Fri, 06 Jun 2025 14:07:40 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: रामनगर/ जब आस्था के रंगों में सेवा का उजाला घुल जाए, जब पर्वों की रौनक में स्वच्छता की महक जुड़ जाए, और जब नगर प्रशासन की तत्परता लोगों के चेहरे पर सुकून बनकर खिल उठे। तब कोई सामान्य तैयारी नहीं, बल्कि एक बेहद प्रेरणादायक सामाजिक मिसाल जन्म लेती है।
पावन बकरीद (ईद-उल-अजहा) से ठीक पहले वाराणसी नगर निगम के रामनगर जोन ने ऐसा ही एक असाधारण और अनुकरणीय कार्य किया, जिसने साबित कर दिया कि पर्व केवल उत्सव नहीं, बल्कि जिम्मेदारी का अहसास भी होते हैं।
बकरीद के अवसर पर स्वच्छता को लेकर की गई यह तैयारी महज़ औपचारिकता नहीं थी। यह संवेदनशीलता, सजगता और समर्पण का जीवंत प्रदर्शन था, जिसमें रामनगर की हर गली, हर मस्जिद, हर ईदगाह और मोहल्ले को न केवल साफ़ किया गया, बल्कि उसमें सहयोग, सौहार्द और सुरक्षा का रंग भी घोला गया।
बकरीद का महत्व — कुरबानी से करुणा तक
बकरीद, जिसे ईद-उल-अजहा भी कहा जाता है, इस्लामी कैलेंडर के अनुसार जिल-हिज्जा की 10वीं तारीख को मनाया जाता है। यह दिन हज़रत इब्राहिम (अलैहिस्सलाम) की उस परख और कुरबानी की याद में मनाया जाता है, जब उन्होंने अल्लाह के हुक्म पर अपने बेटे को कुर्बान करने को तैयार हो गए थे।
यह त्योहार हमें सिखाता है।त्याग, आस्था, आज्ञापालन, और मानवता की सेवा।
इसी भावना को आत्मसात करते हुए वाराणसी नगर निगम की टीम ने बकरीद के पूर्व नगर को स्वच्छ, स्वस्थ और सुरक्षित बनाने की ओर अनूठा प्रयास किया। ताकि यह पर्व न केवल धार्मिक उल्लास का प्रतीक बने, बल्कि सामाजिक सद्भाव, जन-जागरूकता और प्रशासनिक सजगता का भी आदर्श बने।
रामनगर जोन: सफाई में समर्पण और सजगता का नया अध्याय
बकरीद से पहले रामनगर जोन के वार्ड नंबर 13 रामपुर में चलाया गया विशेष स्वच्छता अभियान सफाई एवं खाद्य निरीक्षक वीके बोहरा की अगुवाई में एक नई कार्यशैली और अनुशासन का प्रतीक बनकर सामने आया। पार्षद लल्लन सोनकर की सक्रिय भागीदारी के साथ, सफाई सुपरवाइजर जेपी शास्त्री, सह सुपरवाइजर चंदन राय और सेराज खान की टीम ने वार्ड की हर गली, मस्जिद परिसर और सार्वजनिक स्थल पर दिन-रात मेहनत की।
नालियों की सफाई, कूड़े का तत्काल उठान, कीटनाशक और फॉगिंग का छिड़काव, और चूना डालकर वातावरण को शुद्ध करना। यह सब इतनी योजना और सतर्कता से हुआ कि स्थानीय नागरिकों ने खुले दिल से नगर निगम की सराहना की।
पुराना रामनगर वार्ड 65, बकरीद की पूर्व संध्या पर मिशन स्वच्छता
इसी के साथ पुराना रामनगर वार्ड नंबर 65 में भी नगर निगम का स्वच्छता मिशन एक अनुकरणीय अभियान के रूप में सामने आया। पार्षद रामकुमार यादव के नेतृत्व और वीके बोहरा के संयोजन में सफाई सुपरवाइजर संजय पाल, सह सुपरवाइजर रिंकू कुमार और यशवंत यादव की टीम ने क्षेत्र के ईदगाह, मस्जिद, कब्रिस्तान और भीड़भाड़ वाले इलाकों में विशेष रूप से काम किया।
यहां सुबह से ही कार्य शुरू हुआ और प्रत्येक स्थल पर दवाओं का छिड़काव, पानी की निकासी की जांच, गलियों का धुलाई और चूना छिड़काव जैसे सभी पहलुओं पर गंभीर ध्यान दिया गया। वार्ड के नागरिकों ने इसे “त्योहार से पहले सबसे बड़ी सेवा” का दर्जा दिया।
ज़िम्मेदारों की ज़ुबानी, सेवा ही असली सियासत
वीके बोहरा ने कहा
"हर पर्व का उद्देश्य है समाज में संतुलन, स्वच्छता और सुरक्षा लाना। जब जनता हमें सहयोग देती है और टीम समर्पण से कार्य करती है, तो परिणाम एक मिसाल बनते हैं।"
पार्षद लल्लन सोनकर बोले
"सफाई को हमने प्रशासनिक कार्य नहीं, ईबादत समझकर किया है। बकरीद जैसे पाक मौके पर अगर हमारा क्षेत्र साफ़ और स्वच्छ दिखे, तो यही हमारी सबसे बड़ी जीत है।"
पार्षद रामकुमार यादव ने बताया
"सिर्फ धार्मिक आयोजन ही नहीं, त्योहारों में जिम्मेदारी निभाना भी ज़रूरी है। नगर निगम की मुहिम इस बार पहले से ज़्यादा व्यापक, संगठित और संवेदनशील रही।"
सफाई सुपरवाइजर संजय पाल ने कहा
"हमें काम नहीं, सेवा करना आता है। त्योहार लोगों के लिए सुकून लाए, ये तभी मुमकिन है जब हम ज़मीन पर ईमानदारी से काम करें।"
✨ एक त्योहार, एक सेवा, एक संदेश
बकरीद से पहले रामनगर में चलाया गया यह अभियान केवल एक प्रशासनिक गतिविधि नहीं थी। यह त्योहारों को नई परिभाषा देने वाली एक मिसाल थी।
इसमें दिखा कि कैसे एक पर्व के बहाने पूरे क्षेत्र को स्वास्थ्य, स्वच्छता और मानवता की सेवा से जोड़ दिया जा सकता है। स्वच्छता को धर्म की तरह निभाया गया और सेवा को प्राथमिकता बनाकर यह दर्शाया गया कि हम सब मिलकर एक सुंदर, स्वस्थ और सम्मानजनक समाज गढ़ सकते हैं।
यूपी खबर समाचार पत्र की तरफ़ से सलाम...
उस हर सफाईकर्मी को, जो बिना कैमरों की चमक के अपने फर्ज़ में डटा रहा।हर सुपरवाइजर को, जिसने हर गली को मंदिर-सा समझा। हर पार्षद और अधिकारी को, जिनके लिए सेवा ही सबसे बड़ा संदेश रहा।
बकरीद मुबारक, यह पर्व कुरबानी का ही नहीं, संवेदनाओं की स्वीकृति और सेवा की संस्कृति का पर्व भी है। और इस वर्ष, वाराणसी के रामनगर ने उसे अपने कर्मों से सच कर दिखाया।
सौजन्य: न्यूज रिपोर्ट