Fri, 18 Apr 2025 14:49:46 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
लखनऊ: संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआई) लखनऊ में एक भावुक और प्रेरणादायक दृश्य देखने को मिला, जब उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य सत्येंद्र बारी ने दिल्ली संसद न्यूज़ से जुड़े, सुल्तानपुर के प्रतिष्ठित बाल स्वयंसेवक एवं समाजसेवी शिवम मिश्रा की माता जी के स्वास्थ्य का हालचाल लिया। इस अवसर पर सत्येंद्र बारी ने मिश्रा परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएँ प्रकट करते हुए माता जी के शीघ्र और उत्तम स्वास्थ्य की कामना की।
गौरतलब है, कि शिवम मिश्रा, जो समाज सेवा के क्षेत्र में युवाओं के लिए एक आदर्श माने जाते हैं, आज भी बाल स्वयंसेवक के रूप में निःस्वार्थ भाव से देश और समाज के हित में कार्य कर रहे हैं। उनकी माता जी की तबीयत कुछ दिनों से खराब चल रही थी, जिस कारण उन्हें इलाज हेतु लखनऊ पीजीआई में भर्ती कराया गया। जैसे ही इस बात की जानकारी सत्येंद्र बारी को प्राप्त हुई, वे व्यक्तिगत रूप से अस्पताल पहुँचकर मिश्रा परिवार का हौसला बढ़ाने पहुंचे।
इस मुलाकात के दौरान सत्येंद्र बारी ने न सिर्फ चिकित्सा स्थिति की गहन जानकारी ली, बल्कि डॉक्टरों से भी बातचीत कर उपचार की पूरी स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने यह विश्वास दिलाया कि किसी भी आवश्यकता की स्थिति में प्रशासनिक या चिकित्सकीय सहायता प्रदान करने में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। उनके इस संवेदनशील और मानवीय पहलू ने उपस्थित सभी लोगों के बीच गहरी सराहना प्राप्त की।
सत्येंद्र बारी ने इस अवसर पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, शिवम मिश्रा जैसे युवाओं ने समाज सेवा में जो योगदान दिया है, वह अविस्मरणीय है। हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि हम उनके परिवार के प्रति भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। मैं माता जी के शीघ्र स्वस्थ होने की ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ, और हर संभव सहायता के लिए सदैव तत्पर हूँ।
यह मुलाकात एक उदाहरण बन गई है कि किस तरह से जनसेवक अपने निजी व्यस्तताओं से समय निकालकर जनता से जुड़े रहते हैं और मानवीय मूल्यों का सम्मान करते हैं। मिश्रा परिवार ने भी सत्येंद्र बारी के इस सहयोग और संवेदनशीलता के लिए आभार प्रकट किया।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए सत्येंद्र बारी लंबे समय से सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। उनके कार्यशैली की विशेषता है। ज़मीनी हकीकत से जुड़े रहना और व्यक्तिगत संपर्क के माध्यम से लोगों की समस्याओं को समझकर समाधान की दिशा में कार्य करना। आज का यह कदम उनकी उसी संवेदनशील सोच का प्रमाण है।