Thu, 29 May 2025 20:08:12 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
संभल: जिले के चंदौसी क्षेत्र में तैनात पुलिस उपाधीक्षक (सीओ) अनुज चौधरी गुरुवार को एक भीषण अग्निकांड में बाल-बाल बच गए। यह घटना मौलागढ़ गांव के एक मकान में हुई, जहां एक ड्रम में रखे ज्वलनशील पदार्थ में अचानक आग लग गई और बाद में विस्फोट भी हुआ। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम आग बुझाने में जुटी थी, वहीं सीओ अनुज चौधरी भी पूरी मुस्तैदी और साहस के साथ राहत कार्यों में हाथ बंटा रहे थे।
घटना दोपहर के समय हुई जब गांव के एक मकान से अचानक धुआं उठता दिखाई दिया। कुछ ही समय में यह धुआं विकराल आग में तब्दील हो गया। ग्रामीणों ने तत्काल फायर ब्रिगेड और पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद मौके पर दमकल की चार गाड़ियाँ रवाना की गईं। पुलिस भी त्वरित रूप से हरकत में आई। बताया जा रहा है कि जिस मकान में आग लगी, उसमें दस लोग अंदर फंसे हुए थे। सीओ अनुज चौधरी और उनकी टीम ने मुस्तैदी दिखाते हुए सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।
मौके पर मौजूद एक वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि सीओ अनुज चौधरी आग की लपटों के करीब खड़े होकर लाठी की मदद से जलती हुई वस्तुओं को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। तभी अचानक आग में तेज़ी से भड़काव आता है और आसपास मौजूद लोग, पुलिसकर्मी और फायर ब्रिगेड के जवान इधर-उधर भागने लगते हैं। आग के इस भीषण रूप को देखते हुए राहत कार्यों में लगे अधिकारियों की जान पर बन आई, लेकिन सौभाग्य से कोई घायल नहीं हुआ।
बताया गया है कि आग लगने वाले मकान में पेट्रोल में मिलावट के लिए इथेनॉल से भरे ड्रम रखे गए थे, जिनमें से एक ड्रम में विस्फोट हो गया। जैसे ही आग पर आंशिक रूप से काबू पाया गया, उसी समय एक जोरदार धमाका हुआ जिससे आग और फैल गई। यह विस्फोट इतना तेज था कि आसपास की दीवारें तक हिल गईं। उस समय सीओ अनुज चौधरी घटनास्थल पर सबसे आगे थे और एक दीवार की आड़ लेकर उन्होंने खुद को किसी तरह सुरक्षित किया। गनीमत यह रही कि उन्हें या अन्य किसी भी कर्मी को कोई शारीरिक क्षति नहीं पहुंची।
पुलिस ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है और आग लगने के कारणों की पड़ताल के लिए मौके से सैंपल लेकर फॉरेंसिक परीक्षण के लिए भेजे गए हैं। शुरुआती जांच में यह संदेह जताया गया है कि घर में अवैध रूप से पेट्रोल में इथेनॉल मिलाने का कार्य हो रहा था। यदि यह पुष्टि होती है, तो यह न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि सार्वजनिक सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा है।
सीओ अनुज चौधरी पहले भी अपने सख्त रवैये और चर्चित बयानों को लेकर सुर्खियों में रह चुके हैं। हाल ही में संभल की जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान फैली हिंसा और होली-जुमा के अवसर पर दिए गए बयानों के चलते वह चर्चा में आए थे। उनके खिलाफ जांच के आदेश भी दिए गए थे, लेकिन बाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके कार्यों की सराहना की और समर्थन भी दिया था।
गुरुवार की घटना ने एक बार फिर उनके साहस और तत्परता को साबित किया है। जब पूरी टीम जान जोखिम में डालकर राहत और बचाव कार्य में जुटी थी, उस वक्त अनुज चौधरी सबसे आगे रहकर नेतृत्व करते दिखाई दिए। इस तरह की घटनाएं न केवल प्रशासन की सतर्कता की परीक्षा होती हैं, बल्कि उनमें कार्यरत अधिकारियों की जिम्मेदारी और समर्पण का भी प्रमाण देती हैं।
संभल की इस गंभीर घटना ने एक बार फिर यह याद दिलाया है कि पुलिस और फायर ब्रिगेड के जवान किस प्रकार अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। सीओ अनुज चौधरी की त्वरित प्रतिक्रिया और बहादुरी की प्रशंसा न केवल स्थानीय प्रशासन में हो रही है, बल्कि सोशल मीडिया पर भी लोग उनके साहस को सलाम कर रहे हैं।
अग्निकांड की जांच जारी है और प्रशासन द्वारा इस मामले में पूरी पारदर्शिता के साथ कार्रवाई की जा रही है। यदि मकान में अवैध गतिविधियाँ चल रही थीं, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई तय मानी जा रही है।