वाराणसी: भीषण गर्मी में दालमंडी चौकी इंचार्ज प्रकाश सिंह की अनूठी पहल, रूह अफ़ज़ा सेवा से जीता दिल

वाराणसी के दालमंडी चौकी इंचार्ज प्रकाश सिंह ने भीषण गर्मी में लोगों को राहत देने के लिए 'रूह अफ़ज़ा सेवा' शुरू की, जो इंसानियत की मिसाल बनी और पुलिस-जनता के बीच विश्वास का सेतु बनी।

Fri, 06 Jun 2025 12:44:08 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी: दोपहरी की झुलसाती धूप, पारा चढ़ता जा रहा है और हर कोई गर्मी से बेहाल है। ऐसे कठिन मौसम में जब आमजन पसीने से तर-बतर राहत की एक बूँद को तरसते हैं, तब यदि कोई वर्दीधारी हाथ में जूस या रूह अफ़ज़ा का गिलास लेकर सामने खड़ा हो। तो यह सिर्फ ड्यूटी नहीं, इंसानियत का सबसे उज्ज्वल चेहरा बन जाता है। ऐसा ही एक अनोखा और सराहनीय उदाहरण पेश किया है दालमंडी चौकी के इंचार्ज प्रकाश सिंह ने, जिनकी यह पहल अब पूरे शहर में मिसाल बन रही है।

भीषण गर्मी से राहत देने की इस नेक कोशिश में प्रकाश सिंह ने अपनी टीम के साथ मिलकर चौक क्षेत्र की भीड़भाड़ वाली गलियों, दालमंडी, नई सड़क और बेनियाबाग के लोगों को रूह अफ़ज़ा, जूस और ठंडा पानी वितरित किया। यह कार्य सिर्फ जल सेवा नहीं था, यह दिल से दिल को जोड़ने वाला वह सेतु था जिसे पुलिस और जनता के बीच लंबे समय से अपेक्षित समझा जाता रहा है।

इस क्षेत्र में आने वाला त्योहार ईद-उल-अजहा (बकरीद) कल मनाया जाना है। मुस्लिम बहुल इलाका होने के कारण हजारों लोग तैयारियों में जुटे हैं। ऐसे समय में पुलिस द्वारा शांति और सौहार्द का यह मानवीय संदेश लोगों के बीच नई उम्मीद और विश्वास लेकर आया है। हर गली, हर नुक्कड़ पर जब लोगों ने पुलिस को हाथ में ठंडा पेय लिए देखा, तो आंखों में एक नई चमक और दिल में एक नई कद्र साफ झलकती थी।

इस पहल की न सिर्फ आम नागरिकों ने बल्कि व्यापारियों, स्थानीय संगठनों और युवाओं ने भी खुले दिल से सराहना की। बहुत से लोग खुद भी जुड़ गए इस सेवा में, और देखते ही देखते यह नेक पहल एक सामूहिक मानवीय अभियान का रूप लेती चली गई।

चौक थाने की यह मुहिम एक संकेत भी देती है, कि पुलिस केवल कानून व्यवस्था तक सीमित नहीं, वह संवेदना और सेवा का भी प्रतीक है। इस अभियान को देखकर अब जिले के अन्य थानों ने भी इस दिशा में सोचने की पहल की है। कई पुलिसकर्मियों ने सोशल मीडिया पर इस कार्य की तस्वीरें साझा कर इसे प्रेरणादायक बताया और अपने क्षेत्र में भी लस्सी, ठंडाई और रूह अफ़ज़ा सेवा शुरू करने की बात कही।

इस पूरे आयोजन में किसी बड़े मंच या प्रचार की आवश्यकता नहीं थी। यह कार्य चुपचाप किया गया।बिना माइक, बिना तामझाम, सिर्फ दिल से, पूरी ईमानदारी और इंसानियत के जज़्बे के साथ। यही कारण रहा कि यह खबर शहर भर में चर्चा का विषय बन गई और हर जुबान पर सिर्फ एक ही नाम था, प्रकाश सिंह।

यह पहल आने वाले समय में पुलिस और जनता के संबंधों को एक नई दिशा दे सकती है। जहां एक ओर अपराध नियंत्रण और कर्तव्यों की सख्ती है, वहीं दूसरी ओर यह सौम्यता, संवेदना और सहयोग का भी प्रतीक बनेगा। यह काम केवल सेवा नहीं, समाज को जोड़ने और मनुष्यता को पुनः स्थापित करने का प्रयास है।

यह कार्य हम सबके लिए भी एक प्रेरणा है, कि चाहे हमारी भूमिका कोई भी हो, थोड़ा सा संवेदनशील बनकर हम भी इस तपती धरती पर किसी के लिए छांव बन सकते हैं।

और यही है असली पुलिसिंग, जब वर्दी मानवता की सेवा में मुस्कराकर खड़ी हो।

सौंजय: न्यूज रिपोर्ट

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