Sun, 27 Apr 2025 18:01:00 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
प्रतापगढ़: कोहड़ौर थाना क्षेत्र के परसूपुर गांव में रविवार का दिन एक भीषण दुखद घटना लेकर आया, जिसने न केवल एक परिवार को बल्कि पूरे गांव को गहरे शोक में डुबो दिया। नगर पंचायत कोहड़ौर के धरौली मधुपुर वार्ड निवासी तीन सगे भाई-बहन खुशी (10 वर्ष), केसरी (7 वर्ष) और कुकी (6 वर्ष) दोपहर के समय गांव के निकट स्थित एक तालाब में स्नान के लिए गए थे। लेकिन, यह सामान्य सी लगने वाली स्नान की यात्रा एक भयानक त्रासदी में बदल गई जब तीनों मासूम गहरे पानी में चले गए और डूबने से उनकी मृत्यु हो गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, गर्मी के चलते रविवार को दोपहर में बच्चे तालाब में नहाने पहुंचे थे। शुरुआत में सब कुछ सामान्य था। बच्चे उथले पानी में खेल रहे थे और एक-दूसरे के साथ हंसी-मजाक कर रहे थे। लेकिन, खेलते-खेलते वे तालाब के उस हिस्से में पहुंच गए जहां पानी अचानक गहरा हो गया। वहां का गहराई का अनुमान न लगा पाने के कारण तीनों एक के बाद एक डूबने लगे।
उनके साथ मौजूद अन्य बच्चों ने जब देखा कि केसरी, कुकी और खुशी पानी में हाथ-पांव मारते हुए डूब रहे हैं, तो उन्होंने घबराकर जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया। बच्चों की चीख-पुकार सुनते ही आसपास खेतों और घरों में काम कर रहे ग्रामीण दौड़ पड़े। लोग जान बचाने के प्रयास में तालाब में कूदे, लेकिन गहराई अधिक होने और कोई सुरक्षित बचाव साधन न होने के चलते वे बच्चों को तुरंत नहीं बचा सके।
सूचना पाते ही कोहड़ौर थाने से पुलिस टीम भी मौके पर पहुंची। पुलिस ने गांव वालों के सहयोग से तत्काल रेस्क्यू अभियान शुरू करवाया। कई प्रयासों के बाद तीनों बच्चों के शव तालाब से बाहर निकाले जा सके। बच्चों के शवों को बाहर निकालते ही गांव में कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। मां-बाप अपने बच्चों के शवों से लिपटकर बेसुध हो रहे थे। इस हृदयविदारक दृश्य को देखकर वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो गईं।
पुलिस ने मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। प्राथमिक जांच के अनुसार यह घटना एक दुर्घटना के रूप में सामने आई है। फिलहाल पुलिस ने पूरे मामले में आवश्यक विधिक कार्रवाई करते हुए जांच जारी रखी है।
गांव के बुजुर्गों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए प्रशासन से अपील की है कि गांव के सभी तालाबों के आसपास चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं और सुरक्षात्मक उपाय किए जाएं ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों को रोका जा सके।
परसूपुर गांव में इस त्रासदी के बाद गहरी खामोशी पसरी हुई है। हर चेहरा दुख और संवेदना में डूबा नजर आ रहा है। स्कूल के शिक्षक, ग्रामीण प्रतिनिधि और कई सामाजिक संगठन के कार्यकर्ता पीड़ित परिवार को सांत्वना देने पहुंच रहे हैं। खुशी, केसरी और कुकी की असमय मृत्यु ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है।
परिवार का कहना है कि खुशी पढ़ाई में बेहद होनहार थी और उसका सपना था कि वह बड़ी होकर अध्यापिका बने। केसरी और कुकी अभी छोटे थे लेकिन परिवार का उज्ज्वल भविष्य माने जा रहे थे। उनकी असामयिक मौत ने माता-पिता के सपनों को एक झटके में तोड़ दिया।
यह हादसा एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर रहा है कि गांवों में बच्चों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की कितनी ज़रूरत है। ग्रामीणों ने प्रशासन से यह भी मांग की है कि गर्मी के मौसम में तालाबों, नहरों और जलाशयों के पास विशेष निगरानी रखी जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की त्रासदियों से बचाव हो सके।