Thu, 01 May 2025 19:17:14 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: लालपुर-पाण्डेयपुर थाना क्षेत्र के पहड़िया इलाके में बुधवार की देर रात एक गंभीर और निंदनीय घटना सामने आई, जिसने स्थानीय कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। देर रात हुई घटना में नशे में धुत शराबियों के एक समूह ने आपसी विवाद के दौरान पहले तो सड़क पर मारपीट शुरू कर दी और जब पुलिस हस्तक्षेप करने पहुंची, तो स्थिति और बिगड़ गई। मामले को शांत कराने पहुँचे लालपुर-पाण्डेयपुर थाना प्रभारी राजीव सिंह और उनकी टीम पर उपद्रवियों ने पथराव कर दिया, जिसमें थाना प्रभारी गंभीर रूप से घायल हो गए। हमले में उनके सिर पर गंभीर चोट आई और उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल पहुंचा और स्थिति को नियंत्रित किया गया। हमले के दौरान आरोपियों की दबंगई इतनी बढ़ गई थी कि उन्होंने थाना प्रभारी का सरकारी सीयूजी मोबाइल फोन भी तोड़ दिया। इस हमले में एक राहगीर अविनाश सेठ भी घायल हुआ, जो उस समय वहां से गुजर रहा था।
पुलिस ने मामले में तत्परता दिखाते हुए आरोपियों की पहचान शुरू की और छानबीन के बाद आनंदपुरी कॉलोनी, पहड़िया निवासी विशाल जायसवाल को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, घटना में संलिप्त अन्य छह आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस द्वारा लगातार दबिश दी जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही सभी आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना के बाद पुलिस विभाग में रोष व्याप्त है और इसे कानून व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने भी पूरे मामले की समीक्षा की है और आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) जैसी कठोर धाराओं में कार्यवाही की संभावना जताई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पहड़िया इलाके में देर रात तक शराबियों का जमावड़ा और शोर-शराबा आम बात हो गई है, जिससे आमजन को परेशानी होती है और अपराध की आशंका बनी रहती है। यह घटना पुलिस प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि ऐसे असामाजिक तत्वों पर पहले से निगरानी और सख्त कदम जरूरी हैं।
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत स्थानीय थाना या हेल्पलाइन नंबर पर दें, ताकि समय रहते उचित कदम उठाया जा सके। घायल थाना प्रभारी राजीव सिंह की हालत अब स्थिर बताई जा रही है और वे डॉक्टरों की निगरानी में हैं।