Tue, 06 May 2025 17:34:25 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
मिर्जापुर: पड़री ब्लॉक के अकसौली गांव में मंगलवार का दिन ऐतिहासिक और भावनाओं से भरपूर रहा, जब गांव की पगडंडियों पर पहली बार एक हेलिकॉप्टर उतरा और उसमें बैठी नई नवेली दुल्हन अपने ससुराल पहुंची। ये कोई फिल्मी दृश्य नहीं था, बल्कि एक परिवार की वर्षों पुरानी ख्वाहिश की सजीव झलक थी। लालगंज के उसरी खमरिया गांव निवासी प्रिया तिवारी की शादी सोमवार रात रोहित दूबे से पूरे रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुई थी। लेकिन इस शादी की सबसे खास बात तब सामने आई, जब विदाई के अगले दिन यानी मंगलवार को दुल्हन की ससुराल आगमन की तैयारी किसी शाही अंदाज में हुई।
रोहित दूबे की दादी की यह दिली ख्वाहिश थी कि जब बहू घर आए, तो उड़नखटोले से आए। इस सपने को साकार करने के लिए रोहित और उनके परिवार ने विशेष रूप से लखनऊ से एक हेलिकॉप्टर मंगवाया। सुबह नौ बजे ससुराल से निकले नवविवाहित जोड़े का हेलिकॉप्टर ठीक नौ बजकर तीस मिनट पर अकसौली गांव की सीमाओं में उतरा। जैसे ही हेलिकॉप्टर ने गांव की ज़मीन को छुआ, सैकड़ों ग्रामीण उस दृश्य को अपनी आंखों में कैद करने उमड़ पड़े। मोबाइल कैमरों की फ्लैश लाइट्स, बच्चों की कौतूहल भरी निगाहें और बुजुर्गों की भावुक मुस्कानें। सभी ने मिलकर इस पल को अविस्मरणीय बना दिया।
रोहित दूबे जो कि पेशे से इंजीनियर है उन्होंने हमारे संवाददाता से बताया कि उनका प्राथमिक शिक्षा मिर्जापुर में ही हुआ, जबकि उच्च शिक्षा नोएडा से प्राप्त की। उन्होंने कहा कि यह हेलिकॉप्टर विदाई उनके दादा-दादी की प्रेरणा का परिणाम है, जिनकी हमेशा यह इच्छा थी कि बहू कुछ खास अंदाज़ में ससुराल आए। “आज दादी का सपना पूरा करके दिल को बहुत सुकून मिला है,” उन्होंने भावुक होते हुए कहा।
वहीं, प्रिया तिवारी भी इस अनुभव को लेकर उत्साहित दिखीं। उन्होंने कहा, “मैंने कभी सोचा नहीं था कि मेरी विदाई इतनी खास होगी। हेलिकॉप्टर से ससुराल पहुंचना एक सपना सा लग रहा है। यह दिन मेरी जिंदगी का सबसे यादगार लम्हा बन गया।”
इस पूरे आयोजन में न सिर्फ दूल्हा-दुल्हन और उनके परिजन शामिल थे, बल्कि गांव के सैकड़ों लोग भी इस पल के गवाह बने। प्रिया के पिता अनिल दूबे ने बताया कि यह पहल उनके बेटे और पूरे परिवार की इच्छा थी, जिसे पूरे मान-सम्मान और भावनात्मक जुड़ाव के साथ साकार किया गया। उन्होंने कहा, “इस आयोजन से हमारी परंपरा और आधुनिकता का जो संगम हुआ है, वह भविष्य में यादगार मिसाल बनेगा।”
इस तरह एक सामान्य गांव की साधारण शादी, असाधारण बन गई। दादी की एक ख्वाहिश ने पूरे गांव को गर्व से भर दिया और यह साबित कर दिया कि परंपराएं जब सपनों से मिलती हैं, तो आसमान भी जमीन पर उतर आता है।