Sun, 06 Apr 2025 21:16:03 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: काशी नगरी, जहां मां गंगा की लहरों में हर दर्द घुल जाता है, जहां सभ्यता और संस्कृति की आत्मा बसती है। उसी पावन भूमि पर दरिंदगी की एक और कहानी ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। एक उभरती हुई एथलीट, जो भविष्य में देश का नाम रोशन करने का सपना संजोए हुए थी, उसे हवस के दरिंदों ने चलती कार में रौंद डाला।
लालपुर-पांडेपुर थाना क्षेत्र के हुकुलगंज इलाके में यह खौफनाक वारदात हुई। जानकारी के मुताबिक, सिगरा स्थित एक हुक्काबार में पीड़िता की दोस्ती कुछ लड़कों से हुई थी। दोस्ती का यह झूठा पुल जब धोखे की हदों को पार कर गया, तो खेल मैदान की यह बेटी एक अपराध कथा की नायिका बन गई । जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।
कार बनी कालकोठरी:
एक लड़के ने बहाने से उसे कार में बिठाया। उसे विश्वास दिलाया कि सब ठीक है, और फिर वह उसे कचहरी इलाके से होते हुए हुकुलगंज रोड ले गया — जहां पहले से उसके साथी घात लगाए बैठे थे। काली रंग की कार, जो शायद कभी शहर की गलियों से मुस्कानें लेकर गुज़री होगी, आज चीखों से गुंज रही थी। एक-एक कर छह दरिंदों ने अपनी हवस का नंगा नाच खेला, और फिर उसे बेहोशी की हालत में वहीं छोड़कर भाग निकले।
घाव शरीर पर ही नहीं, आत्मा पर भी:
घटना के बाद एथलीट युवती किसी तरह घर पहुंची, लेकिन मां-बाप से कुछ नहीं कह सकी। उसके चेहरे की ज़ुबान ने दर्द बयां कर दिया। मां की आंखों ने बेटी के कांपते शरीर में जो देखा, वह किसी भी अभिभावक का सबसे बड़ा डर होता है। परिजनों ने उसे तुरंत डॉक्टर के पास पहुंचाया। हालत सामान्य होने पर पिता ने हिम्मत दिखाते हुए बेटी को थाने ले गया और पूरे मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस महकमे में हड़कंप:
जैसे ही घटना की सूचना फैली, तीन थानों की पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम हरकत में आ गई। देर शाम एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, बाकी पांच की तलाश में लोकेशन ट्रेसिंग और सीसीटीवी खंगाले जा रहे हैं।
डीसीपी खुद मोर्चा संभाले हुए हैं, और वाराणसी पुलिस हर हाल में आरोपियों को गिरफ्तार कर फास्ट ट्रैक कोर्ट के ज़रिए कड़ी सज़ा दिलवाने की बात कह रही है।
भावनाओं का ज्वार:
इस खबर ने सिर्फ शहर को नहीं, पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक इंसाफ की मांग उठने लगी है। लोग पूछ रहे हैं —
✍️क्या बेटियां अब दोस्ती भी नहीं कर सकतीं?
✍️क्या एथलीट बनना गुनाह है?
✍️क्या चलती कारें अब चलती जेलें बन चुकी हैं?
यूपी खबर की मांग:
✅हुक्का बार की निगरानी और लाइसेंसिंग की जाँच।
✅पीड़िता को तुरंत न्याय और मानसिक स्वास्थ्य सहायता।
✅आरोपियों पर कठोरतम कार्यवाही और सार्वजनिक सुनवाई।
यह सिर्फ एक केस नहीं, किसी की बेटी की अस्मिता की हत्या है। यूपी खबर इस खबर को यूं ही गुजरने नहीं देगा। यह लड़ाई इंसाफ की है। और जब तक आखिरी दरिंदा सलाखों के पीछे नहीं पहुंचता, तब तक सवाल पूछे जाएंगे।
काशी बोलेगी, बेटी के साथ खड़ी होगी।
हवस के खिलाफ उठेगी हर आवाज़।
यह वाराणसी है, यहां अन्याय के खिलाफ ज्वाला उठती है।