Mon, 28 Apr 2025 11:53:06 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: रामनगर क्षेत्र के कोदोपुर इलाके में नगर निगम द्वारा प्रस्तावित एक महत्वपूर्ण विकास योजना को विवाद के चलते निरस्त कर दिया गया है। लगभग 60 लाख रुपये की लागत से तैयार की गई इस योजना के अंतर्गत अमित राय के आवास से उमा यादव के मकान तक इंटरलॉकिंग सड़क और नाली निर्माण का कार्य प्रस्तावित था। परियोजना का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र के नागरिकों के लिए यातायात और जल निकासी सुविधाओं में सुधार करना था।
हालांकि, कार्य आरंभ से पूर्व ही एक गंभीर प्रशासनिक चूक उजागर हो गई। विकास कार्य के शिलान्यास हेतु लगाए गए शिलापट्ट पर नगर विकास मंत्री का नाम अंकित नहीं किया गया था। यह त्रुटि शासनादेश का सीधा उल्लंघन थी, जिसके अनुसार नगर विकास के धन से आवंटित कराए गए कार्यों में शिलापट्ट पर नगर विकास मंत्री का नाम अंकित होना अनिवार्य है। स्थानीय निवासी अमित राय ने इस विसंगति पर आपत्ति जताई और नगर विकास मंत्री को औपचारिक शिकायत पत्र प्रेषित किया। पत्र में उल्लेख किया गया कि शासनादेश के अनुसार मुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री और संबंधित विधायक का नाम प्राथमिकता से अंकित किया जाना चाहिए और उसके बाद महापौर का नाम दर्ज हो सकता है। किसी भी स्थिति में किसी अधिकारी अथवा नगर निगम आयुक्त का नाम शिलापट्ट पर अंकित करना वर्जित है।
शिकायत पर संज्ञान लेते हुए नगर विकास विभाग ने तत्काल प्रभाव से परियोजना को निरस्त कर दिया। इसके साथ ही, विभाग ने आदेश जारी कर स्पष्ट किया कि भविष्य में समस्त नगर आयुक्त, जिलाधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारी इस शासनादेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें। ज्ञात हो कि 15 दिसंबर 2023 को भी मुख्य सचिव द्वारा जारी एक महत्त्वपूर्ण पत्र में इसी नियम का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए थे।
बताया गया कि इस परियोजना के लिए जो शिलापट्ट लगाया गया था, उस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, स्थानीय विधायक सौरभ श्रीवास्तव, महापौर अशोक कुमार तिवारी और पार्षद राजकुमार यादव के नाम अंकित थे, किंतु नगर विकास मंत्री का नाम अनुपस्थित था। इस त्रुटि को प्रशासनिक लापरवाही मानते हुए विभाग ने त्वरित कार्रवाई कर योजना को रद्द कर दिया।
यह घटना अब जिले में नगर विकास से जुड़ी परियोजनाओं में शासनादेश के अनुपालन का एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन गई है। यह स्पष्ट संदेश देता है कि सरकार विकास कार्यों में पारदर्शिता और नियमों के पालन के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है, और किसी भी प्रकार की अनियमितता को गंभीरता से लेकर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है कि भविष्य में किसी भी सार्वजनिक परियोजना में शिलापट्ट संबंधी नियमों की अवहेलना न हो, ताकि सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनी रहे।
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या शिलापट्ट को सही कर नगर विकास मंत्री का नाम अंकित करके कार्य को पुनः सुचारू रूप से चालू कराया जाएगा, या फिर नई टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से योजना के लिए पुनः धन आवंटन कराया जाएगा। जैसा भी होगा, उसकी हर एक जानकारी सबसे पहले आप तक पहुंचाएगा 'यूपी खबर'।