Mon, 12 May 2025 16:39:40 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए सीजफायर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात 8 बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे। यह संबोधन ऐसे समय पर हो रहा है जब सीमावर्ती क्षेत्रों में लंबे समय से जारी तनाव में अचानक से ठहराव आया है और दोनों देशों की सेनाएं फिलहाल नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने पर सहमत हुई हैं।
शनिवार को भारत और पाकिस्तान के बीच औपचारिक सीजफायर की घोषणा के बाद से पिछले तीन दिनों में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के डायरेक्टर जनरल्स ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्थिति की जानकारी साझा की है। इन ब्रीफिंग्स में सीमा पर स्थिति सामान्य होने की पुष्टि की गई है, हालांकि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां सतर्क बनी हुई हैं।
प्रधानमंत्री का यह संबोधन देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इसमें वे न केवल हालिया सीजफायर पर सरकार का रुख स्पष्ट कर सकते हैं, बल्कि "ऑपरेशन सिंदूर" को लेकर भी महत्वपूर्ण जानकारी साझा कर सकते हैं। यह ऑपरेशन हाल ही में सीमावर्ती क्षेत्र में भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा चलाया गया था और माना जा रहा है कि इसका उद्देश्य रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ठिकानों को सुरक्षित करना और दुश्मन की हरकतों का मुंहतोड़ जवाब देना था।
इससे पहले, 10 मई की रात 11:30 बजे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी अपनी जनता को संबोधित किया था, जिसमें उन्होंने भारत के खिलाफ पाकिस्तानी सेना द्वारा चलाए गए “ऑपरेशन बनयान-उन-मर्सूस” को एक बड़ी सफलता बताया था। उन्होंने दावा किया था कि पाकिस्तान ने भारत को सैन्य मोर्चे पर निर्णायक संदेश दिया है। इस संबोधन के बाद पाकिस्तान में "यौम-ए-तशक्कुर", यानी 'शुक्रिया दिवस' मनाया जा रहा है, जो वहां की सेना और नेतृत्व द्वारा दर्शायी जा रही जीत की भावना को उजागर करता है।
भारत की ओर से अब तक इस ऑपरेशन पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के इस संबोधन से देश को सरकार की रणनीति, कूटनीतिक प्रयासों और सैन्य स्थिति की विस्तृत जानकारी मिलने की संभावना है।
इसके अतिरिक्त, यह भी माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री देशवासियों को आश्वस्त करेंगे कि भारत की संप्रभुता और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया गया है, और सरकार हर स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए है।
रक्षा और विदेश मामलों के विशेषज्ञ इस संबोधन को भारत की नई कूटनीतिक दिशा और सामरिक नीति के संकेतक के रूप में देख रहे हैं। आज रात के भाषण में मोदी सरकार की आगे की रणनीति और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने की कोशिशों पर भी रोशनी डाली जा सकती है।
राष्ट्र के नाम प्रधानमंत्री का यह संबोधन ऐसे समय पर हो रहा है जब पूरा देश क्षेत्रीय सुरक्षा और पड़ोसी देशों के साथ भारत के संबंधों को लेकर सतर्क और सजग है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि मोदी का यह संदेश आने वाले दिनों में भारत की सैन्य और कूटनीतिक दिशा को किस ओर ले जाता है।