Fri, 16 May 2025 12:02:37 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: हरहुआ स्थित काशी कृषक इंटर कॉलेज में शुक्रवार को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत एक भव्य विवाह समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कुल 197 जोड़ों ने जीवनसाथी के रूप में एक-दूसरे का हाथ थामा। हालांकि, जहां एक ओर यह आयोजन सामाजिक समरसता और सहयोग का प्रतीक बना, वहीं दूसरी ओर अव्यवस्थाओं और भीषण गर्मी के कारण इसमें शामिल हुए कई परिजन और आमंत्रितजन परेशानियों से जूझते नजर आए।
इस सामूहिक विवाह में वाराणसी जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से जोड़े सम्मिलित हुए। चिरईगांव से 65, हरहुआ से 54, चोलापुर से 52, पिंडरा से 16, बड़ागांव से छह तथा आराजीलाइन से चार जोड़े विवाह बंधन में बंधे। इसके अतिरिक्त चार मुस्लिम जोड़ों का निकाह भी इस अवसर पर संपन्न कराया गया। कार्यक्रम में सभी नवविवाहितों को उपहार एवं प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। समारोह की शोभा बढ़ाने के लिए मुख्य अतिथि के रूप में राज्य मंत्री रविंद्र जायसवाल उपस्थित रहे, जिन्होंने सभी नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि योगी सरकार की यह योजना उन परिवारों के लिए एक नई उम्मीद बन चुकी है, जिनकी बेटियों की शादी आर्थिक कारणों से अटक जाती थी। उन्होंने कहा कि सरकार अब ऐसे जरूरतमंद परिवारों को आर्थिक मदद देकर बेटियों के हाथ पीले कर रही है। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, विधान परिषद सदस्य हंसराज विश्वकर्मा, विधायक त्रिभुवन राम और विधायक नील रतन पटेल भी उपस्थित रहे।
हालांकि, समारोह की सकारात्मक भावना और उद्देश्य के बीच कार्यक्रम स्थल पर व्यवस्थाएं चरमरा गईं। जैसे ही विवाह की सभी रस्में पूरी हुईं और भोजन वितरण शुरू हुआ, वहां अफरातफरी का माहौल बन गया। खाने के स्टॉल पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे धक्का-मुक्की की स्थिति उत्पन्न हो गई। कई वर-वधुओं के परिजन, विशेष रूप से बुजुर्ग और महिलाएं, भोजन पाने से वंचित रह गए। कुछ दूल्हों के पिता तक को भोजन नहीं मिल सका, जिससे लोगों में नाराजगी देखी गई। अव्यवस्था का आलम यह था कि भोजन के स्टॉल पर तैनात कर्मचारी भीड़ देखकर मौके से खिसकते नजर आए। थोड़े ही समय में पूरा भोजन समाप्त हो गया, और बर्तनों की कमी के कारण एक छोटे बच्चे को पत्तल थामे खड़ा होना पड़ा, जिससे लोग उससे पत्तल मांगते दिखे।
भीषण गर्मी के बीच इंतजामों की कमी ने परेशानी को और बढ़ा दिया। महिलाएं खुद पत्तल उठाकर भोजन की लाइन में लग गईं और जैसे-तैसे पूरी-सब्जी लेकर बैठने के लिए स्थान तलाशने लगीं। आयोजकों की ओर से की गई तैयारियां भीड़ को संभालने में नाकाफी साबित हुईं। जहां एक ओर सरकार की पहल को सराहा गया, वहीं दूसरी ओर आयोजन की अव्यवस्थाओं पर लोगों ने खुलकर नाराजगी जताई और आयोजकों को कोसते रहे।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद परिवारों को सहारा देना है, और इस पहल से समाज में एक सकारात्मक संदेश भी जाता है। लेकिन ऐसे आयोजनों की सफलता न केवल सरकार की नीति पर, बल्कि स्थानीय स्तर पर की गई तैयारियों और मानवीय संवेदनाओं पर भी निर्भर करती है। यदि व्यवस्थाओं में थोड़ी और सजगता और समन्वय होता, तो यह समारोह न केवल सामाजिक सरोकार का उदाहरण बनता, बल्कि आमंत्रितजनों की स्मृतियों में भी एक सुखद अनुभव के रूप में दर्ज हो सकता था।