Mon, 12 May 2025 20:02:34 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
हसनपुर (अमरोहा)।: एक तरफ सरकारें बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के वादे कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के हसनपुर ब्लॉक से आई एक चौंकाने वाली तस्वीर ने शिक्षा व्यवस्था पर गहरा सवाल खड़ा कर दिया है। यहां एक परिषदीय विद्यालय में दो शिक्षक विद्यालय परिसर में बैठकर शराब की चुस्कियाँ लेते कैमरे में कैद हो गए। वीडियो वायरल होने के बाद शिक्षा महकमे में हड़कंप मच गया, और आनन-फानन में दोनों शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है।
कक्षा नहीं, बनी मदिरालय!
यह घटना प्राथमिक विद्यालय फैयाजनगर की है, जहां कड़ाके की ठंड के मौसम में स्कूल के भीतर ही मेज पर रखी शराब की बोतल और गिलास के साथ दो शिक्षक गपशप में डूबे नजर आए। इस शर्मनाक दृश्य को एक स्थानीय युवक ने मोबाइल कैमरे में कैद कर लिया था। वीडियो सोमवार को सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसने जिले भर में सनसनी फैला दी।
ग्रामवासियों ने खोला मोर्चा
इससे एक दिन पहले, रविवार को ही गांव के कई जागरूक नागरिकों ने इस घटना की शिकायत जिलाधिकारी से की थी। ग्रामीणों का आरोप है कि यह कोई पहली बार की घटना नहीं है, बल्कि आए दिन विद्यालय में अनुशासनहीनता और लापरवाही के मामले सामने आते रहे हैं। लेकिन शराब पीना सारी सीमाएं पार करने जैसा है।
जांच के बाद गिरी गाज
वीडियो के सामने आने के बाद खंड शिक्षा अधिकारी उदयवीर सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच करवाई। जांच में आरोपों की पुष्टि होने के बाद प्रधानाध्यापक अरविंद कुमार (प्राथमिक विद्यालय, फैयाजनगर) और अनुपाल सिंह (प्रभारी प्रधानाध्यापक, प्राथमिक विद्यालय सुतारी खुर्द) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। दोनों शिक्षकों को नोटिस जारी करते हुए विभागीय कार्यवाही भी शुरू कर दी गई है।
खंड शिक्षा अधिकारी ने क्या कहा?
खंड शिक्षा अधिकारी उदयवीर सिंह ने बताया, "हमारे पास ग्रामीणों की शिकायत और वायरल वीडियो के माध्यम से मिली जानकारी की पुष्टि जांच में हुई है। शिक्षा जैसे पवित्र पेशे को कलंकित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
क्या कहती है यह घटना?
विद्यालय शिक्षा का मंदिर होता है, जहां भविष्य की नींव रखी जाती है। लेकिन जब इस मंदिर में ऐसे कृत्य हों, तो बच्चों की पढ़ाई ही नहीं, समाज का भरोसा भी डगमगाने लगता है। यह घटना सिर्फ दो शिक्षकों की लापरवाही नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम के आत्मचिंतन का विषय है।
उम्मीद की जानी चाहिए कि ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई के साथ-साथ शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए जमीनी स्तर पर ठोस कदम भी उठाए जाएंगे।