Wed, 14 May 2025 10:27:01 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए एहतियातन कदम उठाते हुए राजधानी लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान, जिसे आमतौर पर लखनऊ चिड़ियाघर के नाम से जाना जाता है, को 14 मई से 20 मई 2025 तक अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। यह फैसला गोरखपुर स्थित शाहीन बाग चिड़ियाघर में एक बाघिन की H5 एवियन इन्फ्लुएंजा (बर्ड फ्लू) से मौत की पुष्टि के बाद राज्य सरकार द्वारा लिया गया है।
हालांकि अब तक लखनऊ चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू का कोई पुष्ट मामला सामने नहीं आया है, फिर भी संक्रमण के खतरे को ध्यान में रखते हुए सावधानी के तौर पर यह कदम जरूरी समझा गया। चिड़ियाघर में मौजूद कुल 998 वन्य जीवों की निरंतर निगरानी की जा रही है। विशेषज्ञों की टीमों द्वारा सभी जानवरों के व्यवहार और स्वास्थ्य पर बारीकी से नजर रखी जा रही है और किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर तत्काल चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशभर के सभी चिड़ियाघरों, पक्षी विहारों, राष्ट्रीय उद्यानों, वेटलैंड क्षेत्रों और गो-आश्रय स्थलों में रहने वाले संरक्षित पशु-पक्षियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश जारी किए हैं। उनके आदेश के तहत संबंधित विभागों को सतर्क रहने को कहा गया है और सभी कर्मचारियों को पीपीई किट्स, मास्क, दस्ताने और अन्य आवश्यक सुरक्षा उपकरणों से लैस किया गया है। इसके साथ ही चिड़ियाघरों और अन्य संवेदनशील स्थलों पर स्वच्छता व्यवस्था को और अधिक मजबूत किया गया है ताकि संक्रमण की कोई संभावना शेष न रहे।
लखनऊ चिड़ियाघर की यह अस्थायी बंदी दर्शकों और कर्मचारियों दोनों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से उठाया गया एक निवारक कदम है। अधिकारियों का कहना है कि यदि आगामी दिनों में किसी नए मामले की पुष्टि नहीं होती है तो चिड़ियाघर को 21 मई 2025 से दोबारा खोला जा सकता है। इसके लिए प्रतिदिन स्थिति की समीक्षा की जा रही है और आवश्यकतानुसार अगले आदेश जारी किए जाएंगे।
प्राणी उद्यान के निदेशक समेत वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने आम जनता से अपील की है कि वे इस निर्णय का सम्मान करें और अफवाहों पर ध्यान न दें। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि सभी वन्यजीव सुरक्षित हैं और सरकार द्वारा हर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं ताकि प्रदेश में बर्ड फ्लू का प्रसार न हो सके।