अयोध्या में तेज रफ्तार डंपर का कहर, चार राहगीरों को रौंदा, एक की मौत, तीन घायल

अयोध्या के नयाघाट क्षेत्र में दुर्गागंज मांझा की ओर से आ रहे एक बेकाबू डंपर ने चार राहगीरों को रौंद दिया, जिसमें एक की मौके पर ही मौत हो गई और तीन गंभीर रूप से घायल हो गए।

Wed, 09 Apr 2025 01:06:25 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

अयोध्या: रामनगरी की शांत फिजा उस रात चीखों और अफरा-तफरी के शोर से थर्रा उठी, जब नयाघाट क्षेत्र में एक बेकाबू डंपर ने कोहराम मचा दिया। दुर्गागंज मांझा की ओर से आ रहा तेज रफ्तार डंपर अचानक अपना नियंत्रण खो बैठा और नया घाट चौकी के समीप लगे सुरक्षा बैरियरों को रौंदता हुआ चार राहगीरों को अपनी चपेट में ले गया।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सब कुछ कुछ ही पलों में हो गया। सड़क पर सामान्य रफ्तार से चल रहे लोग समझ भी नहीं पाए कि मौत इतनी बेरहमी से उनका पीछा कर रही थी। डंपर की टक्कर इतनी भीषण थी कि एक व्यक्ति ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। दुर्घटना के बाद पूरा इलाका चीख-पुकार और भगदड़ का मंजर बन गया।

तुरंत हरकत में आई पुलिस और रेस्क्यू टीम
सूचना मिलते ही अयोध्या कोतवाली की पुलिस मौके पर पहुंची। क्षेत्राधिकारी आशुतोष तिवारी और कोतवाल मनोज शर्मा ने स्वयं कमान संभाली और तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। गंभीर रूप से घायलों को एंबुलेंस की मदद से स्थानीय अस्पताल भेजा गया, जहां उनका इलाज जारी है।

भीड़ को संभालने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल बुलाना पड़ा, क्योंकि हादसे के बाद लोगों का आक्रोश और डर चरम पर था। पुलिस की मुस्तैदी से हालात पर जल्दी काबू पा लिया गया।

सिर्फ जान का नुकसान नहीं, सड़क भी बर्बाद
डंपर की रफ्तार ने सिर्फ इंसानी जानों पर कहर नहीं ढाया, बल्कि सड़क किनारे की पटरी, फुटपाथ और दुकानों को भी नुकसान पहुंचाया। बैरियरों के चिथड़े उड़ गए और दुकानों की टीनशेड तक चकनाचूर हो गईं।

डंपर को हटाने के लिए मौके पर दो भारी जेसीबी मशीनें बुलाई गईं, जिन्हें घंटों की मशक्कत के बाद सफलता मिली। कोतवाल मनोज शर्मा ने बताया कि डंपर को कब्जे में ले लिया गया है और चालक की तलाश जारी है।

एक सवाल... कई जवाब बाकी
यह हादसा सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि कई सवाल छोड़ गया है। क्या सड़क सुरक्षा सिर्फ कागजों तक सीमित है? क्या भारी वाहनों की निगरानी पर्याप्त नहीं? और आखिर आम नागरिक की जान कब तक ऐसे हादसों की भेंट चढ़ती रहेगी?

रामनगरी की इस रात ने न केवल चार परिवारों की जिंदगी बदल दी, बल्कि प्रशासन और व्यवस्था पर भी एक कड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। अब देखना होगा कि इस दुर्घटना के बाद जिम्मेदार महज बयान देकर रह जाते हैं, या कुछ ठोस कदम भी उठाए जाते हैं।

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