वाराणसी: चोलापुर में अवैध खनन पर खनन विभाग की बड़ी कार्रवाई, 5 ट्रैक्टर सीज

वाराणसी के चोलापुर थाना क्षेत्र के गोसाईपुर में ग्रामीणों की शिकायत पर खनन विभाग ने अवैध खनन में शामिल पांच ट्रैक्टरों को सीज किया, जांच में खनन की अनुमति फर्जी पाई गई।

Mon, 02 Jun 2025 19:43:39 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी: जिले के चोलापुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत गोसाईपुर पुलिस चौकी के ग्राम सभा नेहिया में खनन विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध खनन में संलिप्त पांच ट्रैक्टरों को जब्त कर लिया। यह कार्रवाई उस समय की गई जब क्षेत्रीय ग्रामीणों द्वारा अवैध खनन की शिकायत संबंधित विभाग को दी गई, जिसके बाद खनन अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच कर स्थिति की सच्चाई उजागर की।

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में लंबे समय से बिना किसी वैध अनुमति के दिनदहाड़े खनन किया जा रहा था। जब कुछ ग्रामीणों और पुलिसकर्मियों ने खनन कार्य में लगे लोगों से इसकी जानकारी मांगी, तो जवाब मिला कि उन्हें खनन विभाग से विधिवत परमिशन प्राप्त है। हालांकि, जब इस बाबत खनन विभाग को शिकायत दी गई और अधिकारी स्वयं मौके पर पहुंचे तो जांच में स्पष्ट हुआ कि ऐसी कोई अनुमति जारी नहीं की गई थी। इसके बाद खनन अधिकारी ने बिना देर किए तत्काल कार्रवाई करते हुए पांचों ट्रैक्टरों को सीज कर स्थानीय थाने में खड़ा करा दिया।

गांव नेहिया में हुई इस कार्रवाई ने प्रशासन की सतर्कता का एक उदाहरण तो पेश किया है, लेकिन साथ ही यह भी उजागर किया है कि किस प्रकार से कुछ क्षेत्रों में कानून को धता बताकर अवैध खनन का कार्य खुलेआम किया जा रहा है। जांच में पाया गया कि खनन करने वाले मजदूर और ट्रैक्टर चालक दिन के उजाले में ही मिट्टी और बालू की खुदाई कर रहे थे और पूछताछ के दौरान झूठे दस्तावेज़ या मौखिक दावे कर लोगों को भ्रमित कर रहे थे।

इस बीच, वाराणसी के रामनगर क्षेत्र में भी अवैध खनन का मामला तेजी से बढ़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वहां बिना किसी रोक-टोक के खुलेआम खनन हो रहा है और प्रशासन की आंखों के सामने सब कुछ होते हुए भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि इस अवैध कारोबार में कुछ पुलिसकर्मियों की मिलीभगत भी शामिल हो सकती है, जिसकी वजह से कार्यवाही को जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा है।

रामनगर और वाराणसी क्षेत्र के आसपास के सभी जनपदों की स्थिति प्रशासन के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि यदि जल्द ही कठोर कदम नहीं उठाए गए तो यह अवैध गतिविधियाँ न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुँचाएंगी, बल्कि प्रशासन की साख पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा करेंगी। यह देखना अब अहम होगा कि क्या जिला प्रशासन इस मामले में और भी सख्त रुख अपनाता है या फिर यह अवैध खनन माफिया यूं ही अपनी मनमानी जारी रखते हैं।

अवैध खनन को रोकने के लिए समय-समय पर छापेमारी और जांच की आवश्यकता है। पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ कानून के शासन को भी बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। खनन विभाग की यह कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन आवश्यकता है कि ऐसी कार्रवाईयों की निरंतरता बनी रहे और दोषियों को कानूनी दायरे में लाकर सख्त सजा दी जाए, ताकि भविष्य में कोई इस प्रकार के गैरकानूनी कृत्यों को अंजाम देने का साहस न कर सके।

सौजन्य: न्यूज रिपोर्ट

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