Sat, 10 May 2025 15:50:21 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: सीमा पर जब हमारी सेना पाकिस्तान की नापाक हरकतों का मुँहतोड़ जवाब दे रही है, तब देश के भीतर भी जनता अपने-अपने तरीके से आक्रोश और समर्थन व्यक्त कर रही है। वाराणसी के ऐतिहासिक अस्सी घाट पर हाल ही में एक अनोखा दृश्य देखने को मिला, जिसने देशभर में चर्चा छेड़ दी है। यहां सड़क के बीचोंबीच पाकिस्तानी झंडे का चित्र उकेरा गया है, जिसका उद्देश्य बेहद प्रतीकात्मक और स्पष्ट है — भारत की जनता के पैरों तले पाकिस्तान को रौंदना।
इस प्रदर्शन के पीछे आयोजकों की सोच यही है कि जब आम जनता उस झंडे पर चलेगी, तब उन्हें न केवल एक तरह का मानसिक सुकून मिलेगा, बल्कि यह भी संदेश जाएगा कि पाकिस्तान की नापाक मंशाओं का अंत अब जनता के स्तर पर भी शुरू हो चुका है। जिस तरह से सेना सीमा पर दिन-रात हमारी सुरक्षा में जुटी है, उसी भावना को लेकर आम नागरिक भी देशभक्ति के अपने-अपने तरीके से इज़हार कर रहे हैं।
आज पूरा देश एकजुट होकर भारतीय सेना के साहस और बलिदान का सम्मान कर रहा है। सीमा पर चल रही गतिविधियों के बीच पाकिस्तान की ओर से बार-बार की जाने वाली उकसावे की कार्रवाइयों से आम जनमानस में आक्रोश है। इसी आक्रोश को व्यक्त करने का यह तरीका वाराणसी में अपनाया गया। सड़क पर बनाया गया यह पाकिस्तानी झंडा न केवल विरोध का प्रतीक है, बल्कि यह दर्शाता है कि भारत की जनता अब सिर्फ बयानबाज़ी नहीं, बल्कि प्रतीकात्मक क़दमों से भी विरोध दर्ज कराने को तैयार है।
झंडे को बनाने वाले स्थानीय युवाओं और सामाजिक संगठनों का कहना है कि यह प्रदर्शन किसी एक दल या संगठन का नहीं, बल्कि पूरे भारतवासियों की भावनाओं का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान बार-बार सीमा पर अशांति फैलाने की कोशिश करता है, निर्दोष नागरिकों और सैनिकों पर हमले करता है, ऐसे में उसका विरोध हर स्तर पर होना चाहिए — चाहे वह कूटनीतिक हो, सैन्य हो या सामाजिक।
घाट पर मौजूद लोग इस प्रतीकात्मक विरोध को देखकर न केवल तस्वीरें खींच रहे हैं, बल्कि अपने बच्चों को भी यह समझा रहे हैं कि देशभक्ति केवल लड़ाई लड़ने से नहीं, बल्कि भावनात्मक एकजुटता से भी प्रकट होती है। लोगों का कहना है कि जब तक पाकिस्तान अपनी नीतियों में बदलाव नहीं करता, भारत की जनता उसका विरोध इसी तरह करती रहेगी।
यह विरोध शांतिपूर्ण है लेकिन अपने आप में बेहद सशक्त है। यह उस भाव को दर्शाता है कि भारत की मिट्टी में जन्मा हर नागरिक अपने देश की रक्षा के लिए न केवल तैयार है, बल्कि अपने स्तर पर हर संभव क़दम उठाने को भी तत्पर है। सीमा पर सैनिकों की बंदूकें गरज रही हैं और जमीन पर जनता का आक्रोश भी मुखर हो रहा है। यह तालमेल देश की एकता, साहस और संकल्प का परिचायक है।