Wed, 21 May 2025 07:40:11 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: काशी के प्रतिष्ठित संकटमोचन मंदिर के महंत और आईआईटी बीएचयू के प्रोफेसर डॉ. विश्वंभर नाथ मिश्र के तुलसी घाट स्थित आवास से हुई करोड़ों रुपये के गहनों और नकदी की चोरी के मामले में वाराणसी पुलिस ने उल्लेखनीय तत्परता और कुशलता के साथ बड़ी सफलता हासिल की है। मंगलवार की देर रात एसओजी (स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप) और स्थानीय पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में एक मुठभेड़ के दौरान तीन शातिर बदमाशों को घायल कर गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि उनके तीन अन्य साथियों को भी मौके से धर दबोचा गया। ये सभी आरोपी पूर्व और वर्तमान में प्रो. मिश्र के घरेलू नौकर रह चुके हैं।
यह घटना बीते रविवार की रात की है, जब प्रो. मिश्र दिल्ली में थे और उनके तुलसी घाट स्थित घर से कीमती आभूषण और लगभग तीन लाख रुपये की नकदी चोरी हो गई थी। जब वह सोमवार को दिल्ली से लौटे, तो उन्होंने भेलूपुर थाने में इस चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई। घटना को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी और एक विशेष जांच टीम गठित की गई, जिसमें एसओजी प्रभारी मनीष कुमार मिश्र, रामनगर थानाध्यक्ष राजू सिंह और भेलूपुर थानाध्यक्ष गोपालजी कुशवाहा शामिल थे।
प्रशंसनीय बात यह रही कि पुलिस ने इस मामले में अत्याधुनिक तकनीकी संसाधनों का उपयोग करते हुए बहुत ही कम समय में बदमाशों तक पहुंचने में सफलता प्राप्त की। मंगलवार देर रात सर्विलांस टीम को सूचना मिली कि चोरी में शामिल बदमाश रामनगर थाना क्षेत्र के कोदोपुर इलाके में एक जगह इकट्ठा होकर चोरी के गहनों का बंटवारा कर रहे हैं। इस सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने इलाके की घेराबंदी की, लेकिन खुद को घिरता देख बदमाशों ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी।
जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने संयम और साहस के साथ मुकाबला किया, जिसमें तीन बदमाश विक्की तिवारी (निवासी अमो, कैमूर, बिहार), जितेंद्र सिंह उर्फ गोलू (निवासी अमावस, बिहार) और राकेश दुबे (चैनपुर, बिहार) गोली लगने से घायल हो गए। घायल अवस्था में उन्हें तुरंत अस्पताल भिजवाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। इन तीनों के साथ उनके अन्य तीन साथियों दिलीप उर्फ बंसी चौबे (भगवानपुर), अतुल शुक्ला (फुलवा मऊ, फतेहपुर) और शनि (नारायणपुर दुबे, देवरिया) को भी गिरफ्तार किया गया।
इस पूरी कार्रवाई के दौरान एक आरोपी सुरेंद्र मौके से भागने में सफल रहा, जिसकी गिरफ्तारी के लिए बुधवार तड़के सुबह तक पुलिस ने इलाके में गहन कांबिंग अभियान चलाया। सुरेंद्र की तलाश अभी भी जारी है और अधिकारियों का मानना है कि उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पुलिस ने आरोपियों के पास से भारी मात्रा में चोरी का माल बरामद किया है, जिसमें करोड़ों रुपये मूल्य के सोने-चांदी के गहने, नगदी और अवैध हथियार, तमंचे व कारतूस शामिल हैं। यह तथ्य और भी चौंकाने वाला है कि सभी आरोपी कभी न कभी प्रो. मिश्र के घर पर नौकर रह चुके थे और वे घर की अंदरूनी व्यवस्था, कमजोरियां और सुरक्षा से परिचित थे। उन्होंने इसी जानकारी का दुरुपयोग कर इस वारदात को अंजाम दिया।
डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि पूरी टीम ने संयम, रणनीतिक बुद्धिमत्ता और साहस का परिचय दिया है, जिससे न केवल एक जघन्य अपराध का पर्दाफाश हुआ, बल्कि काशी जैसे आध्यात्मिक नगर की गरिमा और सुरक्षा को भी सुरक्षित किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि गिरफ्तार सभी आरोपियों को बुधवार को अदालत में पेश किया जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस कार्रवाई के लिए वाराणसी पुलिस और एसओजी की टीम विशेष सराहना की पात्र है, जिन्होंने केवल 48 घंटों के भीतर एक हाई-प्रोफाइल चोरी की गुत्थी को सुलझा दिया। इस पूरे घटनाक्रम ने यह सिद्ध कर दिया है कि काशी में कानून व्यवस्था मजबूत है और कोई भी अपराधी, चाहे वह जितना भी चतुर या योजनाबद्ध क्यों न हो, कानून की पकड़ से बच नहीं सकता।
इस घटना ने एक बार फिर समाज को यह चेतावनी दी है कि विश्वासघात बहुत करीब से आता है, और जिन पर सबसे अधिक भरोसा किया जाता है, वही सबसे बड़ा खतरा बन सकते हैं। वहीं पुलिस की इस सख्त और असरदार कार्यप्रणाली ने आम नागरिकों में सुरक्षा का विश्वास और प्रशासन में भरोसा और मजबूत किया है।
प्रो. मिश्र ने भी पुलिस के इस त्वरित और साहसी कदम की सराहना करते हुए आभार व्यक्त किया और कहा कि यह कार्रवाई केवल उनके लिए ही नहीं, बल्कि पूरे शहरवासियों के लिए एक उदाहरण है कि कानून और सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से सतर्क और सक्षम है।