Sat, 31 May 2025 08:40:42 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: शुक्रवार को रामनगर के ऐतिहासिक गुरुद्वारे में उस समय तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई जब सिखों के पांचवें गुरु, गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी पर्व के अवसर पर आयोजित धार्मिक कार्यक्रम के दौरान एक विवाद ने तूल पकड़ लिया। इस विवाद में गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के सचिव रंजीत सिंह राजू पर कथित रूप से हमला किया गया। उन्होंने रामनगर थाने में तहरीर देकर पूर्व प्रबंध कमेटी अध्यक्ष और उनके सहयोगियों पर मारपीट का गंभीर आरोप लगाया है, साथ ही अपने और अपने परिजनों की जानमाल की सुरक्षा की मांग की है।
रंजीत सिंह राजू, जो गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के गुरजीत गुट से जुड़े हैं, ने कहा कि बीते तीन वर्षों से गुरुद्वारा कमेटी का चुनाव नहीं कराया गया है। इसको लेकर उनकी टीम लगातार चुनाव की मांग कर रही है, जिससे कुछ लोगों में नाराजगी है। राजू ने आरोप लगाया कि इसी रंजिश के चलते शहीदी पर्व जैसे पवित्र अवसर पर उन्हें निशाना बनाया गया। उन्होंने यह भी बताया कि गुरुद्वारा प्रबंधन में लगातार बढ़ते तनाव और अंदरूनी खींचतान के कारण पिछले सप्ताह गुरुद्वारे के ज्ञानी (धार्मिक शिक्षक) ने भी अपना त्यागपत्र दे दिया था।
घटना के तुरंत बाद स्थानीय पुलिस सक्रिय हो गई और गुरुद्वारे में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है ताकि हमले की सच्चाई सामने लाई जा सके। पुलिस का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना से गुरुद्वारे की गरिमा को ठेस पहुंची है और स्थानीय सिख समुदाय में गहरा रोष व्याप्त है। धार्मिक स्थलों पर इस तरह की घटनाएं न केवल कानून व्यवस्था को चुनौती देती हैं, बल्कि सामुदायिक सौहार्द पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा करती हैं। समुदाय के वरिष्ठ नागरिकों और समाजसेवियों ने सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है और प्रशासन से निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
गुरु अर्जुन देव जी की शहादत को याद करने का यह अवसर, जहां श्रद्धालु एकत्र होकर प्रार्थना और सेवा के माध्यम से अपना सम्मान प्रकट करते हैं, वहां इस प्रकार की हिंसा न केवल दुखद है, बल्कि पूरे आयोजन की पवित्रता को भी आघात पहुंचाती है। फिलहाल, पुलिस की जांच और कमेटी के अंदर चल रहे विवादों पर नजर बनाए रखने की आवश्यकता है, जिससे रामनगर का गुरुद्वारा फिर से शांति और श्रद्धा का केंद्र बन सके।