उत्तर प्रदेश के 34 जिलों में आंधी-तूफान का येलो अलर्ट, मौसम विभाग ने लोगों को किया सतर्क

मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के 34 जिलों में आंधी-तूफान और बारिश की संभावना को देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया है, लोगों को सतर्क रहने और प्रशासन को आपदा प्रबंधन के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।

Mon, 19 May 2025 13:02:03 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी के बीच मौसम ने अचानक करवट ले ली है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य के 34 जिलों में आंधी-तूफान और बारिश की संभावना को देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया है। इस चेतावनी के साथ विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और आवश्यक एहतियात बरतने की अपील की है। जिन जिलों में यह अलर्ट जारी किया गया है, उनमें गोरखपुर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, संत कबीरनगर, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, सहारनपुर, शामली, मेरठ, मुज़फ्फरनगर, बागपत, गाज़ियाबाद, हापुड़, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा और हाथरस प्रमुख रूप से शामिल हैं।

राज्य में पिछले कुछ दिनों से तापमान में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही थी, जिससे जनजीवन पर गर्मी का प्रभाव साफ दिखाई दे रहा था। इसी बीच मौसम में अचानक आए इस बदलाव ने एक बार फिर लोगों को सावधान कर दिया है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 से 48 घंटों के भीतर इन जिलों में तेज हवाएं चलने के साथ-साथ गरज-चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। कुछ क्षेत्रों में वज्रपात और पेड़ों के गिरने की घटनाएं भी हो सकती हैं, जिससे जान-माल की हानि की आशंका बनी हुई है।

प्रशासन ने संभावित आपदाओं से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। जिलों के अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और सभी आपातकालीन सेवाओं को सक्रिय कर दिया गया है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे पेड़ों के नीचे खड़े न हों और बिजली के खंभों से दूर रहें। बिजली गिरने की संभावना को ध्यान में रखते हुए स्कूलों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों को भी सतर्क रहने की हिदायत दी गई है।

पिछले वर्षों के अनुभवों के आधार पर देखा गया है कि इस प्रकार के मौसमी बदलावों के दौरान बिजली गिरने, पेड़ और होर्डिंग्स गिरने जैसी घटनाएं आम हो जाती हैं। इसलिए प्रशासन ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों पर ध्यान दें और किसी भी आपात स्थिति में नजदीकी प्रशासनिक कार्यालय या हेल्पलाइन नंबरों से संपर्क करें।

मौसम विभाग का कहना है कि यह मौसमी बदलाव पश्चिमी विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी के कारण हो रहा है। इस वजह से तेज हवाओं के साथ बादलों की आवाजाही और बारिश की गतिविधियों में इज़ाफा हो सकता है। जानकारों का मानना है कि यह स्थिति आने वाले दिनों में और गंभीर रूप ले सकती है, खासकर जब तक गर्मी और नमी का यह मेल बना रहेगा।

इस मौसम बदलाव का असर कृषि पर भी पड़ सकता है। किसान संगठनों ने प्रशासन से अपील की है कि वे खेतों में खड़ी फसलों की सुरक्षा के लिए विशेष उपाय करें और किसानों को समय रहते मौसम से जुड़ी जानकारी प्रदान करें। तेज हवाएं और ओलावृष्टि जैसी घटनाएं गेंहू और आम की फसलों को नुकसान पहुंचा सकती हैं, जिससे किसानों को भारी क्षति हो सकती है।

फिलहाल उत्तर प्रदेश का मौसम बेहद संवेदनशील मोड़ पर है। मौसम विभाग और प्रशासन दोनों ही लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और आम जनता से अपेक्षा की जा रही है कि वे भी सतर्कता बरतें और किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें। आने वाले कुछ दिन चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं, लेकिन यदि सभी आवश्यक सावधानियां अपनाई जाएं, तो नुकसान को काफी हद तक टाला जा सकता है।

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