वाराणसी: रामनगर में गली निर्माण पर विवाद, निजी जमीन पर निर्माण रोकने के लिए पुलिस का हस्तक्षेप

वाराणसी के रामनगर थाना क्षेत्र में गली निर्माण को लेकर विवाद हो गया, राजेश सोनकर नामक स्थानीय निवासी ने निजी जमीन पर बिना अनुमति निर्माण का आरोप लगाया, जिसके बाद पुलिस ने हस्तक्षेप किया।

Sat, 19 Apr 2025 18:58:39 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी: रामनगर थाना क्षेत्र के मच्छरहटा वार्ड में गली निर्माण कार्य को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। निजी जमीन पर बिना पूरी सहमति के खड़ंजा लगाकर गली बनाने की कोशिश ने स्थानीय माहौल को गरमा दिया है। आरोपों और पक्ष-विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का ऐसा दौर चला कि अंततः पुलिस को हस्तक्षेप कर निर्माण कार्य रुकवाना पड़ा।

पूरा मामला उस समय तूल पकड़ गया जब स्थानीय निवासी राजेश सोनकर ने विरोध जताते हुए दावा किया कि जिस भूमि पर गली का निर्माण कराया जा रहा है, वह उनकी पैतृक संपत्ति है। राजेश सोनकर का आरोप है कि इस निर्माण कार्य के लिए उनसे कोई पूर्व अनुमति नहीं ली गई, बल्कि उनके परिवार के कुछ पटीदारों से मिली सहमति के आधार पर निर्माण कार्य आरंभ कर दिया गया। उनका यह भी कहना है कि इस गली निर्माण के पीछे किसी निजी कालोनाइज़र को व्यक्तिगत लाभ पहुँचाने का षड्यंत्र छिपा है, जिससे भविष्य में भूमि का व्यवसायिक उपयोग किया जा सके।

राजेश सोनकर का कहना है कि उनकी बिना सहमति निजी जमीन पर किसी भी प्रकार का सार्वजनिक निर्माण न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि उनकी व्यक्तिगत संपत्ति के अधिकारों का भी खुला हनन है। उन्होंने प्रशासन से इस मामले में निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

विवाद बढ़ने की खबर मिलते ही रामनगर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और तत्काल प्रभाव से निर्माण कार्य पर रोक लगा दी। पुलिस अधिकारियों ने दोनों पक्षों से विस्तृत जानकारी ली और दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए निष्पक्ष जांच कराई जाएगी और दोनों पक्षों के दस्तावेजों के आधार पर अगली कार्यवाही तय की जाएगी। फिलहाल किसी भी पक्ष को निर्माण कार्य आगे बढ़ाने की अनुमति नहीं दी गई है।

इस पूरे प्रकरण पर मच्छरहटा वार्ड के पार्षद प्रतिनिधि मनोज यादव ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि गली निर्माण कार्य स्थानीय विकास योजना के तहत कराया जा रहा था। उनके अनुसार, क्षेत्र में नागरिक सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए सरकारी योजनाओं से फंडिंग प्राप्त हुई है और उसी के तहत सड़क, गली व नाली निर्माण जैसे कार्य हो रहे हैं। मनोज यादव ने स्पष्ट किया कि कार्यवाही में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं बरती गई और निर्माण से पहले सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी की गई थीं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी भी व्यक्ति को आपत्ति है तो उसका समाधान कानूनी प्रक्रिया के तहत ही किया जाएगा।

गौरतलब है कि इस घटना ने मच्छरहटा वार्ड में स्थानीय राजनीति को भी गर्मा दिया है। एक ओर जहां कुछ लोग इसे विकास कार्यों के खिलाफ साजिश बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर निजी संपत्ति के अधिकारों की अनदेखी को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। क्षेत्रीय नागरिकों में इस बात को लेकर चर्चा तेज हो गई है कि विकास कार्यों के नाम पर यदि निजी संपत्तियों पर अतिक्रमण होता रहा तो भविष्य में इससे बड़े पैमाने पर विवाद खड़े हो सकते हैं।

अब सभी की निगाहें प्रशासनिक जांच और पुलिस कार्रवाई पर टिकी हैं। क्या यह निर्माण कार्य सरकारी नियमों के तहत था या वास्तव में निजी स्वार्थों के लिए किया जा रहा था। इसका खुलासा आने वाले समय में ही हो पाएगा। फिलहाल, रामनगर पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक सभी संबंधित पक्षों के दस्तावेज और सहमति सामने नहीं आ जाते, तब तक निर्माण कार्य पूरी तरह से स्थगित रहेगा।

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