Thu, 10 Apr 2025 22:53:46 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: गुरुवार की शाम वाराणसी के कपसेठी क्षेत्र में एक ऐसा मंजर देखने को मिला, जिसने हर दिल को झकझोर कर रख दिया। ग्रामसभा बाराडीह भुसौला में तेज रफ्तार पिकअप ने सात वर्षीय मासूम शिवांगी को उस समय कुचल दिया, जब वह दुकान से सामान लेकर अपने घर लौट रही थी। शिवांगी की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे ने पूरे गांव को शोक की गहराइयों में डुबो दिया।
छोटी-सी बच्ची शिवांगी, जो कि अपने मां-बाप की आंखों का तारा थी, अपने घर के सामने स्थित दुकान से कुछ सामान लेने निकली थी। जैसे ही वह सड़क पार करने लगी, बाबतपुर-कछवा मार्ग पर बेकाबू गति से दौड़ती पिकअप ने उसे रौंद दिया। देखते ही देखते मासूम का नन्हा शरीर खून में लथपथ सड़क पर बेजान पड़ा था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, चालक वाहन समेत मौके से फरार हो गया।
माँ की चीखों ने गूंजा दीं दीवारें
घटना की जानकारी मिलते ही पिता अरुण कुमार व मां उषा देवी बदहवासी की हालत में मौके पर पहुंचे। मां ने बेटी के निर्जीव शरीर से लिपटकर ऐसा विलाप किया कि गांव की दीवारें तक सिहर उठीं। तीन बच्चों में सबसे बड़ी शिवांगी अब इस दुनिया में नहीं रही। यह यकीन करना मां-बाप के लिए किसी सदमे से कम नहीं था।
आक्रोश की आग में जल उठे ग्रामीण, शव रखकर किया चक्का जाम
मासूम की मौत से क्षुब्ध ग्रामीणों ने बच्ची का शव सड़क पर रखकर चक्का जाम कर दिया। इंसाफ चाहिए, मुआवजा चाहिए।ये नारे आसमान को चीरते रहे। गुस्साए लोग उपजिलाधिकारी को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़ गए। सड़क पर तीन घंटे तक अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। ग्रामीणों की भीड़, आंसुओं से भीगी आंखें और उठती चीखें। ये सब एक गहरी पीड़ा का चित्रण कर रही थीं।
प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद खुला रास्ता, मिला आश्वासन
मामले की गंभीरता को देखते हुए राजातालाब के उप जिलाधिकारी शिवांगी सिंह व एसीपी अजय कुमार श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे। उन्होंने परिजनों से मिलकर सांत्वना दी और सरकार की ओर से हर संभव सहायता का भरोसा दिया। प्रशासन के आश्वासन के बाद आखिरकार ग्रामीण शांत हुए और चक्का जाम समाप्त हुआ।
पुलिस जांच में जुटी, शव भेजा गया पोस्टमार्टम को
फिलहाल पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मामले की छानबीन जारी है। हादसे के वक्त मौके पर कपसेठी के साथ-साथ बड़गांव, जंसा और राजातालाब की पुलिस फोर्स तैनात रही, जिससे स्थिति को काबू में लाया जा सके।
यह दुर्घटना सिर्फ एक मासूम की मौत नहीं है, यह उस लापरवाह व्यवस्था पर करारा तमाचा है, जो आज भी तेज रफ्तार और लापरवाह ड्राइविंग पर अंकुश लगाने में असमर्थ है। शिवांगी अब हमारे बीच नहीं रही, लेकिन उसकी मासूम मुस्कान, उसकी अधूरी किताबें और मां-बाप के टूटे सपने, सवाल बनकर प्रशासन के सामने खड़े हैं। क्या मिलेगा इस परिवार को न्याय, क्या फिर कोई शिवांगी इस लापरवाही की बलि नहीं चढ़ेगी।