Wed, 07 May 2025 22:20:31 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: देश-विदेश में प्रसिद्ध रामनगर की ऐतिहासिक रामलीला भूमि पर अतिक्रमण और कब्जे का गंभीर मामला सामने आया है। ऑल इंडिया काशीराज ट्रस्ट की संपत्ति मानी जाने वाली इस भूमि पर हाल ही में बिना अनुमति गिट्टी और बालू का भंडारण कर कब्जा करने की कोशिश की गई। यह मामला सामने आते ही दुर्ग प्रशासन हरकत में आ गया है। जानकारी के अनुसार, रामनगर की पंपासर क्षेत्र के आस-पास, जहां प्रतिवर्ष भव्य रामलीला का मंचन होता है, वहां बड़ी मात्रा में गिट्टी और बालू रखे जाने की सूचना मिलते ही किले के सुरक्षा अधिकारी कैप्टन राजेश शर्मा ने तत्काल जांच-पड़ताल शुरू की।
कैप्टन शर्मा ने स्पष्ट किया कि यह भूमि पूरी तरह से ऑल इंडिया काशीराज ट्रस्ट की है और यहां किसी भी प्रकार के निर्माण सामग्री भंडारण की अनुमति कभी भी दुर्ग प्रशासन द्वारा नहीं दी गई है। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों किले के कर्मचारियों ने मौके पर जाकर संबंधित लोगों को चेतावनी दी थी, जिस पर जवाब मिला था कि यह सामग्री अस्थाई रूप से रखी गई है और जल्द ही हटा ली जाएगी। बावजूद इसके, स्थिति में कोई बदलाव नहीं होने पर दुर्ग प्रशासन ने पुलिस प्रशासन को लिखित रूप से शिकायत सौंपी है, और अब प्रशासन इस मामले को लेकर और अधिक सतर्क हो गया है।
सूत्रों की मानें तो पंचवटी क्षेत्र, जहां रामलीला भूमि स्थित है, वहां लगातार अवैध अतिक्रमण की घटनाएं बढ़ रही हैं। स्थानीय लोग यह भी चर्चा कर रहे हैं कि किले के ही एक चर्चित कर्मचारी की भूमिका इस अतिक्रमण में संदेह के घेरे में है। लोगों का कहना है कि इस व्यक्ति की संलिप्तता के कारण यह अतिक्रमण आसानी से हो रहा है और इसकी जानकारी काशीराज ट्रस्ट के उत्तराधिकारी कुंवर अनंत नारायण तक समय से नहीं पहुंच पा रही है।
कुछ समय पहले पंचवटी क्षेत्र में ही अवैध भूसा मंडी संचालित होने का मामला भी सामने आया था, जिसके बाद से दुर्ग प्रशासन अतिक्रमण के मामलों को लेकर सजग हो गया है। अब प्रशासन ने यह तय किया है कि वह ट्रस्ट की जमीन पर अतिक्रमण करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करेगा। इसके साथ ही, रामलीला भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए विस्तृत रणनीति पर काम शुरू कर दिया गया है।
इस पूरे घटनाक्रम पर स्थानीय अधिवक्ता प्रवीण कुमार गुप्ता ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि रामनगर की रामलीला केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों की आस्था का प्रतीक है। ऐसे ऐतिहासिक स्थल पर इस तरह के अवैध कब्जे न केवल कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि लाखों रामलीला प्रेमियों की धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं को भी ठेस पहुंचाते हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि दोषियों के खिलाफ त्वरित और कठोर कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार के प्रयासों को रोका जा सके।
रामनगर की रामलीला भूमि न केवल वाराणसी की सांस्कृतिक पहचान है, बल्कि यह भारत की ऐतिहासिक धरोहरों में से एक मानी जाती है। यहां प्रतिवर्ष आयोजित होने वाली रामलीला में देश-विदेश से हजारों की संख्या में श्रद्धालु और दर्शक जुटते हैं। ऐसे में इस भूमि की सुरक्षा और संरक्षण सभी संबंधित पक्षों की प्राथमिकता होनी चाहिए। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासनिक स्तर पर इस गंभीर मामले में किस प्रकार की कार्रवाई होती है और ऐतिहासिक धरोहर को बचाने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए जाते हैं।