Wed, 21 May 2025 14:59:17 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: एक दर्दनाक हादसे ने मंगलवार की शाम वाराणसी के कैंट थाना क्षेत्र स्थित पुलिस लाइन परिसर को स्तब्ध कर दिया। ट्रांसफॉर्मर की मरम्मत के दौरान करंट की चपेट में आकर 21 वर्षीय बिजली कर्मी सरफराज शेख की मौके पर ही मौत हो गई। घटना उस समय हुई जब सरफराज अपने चचेरे भाई के साथ मिलकर ट्रांसफॉर्मर पर काम कर रहा था। वे 11 हजार वोल्ट के शटडाउन के दौरान लाइन का कनेक्शन कर रहे थे, तभी अचानक तेज करंट प्रवाहित हो गया, जिससे सरफराज बुरी तरह झुलस गया और खंभे से नीचे गिर गया।
सरफराज को तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अस्पताल परिसर में चंद पलों के भीतर ही मातम पसर गया। अस्पताल की दीवारें उस वक्त कराहते और विलखते परिजनों की चीखों से गूंज उठीं। एक नौजवान, जिसकी जिंदगी अभी शुरू ही हुई थी, अचानक इस दुनिया से विदा हो गया। उसके घर में इस हादसे से मानो खुशियों का सूरज अस्त हो गया हो।
मृतक के चचेरे भाई सैफ सिद्दीकी ने बताया कि घटना के समय वे दोनों पुलिस लाइन में ट्रांसफॉर्मर की रिपेयरिंग का काम कर रहे थे। डीओ (ड्रॉप आउट) काट दिया गया था, परंतु शटडाउन नहीं लिया गया था। पुराने केबल को काटकर नया जोड़ा जा रहा था कि तभी यह हादसा हो गया। सैफ ने बताया कि सरफराज ने सुरक्षा के लिए ग्लव्स पहने थे, लेकिन करंट इतना तीव्र था कि उसकी कोई सुरक्षा उपाय काम नहीं आया। करंट लगते ही वह जोर से जमीन पर आ गिरा और लहूलुहान हो गया।
पुलिस लाइन के प्रतिसार निरीक्षक उमेश चंद्र दुबे ने जानकारी दी कि यह जांच का विषय है कि शटडाउन के बावजूद अचानक बिजली कैसे आ गई। उन्होंने बताया कि आदेश कक्ष के बगल वाले ट्रांसफॉर्मर पर सरफराज कार्यरत था। दो दिन पहले वही ट्रांसफॉर्मर जल गया था, जिसकी मरम्मत के लिए नया ट्रांसफॉर्मर लगाया गया था। उस ट्रांसफॉर्मर का कनेक्शन अभी तक पूरा नहीं हुआ था, लेकिन उसी दौरान बिजली सप्लाई कैसे शुरू हो गई, यह रहस्य बना हुआ है। बिजली विभाग की टीम भी इस मामले की तकनीकी जांच कर रही है।
सरफराज शेख देवरिया जिले के बगीचघाट स्थित मेहंदीपुर गांव का रहने वाला था। वह तीन भाइयों में सबसे छोटा था। उसके बड़े भाई खुशबुद्दीन भारतीय सेना में कार्यरत हैं और दूसरे भाई सर्फूद्दीन दुबई में नौकरी करते हैं। उसकी एक बहन सादिया भी है। परिवार आर्थिक रूप से सामान्य स्थिति में था। पिता अशफाक उर्फ मुन्ना शेख लंबे समय से मधुमेह के मरीज हैं, जबकि मां सकीना बेगम एक सामान्य गृहिणी हैं। अब तक परिवार के किसी भी संतान की शादी नहीं हुई थी। ऐसे में सरफराज की असमय मौत ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। मां-बाप के आंखों के तारे को खो देने का दर्द शब्दों से परे है।
इस हृदयविदारक घटना ने बिजली विभाग की लापरवाही पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या सही प्रक्रिया से शटडाउन लिया गया था? क्या मौके पर सुरक्षा उपाय पर्याप्त थे? और सबसे महत्वपूर्ण, बिना कनेक्शन पूरा किए बिजली कैसे बहाल हो गई? ये सभी प्रश्न अब जांच के घेरे में हैं।
फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए मोर्चरी में रखवा दिया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद मौत के कारणों पर और स्पष्टता आ सकती है। प्रशासन का दावा है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं दूसरी ओर सरफराज के गांव और परिवार में इस दुर्घटना को लेकर शोक और आक्रोश का माहौल है।
सरफराज शेख की मौत एक कड़वी याद बनकर रह गई है। एक मेहनतकश युवा जो रोजी-रोटी की तलाश में अपनी जान दांव पर लगाकर काम कर रहा था। अब उसका परिवार उसे हमेशा के लिए खो चुका है, और हमारी व्यवस्था पर फिर से यह सवाल खड़ा हो गया है, क्या ज़िंदगी इतनी सस्ती है।