Sun, 27 Apr 2025 21:00:34 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: देश भर में आक्रोश की लहर फैल गई है जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले में निर्दोष हिन्दू पर्यटकों की निर्मम हत्या की खबर सामने आई। इस बर्बर हमले के खिलाफ जनमानस में गहरा आक्रोश व्याप्त है और विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन और श्रद्धांजलि सभाओं का आयोजन किया जा रहा है।
इसी क्रम में, 26 अप्रैल 2025 की संध्या को वाराणसी के बलुआ घाट पर "दी लायर्स एसोसिएशन, रामनगर" के वरिष्ठ एवं कनिष्ठ अधिवक्ताओं ने एकत्र होकर विरोध स्वरूप कैंडल मार्च का आयोजन किया और हमले में शहीद हुए निर्दोष पर्यटकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
कैंडल मार्च बलुआ घाट से प्रारंभ होकर लाल बहादुर शास्त्री जी की प्रतिमा स्थल तक निकाला गया, जहाँ सभी अधिवक्ताओं ने एकत्र होकर गहन शोक व्यक्त किया और मौन श्रद्धांजलि अर्पित की। इस कार्यक्रम में "दी लायर्स एसोसिएशन" के अध्यक्ष विनय कुमार सिंह, महामंत्री अरुण कुमार सहित संस्था के अन्य वरिष्ठ सदस्यों जैसे पंकज यादव, अतुल मेहरा, लक्ष्मेश्वर नाथ शर्मा, आजम खान, पाठक जी, विष्णु एडवोकेट और राज एडवोकेट प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने इस नृशंस आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए सरकार से आतंकवाद के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कायराना हमले न केवल मानवता के खिलाफ अपराध हैं, बल्कि देश की एकता और अखंडता पर भी सीधा आघात करते हैं। अधिवक्ताओं ने एकजुट होकर यह संदेश दिया कि देश की जनता ऐसे कृत्यों के सामने कभी भी झुकेगी नहीं और राष्ट्र की सुरक्षा तथा एकता के लिए हमेशा खड़ी रहेगी।
शहीदों की स्मृति में आयोजित इस कैंडल मार्च में उपस्थित सभी सदस्यों ने हाथों में मोमबत्तियाँ लेकर आतंकवाद के विरुद्ध एकजुटता का प्रदर्शन किया और शांतिपूर्वक अपना विरोध दर्ज कराया। सभा के समापन पर सभी ने मिलकर आतंकवाद के समूल नाश के लिए संकल्प लिया और शहीदों की आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना की।
यह आयोजन न केवल पहलगाम में शहीद हुए निर्दोष पर्यटकों के प्रति गहरी संवेदना और श्रद्धा का प्रतीक रहा, बल्कि इसने यह भी दर्शाया कि देश के नागरिक किसी भी आतंकी कृत्य के खिलाफ एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद करने को सदैव तैयार हैं। वाराणसी से उठी यह शांतिपूर्ण लेकिन प्रभावी आवाज पूरे देश में फैले जनाक्रोश का एक सशक्त उदाहरण बन गई है।