पहलगाम आतंकी हमले पर रूस ने जताया दुख, भारत को दिया आतंकवाद के खिलाफ पूर्ण समर्थन

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी से बात कर पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को पूर्ण समर्थन देने की बात कही है, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।

Mon, 05 May 2025 16:57:45 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

नई दिल्ली: आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत को रूस का एक बार फिर से भरोसेमंद सहयोग मिला है। सोमवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की और जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए, भारत के साथ पूर्ण समर्थन की पुनः पुष्टि की। इस आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे बड़ा और दर्दनाक आतंकी हमला माना जा रहा है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के अनुसार, राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी से बात करते हुए पीड़ितों और उनके परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवता के खिलाफ सबसे घातक खतरा है और इस तरह के नृशंस हमलों को अंजाम देने वालों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। पुतिन ने यह भी जोर देकर कहा कि ऐसे जघन्य अपराधों के दोषियों और उनके समर्थकों को न्याय के कठघरे में लाना अंतरराष्ट्रीय समुदाय की साझा जिम्मेदारी है।

बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने भारत और रूस के बीच ‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ को और सशक्त बनाने के संकल्प को दोहराया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर रूस के विजय दिवस की 80वीं वर्षगांठ के लिए राष्ट्रपति पुतिन को हार्दिक शुभकामनाएं दीं और उन्हें वर्ष के अंत में भारत में आयोजित होने वाले वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। यह वार्ता ऐसे समय में हुई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर है।

रविवार को रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भी भारत-पाकिस्तान तनाव पर चिंता जाहिर की थी। उन्होंने दोनों देशों से संयम बरतने और किसी भी प्रकार की स्थिति को और भड़काने से बचने की अपील की थी। लावरोव ने यह भी कहा कि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए यह आवश्यक है कि सभी पक्ष जिम्मेदारी से व्यवहार करें।

22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले ने भारत की सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है और सरकार ने इस पर सख्त प्रतिक्रिया दी है। हमले के बाद भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने का ऐलान किया है, जो कि भारत और पाकिस्तान के बीच जल संसाधनों के बंटवारे के लिए ऐतिहासिक रूप से महत्त्वपूर्ण रही है। यह कदम भारत की उस नीति की ओर संकेत करता है जिसमें आतंकवाद को प्रोत्साहन देने वाले देशों के खिलाफ कूटनीतिक और रणनीतिक दबाव बढ़ाया जा रहा है।

रूस का यह स्पष्ट और सार्वजनिक समर्थन भारत की उस वैश्विक मुहिम को बल देता है जिसमें आतंकवाद के खिलाफ साझा प्रयासों को एकजुट किया जा रहा है। ऐसे समय में जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय अक्सर दोहरे मापदंड अपनाता है, रूस का भारत के साथ यह एकजुटता और समर्थन न केवल सामरिक साझेदारी को मजबूत करता है, बल्कि यह आतंकवाद के विरुद्ध वैश्विक एकता का भी संदेश देता है।

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