Wed, 16 Apr 2025 22:55:47 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
मिर्जापुर: पड़री थाना क्षेत्र के कम्हारी गांव में बोलेरो चालक की निर्मम हत्या और वाहन लूटकांड का बुधवार को पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया। इस खौफनाक वारदात के पीछे जो कहानी सामने आई, उसने पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया है। हैरान कर देने वाली बात यह है कि हत्या और लूट की इस साजिश को अंजाम देने वाले तीनों आरोपी नाबालिग हैं और उन्होंने यह वारदात लोकप्रिय वेब सीरीज मिर्जापुर से प्रेरित होकर रची थी। चौथा आरोपी हेमंत पांडेय उर्फ दीपक इस गैंग का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है, जो वाहन बेचने की योजना में पहले से शामिल था।
घटना का खुलासा करते हुए एएसपी ऑपरेशन ओपी सिंह और सीओ सदर अमर बहादुर सिंह ने बताया कि मृतक प्रमोद गुप्ता (26 वर्ष), निवासी कम्हारी गांव, अपने बोलेरो वाहन को किराए पर चलाता था। 10 अप्रैल की दोपहर को गांव के ही दो नाबालिगों ने एक महिला की विदाई कराने के बहाने उसकी बोलेरो बुक की और उसे पटेहरा चलने को कहा। भरुहना चौराहे पर पहुंचने पर देहात कोतवाली क्षेत्र का एक और नाबालिग उनके साथ मिला और फिर तीनों आरोपी प्रमोद को लेकर बोलेरो से रवाना हो गए।
जैसे-जैसे पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया, कहानी की गहराई और वीभत्सता सामने आने लगी। रास्ते में आरोपियों ने दो बोतल शराब खरीदी और चालाकी से प्रमोद को ज्यादा शराब पिलाई जबकि खुद बहुत कम पी। जब वे लालगंज के बहुती जंगल पहुंचे, तो वहीं पर पहले से नियोजित साजिश के तहत उन्होंने चाकू से प्रमोद पर ताबड़तोड़ हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया। हत्या के बाद शव को झाड़ियों में छिपा दिया गया और बोलेरो लेकर फरार हो गए।
इस हत्याकांड की जांच तब रफ्तार पकड़ी जब प्रमोद के भाई अमित गुप्ता ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। 14 अप्रैल को बहुती जंगल से जब प्रमोद का शव बरामद हुआ, तो पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। अमित के साले द्वारा दिए गए सुराग के आधार पर पुलिस ने तीनों नाबालिगों को हिरासत में लिया और जब उनसे गहन पूछताछ की गई, तो उन्होंने सच्चाई उगल दी।
पूछताछ के दौरान पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किया गया चाकू, खून से सनी दो शर्टें, और लूटी गई बोलेरो भी बरामद कर ली। इसके अलावा चौथे आरोपी हेमंत पांडेय उर्फ दीपक को भी गिरफ्तार किया गया, जो थाना संतनगर के पथरौर गांव का रहने वाला है। हेमंत के पास से बोलेरो का म्यूजिक सिस्टम और मैट भी बरामद हुआ है, जिसे उसने निकाल कर अलग कर दिया था। बताया जा रहा है कि हेमंत से बोलेरो को दो लाख रुपये में बेचने की पहले ही डील हो चुकी थी।
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि कम्हारी गांव के दोनों नाबालिग आरोपी पिछले 15 दिनों से वाहन लूट की योजना बना रहे थे। 10 अप्रैल को वे पहले अघवार गांव के एक बोलेरो चालक के पास पहुंचे थे, लेकिन जब उसकी गाड़ी उपलब्ध नहीं मिली, तो उन्होंने प्रमोद को निशाना बनाया। दुर्भाग्यवश अगर उस दिन अघवार निवासी चालक की बोलेरो बुक हो जाती, तो शायद आज वह जीवित न होता।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि तीनों नाबालिगों पर वेब सीरीज मिर्जापुर का गहरा असर था। वे सीरीज के मुख्य किरदार 'कालीन भैया' से इतने प्रभावित थे कि उनमें से एक ने खुद का नाम ही ‘कालीन भैया’ रख लिया था। फिल्मों और वेब सीरीज की दुनिया में डूबे इन किशोरों ने उसी हिंसक शैली में हत्या और लूट की वारदात को अंजाम दिया, जिससे यह साबित होता है कि फिक्शन और रियलिटी के बीच की सीमाएं उनके लिए पूरी तरह धुंधली हो चुकी थीं।
फिलहाल पुलिस ने तीनों नाबालिगों को बाल सुधार गृह और वयस्क आरोपी हेमंत को जेल भेज दिया है। इस मामले ने जहां एक ओर समाज को गहरे सदमे में डुबो दिया है, वहीं यह भी सवाल खड़ा कर दिया है कि डिजिटल कंटेंट का बच्चों और किशोरों के मनोविज्ञान पर कितना गहरा और खतरनाक प्रभाव पड़ सकता है।
कम्हारी गांव आज गम और सन्नाटे में डूबा है। प्रमोद गुप्ता की मौत सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि यह एक चेतावनी है—सिनेमा और डिजिटल मीडिया के अंधे अनुकरण ने एक और मासूम जान ले ली। पुलिस का त्वरित एक्शन सराहनीय है, लेकिन समाज और अभिभावकों को भी यह सोचने की जरूरत है कि मनोरंजन के नाम पर क्या परोसा जा रहा है और उसका असर हमारे बच्चों पर किस कदर पड़ रहा है।