने और अपनी बेटी की तलाश के लिए मोटी रकम मांगने का सनसनीखेज आरोप लगाया है।

क्या है पूरा मामला:

पीड़ित महिला के अनुसार, उसकी नाबालिग बेटी कुछ दिनों पहले रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गई थी। परेशान माँ जब बेटी की गुमशुदगी दर्ज कराने थाने पहुंची, तो उसे घंटों बैठाया गया। आरोप है कि जब उसने एफआईआर दर्ज करने की गुहार लगाई, तो पुलिस ने कार्रवाई के लिए 4,000 रुपये की मांग की। लाचार माँ किसी भी हाल में बेटी को ढूंढना चाहती थी, इसलिए उसने यह रकम दे भी दी।

लेकिन मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। महिला का कहना है कि जब उसने पुलिस से अपनी बेटी को जल्द खोजने की गुहार लगाई, तो उससे 50,000 रुपये की और मांग की गई। पुलिसकर्मियों ने कथित रूप से कहा कि यह रकम देने पर वे 24 घंटे के भीतर उसकी बेटी को खोज निकालेंगे।

पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल:

इस आरोप के बाद क्षेत्र में आक्रोश फैल गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर है, वे ही यदि इस तरह से पीड़ितों का शोषण करेंगे, तो न्याय की उम्मीद कौन करेगा? शिवपुर पुलिस की इस कथित कार्यप्रणाली से कई सवाल खड़े हो गए हैं—

1. अगर पुलिस वाकई लड़की को 24 घंटे में ढूंढ सकती है, तो इसके लिए पैसे क्यों मांगे जा रहे हैं।

2. क्या गरीब और असहाय लोगों के लिए न्याय खरीद पाना संभव नहीं।

3. क्या यह कानून-व्यवस्था की विफलता और भ्रष्टाचार का प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं है।

वरिष्ठ अधिकारियों से कार्रवाई की मांग:

घटना के बाद महिला और स्थानीय लोगों ने पुलिस के इस रवैये की शिकायत उच्च अधिकारियों से करने की बात कही है। वाराणसी के पुलिस कमिश्नर से इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठाई जा रही है।

अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या प्रशासन इस मामले में कोई ठोस कदम उठाता है, या फिर यह मामला भी अन्य शिकायतों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा। लेकिन एक बात तो तय है— पुलिस पर लगे इस तरह के आरोप समाज में कानून व्यवस्था की छवि को धूमिल करने का काम करते हैं।

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