Wed, 04 Jun 2025 22:09:35 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: रामनगर/ काशी की धरती पर कानून का डंडा अब पहले से कहीं अधिक सख्ती और संवेदनशीलता के साथ चलता दिख रहा है। अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए चलाए जा रहे सघन अभियानों की कड़ी में वाराणसी पुलिस ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। रामनगर थाना पुलिस ने एक संवेदनशील हत्या मामले में वांछित चल रही 47 वर्षीय अभियुक्ता को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई गोपनीय सूचना के आधार पर की गई, जिससे पूरे गोला घाट क्षेत्र में हलचल मच गई।
आपको बताते चले कि, यह वही चर्चित मामला है जिसमें गोला घाट निवासी मुकेश चौहान की बेरहमी से पिटाई के बाद मृत्यु हो गई थी, जिससे स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश उत्पन्न हुआ था और जिसने प्रशासनिक व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े कर दिए थे। मुकेश की हत्या ने समाज में असुरक्षा की भावना पैदा की थी और इस घटना को लेकर जनता में तीव्र आक्रोश देखा गया था। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक विरोध की आवाजें उठीं, और मीडिया की लगातार रिपोर्टिंग ने इस मामले को सुर्खियों में बनाए रखा। ऐसे माहौल में वाराणसी पुलिस की यह ताज़ा कार्रवाई न केवल कानून व्यवस्था के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि अब कोई भी अपराधी कानून की पहुंच से दूर नहीं रह सकता।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार की गई महिला अभियुक्ता हत्या के बाद से ही फरार थी और लगातार ठिकाने बदल रही थी, जिससे पुलिस को उसे पकड़ने में समय लग रहा था। लेकिन रामनगर पुलिस की सतर्क खुफिया टीम और मजबूत निगरानी तंत्र ने इस चुनौतीपूर्ण मिशन को अंजाम तक पहुंचाया। गुप्त सूचना पर तत्काल कार्रवाई करते हुए पुलिस ने गोला घाट इलाके से उसे हिरासत में लिया और थाने लाकर पूछताछ शुरू कर दी गई है। गिरफ्तारी के बाद विधिक कार्यवाही की प्रक्रिया को भी तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है।
गिरफ्तार अभियुक्ता के विरुद्ध मामला केस संख्या 0097/2025 के अंतर्गत भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 103(1), 352 और 351(2) के अंतर्गत दर्ज किया गया है। यह धाराएं गंभीर अपराधों की श्रेणी में आती हैं, और इनकी सुनवाई न्यायालय में विशेष सतर्कता के साथ होती है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधिकारियों ने इसे उच्च प्राथमिकता पर रखा और किसी भी तरह की लापरवाही न हो, इसका विशेष ध्यान रखा गया।
इस कार्रवाई को अंजाम देने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक श्री राजू सिंह, उपनिरीक्षक श्री कौशलेन्द्र बहादुर सिंह, महिला उपनिरीक्षक सुजाता चटर्जी, हेड कॉन्स्टेबल शिवसमुझ यादव तथा महिला कॉन्स्टेबल सरोजिनी यादव शामिल रहे। यह टीम लगातार कई दिनों से निगरानी में जुटी हुई थी और अंततः गुप्त सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई कर इस गिरफ्तारी को संभव बनाया।
यह पूरी कार्रवाई काशी जोन के पुलिस उपायुक्त और वरिष्ठ अधिकारियों की सीधी निगरानी में की गई, जो इस बात का प्रतीक है कि अब वाराणसी पुलिस महकमा केवल अपराध की घटनाओं के बाद नहीं, बल्कि उससे पहले भी सतर्क है। उल्लेखनीय है कि इस मामले में पहले ही पुलिस की लापरवाही को लेकर दो उपनिरीक्षकों, अंशु पांडे और अमीर बहादुर सिंह को निलंबित किया जा चुका है, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिला था कि अब जवाबदेही को हल्के में नहीं लिया जाएगा।
इस गिरफ्तारी से न केवल पीड़ित परिवार को न्याय की ओर एक और कदम की अनुभूति हुई है, बल्कि पूरे शहर को यह संदेश भी गया है कि कानून की निगाह से कोई बच नहीं सकता। वाराणसी पुलिस की यह सफलता उसके समर्पण, सतर्कता और दक्षता का जीवंत प्रमाण है, जो यह दर्शाती है कि अब अपराध के खिलाफ चल रही लड़ाई में कोई भी अपराधी कानून से ऊपर नहीं है।
सौजन्य: न्यूज रिपोर्ट