Thu, 15 May 2025 19:54:54 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
बरेली: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद प्रोफेसर रामगोपाल यादव एक बार फिर अपने बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में हिस्सा लेने वाली महिला सैन्य अधिकारी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिसमें जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया गया। इस बयान को लेकर राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है और विभिन्न वर्गों ने उनकी आलोचना शुरू कर दी है।
प्रो. यादव ने यह बयान मुरादाबाद जनपद के बिलारी कस्बे में सपा विधायक हाजी फहीम इरफान के आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान दिया। इस अवसर पर उन्होंने दावा किया कि ऑपरेशन सिंदूर में जिन तीन अधिकारियों ने मुख्य भूमिका निभाई, वे एक मुसलमान, एक दलित और एक यादव समुदाय से थे। उन्होंने कहा कि ये तीनों अधिकारी पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) वर्ग से आते हैं, इसलिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस सैन्य अभियान का श्रेय नहीं ले सकती। यहीं पर उन्होंने दलित समुदाय का उल्लेख करते हुए जातिसूचक भाषा का प्रयोग किया, जिससे मामला और अधिक संवेदनशील हो गया।
रामगोपाल यादव का यह बयान उस समय आया है जब ऑपरेशन सिंदूर को लेकर देश भर में सुरक्षा बलों की सराहना हो रही है। विंग कमांडर व्योमिका सिंह की बहादुरी और पेशेवर कौशल की जमकर तारीफ की गई है। लेकिन यादव के बयान ने न केवल उनकी भूमिका को विवादों में ला दिया है बल्कि यह भी सवाल खड़े कर दिए हैं कि जाति और धर्म जैसे मुद्दों को सेना के पराक्रम से जोड़ना कहां तक उचित है।
सिर्फ ऑपरेशन सिंदूर ही नहीं, रामगोपाल यादव ने मध्यप्रदेश के वन मंत्री विजय शाह के उस बयान की भी कड़ी आलोचना की, जिसमें उन्होंने महिला सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया को लेकर कथित रूप से अनुचित टिप्पणी की थी। यादव ने कहा कि इस तरह के बयान न केवल महिला अधिकारियों का अपमान हैं, बल्कि सेना की गरिमा के भी खिलाफ हैं। उन्होंने विजय शाह को पार्टी से तत्काल निष्कासित करने और उनसे इस्तीफा लेने की मांग की।
राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने केंद्र सरकार पर भी आरोप लगाए कि भाजपा सेना के पराक्रम को अपने राजनीतिक हितों के लिए भुना रही है। उन्होंने कहा कि सेना ने अपनी बहादुरी से आतंकियों के ठिकानों को तबाह किया, लेकिन इसके बावजूद सरकार ने अंतरराष्ट्रीय दबाव में सीजफायर की घोषणा कर दी, जिससे सेना का मनोबल प्रभावित हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा केवल अपने एजेंडे के अनुसार सेना की उपलब्धियों को प्रचारित करती है, जबकि जमीनी हकीकत को नजरअंदाज कर देती है।
आगामी 2027 के विधानसभा चुनावों को लेकर भी प्रो. यादव ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की एकतरफा जीत होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में अत्याचार, महंगाई और भ्रष्टाचार ने आम जनता का जीना मुश्किल कर दिया है, और जनता आगामी चुनावों में इसका जवाब देने को तैयार है।
रामगोपाल यादव के बयान को लेकर जहां राजनीतिक विरोधी उन्हें घेर रहे हैं, वहीं सोशल मीडिया पर भी इस टिप्पणी को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ पूर्व सैन्य अधिकारियों और सामाजिक संगठनों ने इसे शर्मनाक बताते हुए सार्वजनिक माफी की मांग की है। इस बयान ने न केवल राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है बल्कि यह भी दर्शाया है कि संवेदनशील विषयों पर बयानबाजी करते समय सार्वजनिक प्रतिनिधियों को अधिक जिम्मेदारी और संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।