Fri, 18 Apr 2025 12:31:11 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
मैनपुरी: शहनाइयों की गूंज के बीच जश्न का माहौल था। गांव बसंतपुर के आंगन में बारात का स्वागत फूलों और गीतों के साथ हो रहा था। हर आंख खुशी से चमक रही थी, पर किसे पता था कि इस खुशी के आकाश पर एक नशे की काली घटा इस तरह छा जाएगी कि रिश्तों की डोर जयमाला से पहले ही टूट जाएगी।
इटावा के सैफई थाना क्षेत्र के गांव शाहजहांपुर से दूल्हा आमोद अपने सपनों की बारात लेकर मैनपुरी के बसंतपुर गांव पहुंचा था। बारातियों का नाच-गाना, स्वागत-सत्कार सब कुछ एक राजसी समारोह का आभास दे रहा था। लेकिन इस चमकते माहौल के बीच दूल्हे की एक भूल ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया।
नशे में धुत दूल्हा और मंच पर गालियों की बौछार
द्वाराचार की रस्में पूरी होने के बाद जैसे ही जयमाला के लिए स्टेज सजा, हर किसी की नजर दूल्हा-दुल्हन पर टिकी थी। लेकिन तभी, वह दृश्य जिसने सबकी रूह कांप दी, दूल्हा आमोद ने स्टेज पर आते ही अपनी होने वाली दुल्हन डॉली को गालियां देनी शुरू कर दीं।
डॉली की आंखों में छलकते अपमान और गुस्से के आंसू देख हर कोई सन्न रह गया। नशे में लड़खड़ाते कदमों से खड़ा दूल्हा, अपने बेकाबू व्यवहार से एक पवित्र रिश्ते को चूर-चूर कर चुका था।
पंचायत में दुल्हन का बुलंद फैसला: "शादी नहीं करूंगी"
अपमानित महसूस कर दुल्हन डॉली ने पूरे समाज और रिश्तेदारों के सामने साहसिक निर्णय लिया और शादी से इनकार कर दिया। भरी भीड़ में डॉली ने दृढ़ता से कहा, जो अपनी शादी के दिन नशे में धुत होकर गालियां दे सकता है, वह जिंदगी भर इज्जत क्या देगा। उसका यह बयान मानो समाज के उन तमाम चेहरों पर करारा तमाचा था, जो अक्सर बेटियों से चुप रहने की उम्मीद करते हैं।
थाने तक पहुंचा मामला, लेकिन दुल्हन टस से मस नहीं हुई
घंटों चली पंचायत, रिश्तेदारों की लाख मिन्नतें, बड़े-बुजुर्गों की नसीहतें भी डॉली के फैसले को नहीं बदल पाईं। मामला किशनी थाने तक पहुंचा, जहां दोनों पक्षों के बीच समझौते की कई कोशिशें हुईं। लेकिन दुल्हन ने साफ कह दिया कि वह नशेड़ी के साथ जिंदगी नहीं बर्बाद करेगी।
घरातियों ने भी अपनी बेटी के आत्मसम्मान का साथ दिया और शादी को यहीं खत्म करने का निर्णय लिया।
बैरंग लौटी बारात, दिल में टीस छोड़ गया जश्न
जिस बारात के स्वागत में घरातियों ने दिल खोलकर मेहमाननवाजी की थी, वही बारात बिना दुल्हन के बैरंग लौट गई। जाते-जाते दुल्हा पक्ष पर घटिया गहने और कपड़े लाने के भी आरोप लगे। इस पूरे घटनाक्रम ने गांव भर में चर्चा का बाजार गर्म कर दिया है। हालांकि दोनों पक्षों में अभी तक कोई कानूनी शिकायत दर्ज नहीं हुई है।
समाज में एक संदेश छोड़ गई डॉली की हिम्मत
डॉली का यह साहसिक कदम न सिर्फ अपनी जिंदगी बचाने का था, बल्कि समाज को भी यह संदेश देने वाला था कि आत्मसम्मान के साथ कोई भी समझौता नहीं होना चाहिए, चाहे वह रिश्ता शादी जैसा पवित्र ही क्यों न हो।