वाराणसी: रामनगर में विकास कार्यों का शिलान्यास, महापौर अशोक तिवारी ने किया शुभारंभ

वाराणसी के रामनगर में महापौर अशोक तिवारी ने सांसद निधि से इंटरलॉकिंग और सड़क निर्माण का शिलान्यास किया, जिससे स्थानीय नागरिकों में विकास की उम्मीद जगी और भाजपा के वादे पूरे होते दिखे।

Sat, 07 Jun 2025 23:10:25 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र और सांस्कृतिक नगरी वाराणसी के रामनगर क्षेत्र में बृहस्पतिवार को विकास की एक नई इबारत लिखी गई, जब महापौर अशोक तिवारी ने वार्ड 13 में सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि योजना के अंतर्गत बहुप्रतीक्षित इंटरलॉकिंग और सड़क निर्माण कार्यों का विधिवत शिलान्यास किया। इस कार्यक्रम ने जहां एक ओर स्थानीय जनता के मन में उम्मीदों की नई किरण जगाई, वहीं दूसरी ओर बीजेपी नेतृत्व के विकास के वादों को ज़मीनी सच्चाई में बदलने की एक सशक्त मिसाल भी पेश की।

इस गरिमामयी अवसर पर भाजपा पार्षद लल्लन सोनकर, नगर अध्यक्ष प्रीति सिंह बघेल, अजय सिंह, संतोष द्विवेदी, सृजन श्रीवास्तव, सुनील श्रीवास्तव, प्रशांत सिंह, गौरव जायसवाल और मंजू देवी सहित सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ता, नगर निगम अधिकारी और स्थानीय नागरिकों ने पूरे उत्साह के साथ अपनी भागीदारी दर्ज कराई। रामनगर की गलियों में एक सकारात्मक ऊर्जा महसूस की गई, जो सिर्फ़ शिलान्यास के पत्थर तक सीमित नहीं थी, बल्कि विकास के उस मजबूत संकल्प की झलक थी जिसे जनप्रतिनिधि अब जनसमर्थन में बदलते नजर आ रहे हैं।

महापौर अशोक तिवारी ने अपने संबोधन में स्पष्ट शब्दों में कहा कि वाराणसी की आत्मा सिर्फ उसके धार्मिक स्वरूप में नहीं, बल्कि उसके नागरिकों की सुविधा और सम्मान में बसती है। “हमारा लक्ष्य है कि हर वार्ड, हर गली और हर मोहल्ला स्मार्ट सुविधाओं से लैस हो, ताकि रामनगर आने वाले समय में वाराणसी का रोल मॉडल बन सके।” उन्होंने इस योजना को ‘जनता के विश्वास का सम्मान’ बताया और यह भरोसा दिलाया कि कार्यों में गुणवत्ता और समयबद्धता से कोई समझौता नहीं होगा।

वहीं स्थानीय पार्षद लल्लन सोनकर ने बताया कि इस परियोजना की मांग लंबे समय से की जा रही थी। क्षेत्रवासियों को बारिश और गड्ढों की मार से मुक्ति दिलाने के लिए यह कार्य अति आवश्यक था। “यह सिर्फ एक सड़क नहीं, यह जनता के धैर्य और हमारे वादे की मजबूत नींव है,” उन्होंने कहा।

कार्यक्रम के दौरान आम जनता के चेहरे पर उत्साह और विश्वास की जो चमक थी, वह इस बात का संकेत थी कि रामनगर की तस्वीर अब बदलने को तैयार है। महिलाओं, बुज़ुर्गों और युवाओं ने भी इस कार्य की सराहना करते हुए स्थानीय नेतृत्व को धन्यवाद दिया और कहा कि यह पहल उनके जीवन को आसान बनाएगी। यह विकास की वह धड़कन थी, जो सिर्फ़ मशीनों की आवाज़ नहीं थी, बल्कि जनभागीदारी की लय में धड़कती उम्मीद थी।

शिलान्यास स्थल पर मौजूद नगर निगम अधिकारियों ने जानकारी दी कि निर्माण कार्य जल्द ही प्रारंभ होगा और इसे उच्चतम मानकों के अनुरूप पूरा किया जाएगा। स्थानीय स्तर पर पारदर्शिता और निगरानी की व्यवस्था भी की जा रही है ताकि जनता खुद विकास प्रक्रिया की गवाह बने।

इस ऐतिहासिक क्षण ने न केवल एक विकास परियोजना की शुरुआत की, बल्कि एक नई राजनीतिक-सामाजिक सोच की भी नींव रखी, जिसमें योजनाएं सिर्फ़ कागजों में नहीं, ज़मीन पर उतरती हैं; घोषणाएं केवल भाषणों में नहीं, जन-जीवन में झलकती हैं। वाराणसी के इस कोने से उठी यह विकास यात्रा आने वाले समय में शहर के अन्य हिस्सों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन सकती है।

रामनगर अब सिर्फ़ अतीत की ऐतिहासिक विरासत नहीं, बल्कि भविष्य के विकास की गाथा भी बनता जा रहा है।

सौजन्य: न्यूज रिपोर्ट

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