Thu, 08 May 2025 13:22:21 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर के बाद उत्पन्न हुए हालात को लेकर केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई उच्चस्तरीय सर्वदलीय बैठक बुधवार को समाप्त हो गई। यह बैठक सुरक्षा के गंभीर मुद्दों पर राजनीतिक एकजुटता और राष्ट्रीय हित में उठाए गए कदमों पर सहमति बनाने का प्रतीक बनकर सामने आई। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अध्यक्षता की और इसमें गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू समेत प्रमुख विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए। कांग्रेस की ओर से पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने बैठक में भाग लिया।
बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, "यह राष्ट्रीय संकट की घड़ी है और हम सरकार के साथ खड़े हैं।" उन्होंने बताया कि कुछ संवेदनशील जानकारियां गोपनीयता के दायरे में रखी गईं, जिनके बारे में विपक्ष को विस्तृत जानकारी नहीं दी गई, लेकिन यह बात वे समझते हैं। राहुल गांधी ने भी सरकार को ‘पूर्ण समर्थन’ देने की बात दोहराई और कहा कि आतंकवाद के खिलाफ देश को एकजुट होकर लड़ना चाहिए।
सरकार की ओर से ऑपरेशन सिंदूर के बाद की गई कार्रवाई और भविष्य की रणनीति को लेकर विपक्ष को विस्तृत जानकारी दी गई। अधिकारियों ने बताया कि सेना और सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, ताकि पाकिस्तान की ओर से किसी भी संभावित जवाबी कार्रवाई या युद्धविराम उल्लंघन का प्रभावी ढंग से जवाब दिया जा सके। खास तौर पर नियंत्रण रेखा (LoC) पर गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी स्थानीय बलों के साथ लगातार संपर्क में हैं।
आपको बताते चले कि, ऑपरेशन सिंदूर को 6 और 7 मई की दरमियानी रात 1:05 बजे से 1:30 बजे तक अंजाम दिया गया। महज 25 मिनट के इस सटीक सैन्य अभियान में भारतीय सशस्त्र बलों ने 24 मिसाइलों का इस्तेमाल करते हुए नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। इनमें से पांच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओजेके) में स्थित थे और चार पाकिस्तान के भीतर थे। इन ठिकानों पर आतंकियों को भर्ती कर प्रशिक्षण दिया जाता था। रक्षा सूत्रों ने बताया कि इस ऑपरेशन में आतंकी सरगना मसूद अजहर के परिवार के दस सदस्य भी मारे गए।
इस बीच, कांग्रेस पार्टी ने आतंकवाद के खिलाफ केंद्र सरकार को समर्थन देने की भावना के तहत अपने सभी निर्धारित सार्वजनिक कार्यक्रम, रैलियां और ‘संविधान बचाओ’ अभियान अस्थायी रूप से रोक दिए हैं। यह फैसला पार्टी की एकता और सुरक्षा को प्राथमिकता देने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
देश में तनावपूर्ण हालात को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आगामी तीन देशों – नॉर्वे, क्रोएशिया और नीदरलैंड – का दौरा रद्द कर दिया है। यह दौरा 13 से 17 मई तक प्रस्तावित था। सरकार का मानना है कि मौजूदा समय में प्रधानमंत्री की देश में मौजूदगी और नेतृत्व अत्यंत आवश्यक है।
राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इस संवेदनशील मसले पर सरकार और विपक्ष के बीच बनी यह सहमति और साझा मोर्चा इस बात का संकेत है कि भारत आतंकवाद से निपटने के लिए राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर एकजुट है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद बनी स्थिति पर नजर बनाए रखने और आगे की तैयारियों को मजबूती से अंजाम देने के लिए सुरक्षा एजेंसियों और सेना को पूरी तरह सक्रिय रखा गया है।