Mon, 05 May 2025 18:24:19 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी में उस समय उम्मीदों की नई रोशनी जली, जब राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य श्री सत्येंद्र बारी ने आज लखनऊ स्थित बाबू के.डी. सिंह स्टेडियम का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने खेल गतिविधियों, खिलाड़ियों की उपलब्ध सुविधाओं और विशेष रूप से पिछड़े समाज के युवाओं को खेल में अवसर देने की संभावनाओं पर गहराई से मंथन किया।
निरीक्षण के दौरान श्री बारी ने क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी श्री अनिमेष जी से मुलाकात कर विचार-विमर्श किया और कहा कि ऐसे कई प्रतिभाशाली बच्चे हैं जो संसाधनों और जानकारी के अभाव में अपने सपनों को दबा देते हैं।
उन्होंने कहा "ऐसे बच्चों को मंच देना हमारी सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी है। शासन की योजनाओं को उन तक पहुँचाना मेरा संकल्प है।"
यूपी खबर के विशेष संवाददाता से बातचीत करते हुए श्री बारी ने बताया, कि "मेरा उद्देश्य है कि पिछड़े वर्ग के हर होनहार युवा को खेलों में आगे बढ़ने का अवसर मिले। भाजपा सरकार में आज खेल के क्षेत्र में युवाओं के लिए अपार संभावनाएं हैं, और यह सरकार पूरी निष्ठा के साथ उन पर काम कर रही है।"
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार ने खेल को केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि रोजगार और सम्मान का साधन बनाया है। "खेलो इंडिया जैसे अभियान और स्पोर्ट्स स्कॉलरशिप की योजनाएं इस बात का प्रमाण हैं कि यदि कोई बच्चा मेहनत करता है, तो उसकी आर्थिक या सामाजिक स्थिति उसके भविष्य की बाधा नहीं बन सकती।"
श्री बारी ने 'यूपी खबर' से यह भी साझा किया कि आयोग ऐसे सभी युवाओं की सूची तैयार कर रहा है जो खेल के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, ताकि उन्हें प्रशिक्षण, स्कॉलरशिप, खेल किट्स और सरकारी योजनाओं से जोड़कर एक सशक्त मंच प्रदान किया जा सके।
क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी श्री अनिमेष जी ने भी पूर्ण सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा, "हमारा उद्देश्य है कि हर प्रतिभाशाली खिलाड़ी तक सुविधा पहुंचे, और कोई भी बच्चा केवल संसाधनों की कमी के कारण पीछे न रह जाए।"
श्री बारी ने समाज के प्रबुद्धजनों और जनप्रतिनिधियों से भी अपील की कि वे अपने क्षेत्रों में ऐसे बच्चों की पहचान कर उन्हें सामने लाएं। "मैं व्यक्तिगत रूप से ऐसे सभी युवाओं से मिलना चाहता हूं। आप यूपी खबर के माध्यम से मुझसे जुड़ें, मैं वादा करता हूं । हर बच्चे को उसका हक और सम्मान दिलवाऊंगा।"
यह दौरा केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि एक गहरी सोच और ठोस संकल्प का परिणाम था। श्री बारी की इस पहल से निश्चित रूप से हजारों युवाओं को नई दिशा, नई प्रेरणा और एक उज्जवल भविष्य मिलेगा।