Thu, 15 May 2025 22:38:52 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
मुरादाबाद: एक बेहद संवेदनशील और मानवीय भावनाओं को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने न केवल समाज में रिश्तों की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं, बल्कि एक सरकारी अधिकारी की मानसिक पीड़ा और टूटते आत्मबल को भी उजागर किया है। मुरादाबाद में बिजली विभाग के एसडीओ शावेज़ अल्वी को एक युवती द्वारा झूठे दुष्कर्म के केस में फंसाने की धमकी देकर 25 लाख रुपए की मांग करने का मामला सामने आया है। पीड़ित एसडीओ इस मानसिक प्रताड़ना से इस कदर टूट गए कि उन्होंने जहर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। समय पर अस्पताल में भर्ती होने से उनकी जान तो बच गई, लेकिन यह घटना उनके जीवन में एक ऐसा गहरा ज़ख्म छोड़ गई है, जिसकी भरपाई शायद ही कभी हो पाए।
इस पूरी घटना की शुरुआत 11 फरवरी, 2025 को हुई, जब शावेज़ अल्वी को एक अनजान नंबर से फोन आया। कॉल करने वाली युवती ने बताया कि गलती से कॉल लग गया, लेकिन फिर धीरे-धीरे बातचीत बढ़ती गई और उसने अपना नाम तबिंदा उर्फ गोशिया बताया। फोन पर हुई इस आकस्मिक बातचीत ने कुछ ही समय में एक अनौपचारिक संबंध का रूप ले लिया। युवती ने एसडीओ को मुरादाबाद के बुध बाजार में हिंदू कॉलेज के पास बुलाया, वहां से व्हाट्सऐप नंबर शेयर हुआ, फिर चैटिंग शुरू हुई और कुछ मुलाकातों के बाद संबंध इतने आगे बढ़ गए कि शादी के वादे तक पहुंच गए।
हालांकि, शावेज़ की पारिवारिक परिस्थितियां इस रिश्ते के अनुकूल नहीं थीं। जब उन्होंने विवाह से इंकार किया, तो युवती और उसके परिजन धमकी देने लगे। युवती ने पुराने चैट्स और तस्वीरों का हवाला देते हुए 25 लाख रुपये की मांग की और पैसा न देने पर रेप के झूठे केस में फंसाने, सोशल मीडिया पर बदनाम करने जैसी धमकियाँ दीं। इस मानसिक और भावनात्मक दबाव से पीड़ित होकर शावेज़ ने 10 मई को जहर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। यह सब तब सामने आया जब उनके भाई मोहम्मद अफजल ने मझोला थाने में एफआईआर दर्ज कराई। एफआईआर में युवती तबिंदा उर्फ गोशिया, उसके भाई अल्तमश, मामा और फूफा शकील को नामजद किया गया है।
शावेज़ अल्वी वर्तमान में बिजली विभाग में ट्रांसमिशन एसडीओ के पद पर कार्यरत हैं और हाइडल कॉलोनी में रहते हैं। उनके भाई ने बताया कि परिवार के विरोध और युवती के व्यवहार को देखते हुए जब शावेज़ ने रिश्ता खत्म करने की कोशिश की, तो युवती और उसके परिजन उन पर दबाव बनाने लगे। उनके अनुसार, शावेज़ ने पहले ही दबाव में आकर दो लाख रुपये दे दिए थे, लेकिन जब ब्लैकमेलिंग का सिलसिला बंद नहीं हुआ, तो उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया।
इस मामले को लेकर सीओ सिविल लाइंस कुलदीप गुप्ता ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जांच के बाद जो तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर अरविंद कुमार सिंघल ने कहा कि उन्हें इस पूरे मामले की कोई जानकारी नहीं है और न ही परिजनों द्वारा कोई सूचना दी गई है।
शावेज़ की भर्ती बिजली विभाग में दिव्यांग कोटे के अंतर्गत हुई थी। यह भी एक महत्वपूर्ण पहलू है जो दिखाता है कि किसी विशेष परिस्थिति में कार्यरत व्यक्ति कितनी आसानी से मानसिक दबाव में आ सकता है। उनके परिजन अब इस मामले में इंसाफ की मांग कर रहे हैं।
दूसरी ओर, आरोपी युवती तबिंदा ने इस मामले में अपनी सफाई देते हुए कहा है कि एसडीओ ने पहले दोस्ती और फिर शादी का झांसा देकर उसे कई बार मिलने बुलाया। अब जब वह पीछे हट गए हैं, तो उनका परिवार उसे और उसके परिजनों को झूठे मुकदमे में फंसा रहा है। युवती का यह भी कहना है कि उसके पास चैट्स और अन्य सबूत मौजूद हैं, जिनके आधार पर वह भी कानूनी कार्रवाई करेगी।
यह पूरा मामला एक ऐसे सामाजिक और मानसिक संकट की ओर इशारा करता है, जिसमें विश्वास, भावनाएं और प्रतिष्ठा के नाम पर न केवल किसी की निजी ज़िंदगी को तहस-नहस किया जा सकता है, बल्कि उसका आत्मबल भी तोड़ा जा सकता है। इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोनों पक्षों की बातों को ध्यान में रखते हुए न्याय की आवश्यकता है, ताकि न केवल पीड़ित को राहत मिल सके, बल्कि समाज में एक संदेश जाए कि कानून का दुरुपयोग करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।