वाराणसी: नाव चलाने के नियमों में बदलाव, अब नाविकों को देना होगा फिजिकल और स्विमिंग टेस्ट-डीजल नाव बैन

वाराणसी नगर निगम ने गंगा नदी में नाव संचालन को सुव्यवस्थित करने के लिए नियमों में बदलाव किया है, जिसके तहत नाविकों को फिजिकल व स्विमिंग टेस्ट पास करना होगा, डीजल नावों पर प्रतिबंध लगाया गया है, और लाइसेंस शुल्क में भी वृद्धि की गई है।

Thu, 23 Jan 2025 22:38:00 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में गंगा नदी पर बढ़ती पर्यटन गतिविधियों और नाव संचालन को व्यवस्थित करने के लिए नगर निगम ने नाव संचालन के नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। नए नियमों के तहत नाविकों को लाइसेंस प्राप्त करने के लिए फिजिकल और स्विमिंग टेस्ट पास करना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, लाइसेंस शुल्क में भारी वृद्धि की गई है और डीजल से चलने वाली नावों पर प्रतिबंध लगाया गया है।

नगर निगम ने घोषणा की है कि मोटर बोट का लाइसेंस शुल्क, जो पहले 650 रुपये था, अब बढ़ाकर 5000 रुपये किया जाएगा। वहीं, हाथ से चलने वाली नाव का लाइसेंस शुल्क 650 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये किया गया है। इसके साथ ही डीजल से चलने वाली नावों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य गंगा नदी की स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित करना है।

नए नियमों के तहत लाइसेंस प्राप्त करने के लिए नाविकों को शारीरिक क्षमता और तैराकी कौशल का प्रदर्शन करना होगा। यह फैसला टीनएजर्स और गैर पेशेवर नाविकों को संचालन से दूर रखने के लिए लिया गया है। इसके अलावा, अब प्रत्येक परिवार को केवल एक लाइसेंस दिया जाएगा। नगर निगम के आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में वाराणसी में लगभग 1400 नावें रजिस्टर्ड हैं, जिनमें से 900 नावें पिछले पांच वर्षों में रजिस्टर्ड हुई हैं। पर्यावरण के अनुकूल पहल के तहत 500 नावों को सीएनजी में बदला गया है।

नए नियमों और शुल्क वृद्धि को लेकर मांझी समाज ने नाराजगी जताई है। मां गंगा निषादराज सेवा न्यास के अध्यक्ष प्रमोद मांझी ने कहा,नगर निगम की मंशा नाविकों के लिए कुछ सालों से ठीक नहीं रही है। पहले क्रूज का संचालन शुरू किया गया, फिर डीजल नावों पर प्रतिबंध लगाया गया और अब लाइसेंस शुल्क में भारी वृद्धि की जा रही है। यह मांझी समाज के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण स्थिति है। उन्होंने आगे कहा कि अगर नगर निगम अपने प्रस्तावों पर पुनर्विचार नहीं करता, तो मांझी समाज विरोध प्रदर्शन करेगा।

नगर निगम के इस फैसले का मुख्य उद्देश्य गंगा नदी को स्वच्छ रखना और बढ़ते पर्यटन को नियंत्रित करना है। हालांकि, स्थानीय नाविक समुदाय की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए सरकार और नगर निगम को उनके हितों की रक्षा के लिए भी कदम उठाने होंगे।

बलिया: तेज रफ्तार डीसीएम ने मचाया कोहराम,कई लोगों को रौदा, दो की मौत

चिलचिलाती धूप में राहत की घूंट: रामनगर में कांग्रेस जनों ने हजारों राहगीरों को पिलाया शरबत

वाराणसी: ओपी सिंह को मिली नई जिम्मेदारी, बने राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा परिषद के वाराणसी मंडल वरिष्ठ उपाध्यक्ष

वाराणसी: गंगा आरती के दौरान दर्दनाक हादसा, पति गंगा में डूबा, देखती रही पत्नी

वाराणसी: मिर्जामुराद में तेज रफ्तार ट्रक ने कार को मारी टक्कर, तीन युवकों की मौत, एक घायल